अभय सिन्हा ने कहा, लोकतंत्र को दोष मुक्त बनाना चाहते थे लोकनायक जयप्रकाश
नई दिल्ली, 08 अप्रैल लोकनायक जयप्रकाश अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विकास केंद्र के राष्ट्रीय महासचिव अभय सिन्हा ने कहा कि 8 अप्रैल, 1974 को ‘छुब्ध ह्रदय है बंद जुबान’ का नारा देते हुए आज के दिन ही जेपी ने छात्रों के शिक्षा सहित जनता के कई मुद्दों पर आंदोलन का नेतृत्व स्वीकार किया था। सिन्हा ने जेपी आंदोलन दिवस’ के अवसर पर सत्याग्रह मंडप गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति, राजघाट परिसर में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में शुक्रवार को यह बात कही।
लोकनायक जयप्रकाश अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विकास केंद्र एवं गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के संयुक्त तत्वाधान में ‘ग्राम स्वराज एवं अंत्योदय: गांधी जेपी के सर्वोदय की कल्पना का समाज’ विषय पर आयोजित इस बैठक की शुरुआत जेपी आंदोलन में शामिल रहे गणमान्य व्यक्ति और सम्मानित अतिथियों ने द्वीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर प्रेस को संबोधित करते हुए अभय सिन्हा ने बताया कि लोकनायक ने दमन के विरोध में पटना में एक मौन जुलूस का नेतृत्व आज के दिन प्रदान किया था।
सिन्हा ने बताया कि सर्वोदय और भू-दान आंदोलन की सीमित सफलता से दुखी जयप्रकाश नारायण लोकतंत्र को दोष मुक्त बनाना चाहते थे। वो धनबल और चुनाव के बढ़ते खर्च को कम करना चाहते थे, ताकि जनता का भला हो सके. साथ ही जेपी का सपना एक ऐसा समाज बनाने का था, जिसमें नर-नारी के बीच समानता हो और जाति का कोई भेदभाव न हो। उन्होंने कहा कि जेपी के आंदोलन में मुंह पर पट्टी बांधे हाथ पीछे किए बिहार की राजधानी पटना के सड़क हजारों लोग चल रहे थे।
आंदोलन में शामिल लोग मौन और निःशब्द चलते जा रहे, लेकिन पट्टी में लिखे हुए शब्द गुंज रहे थे। छुब्ध ह्रदय है बंद जुबान। हमला चाहे जैसा होगा हाथ हमारा नहीं उठेगा। उस मौन जुलूस में स्व फणीश्वर बात रेणु, कवि सत्यनारायण , पत्रकार एवं प्रेस फोटोग्राफर सत्यनारायण दुसरे के साथ रचनाकार कवि रंगकर्मी पत्रकार वकील और बुद्धिजीवी भी शामिल थे।
इस अवसर पर गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के उपाध्यक्ष एवं पूर्व केंदीय मंत्री विजय गोयल, पूर्व मंत्री सुनिल शास्त्री, सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, सुधींद्र भदौरिया, राष्ट्रीय प्रवक्ता बसपा एवं सुप्रसिद्ध जेपी सेनानी, डा. रंजना कुमारी , निदेशक सोशल रिसर्च इंडिया, राजीव बोरा सुप्रसिद्ध गांधीवादी एवं अध्यक्ष स्वराज पीठ ट्रस्ट, रघु ठाकुर सुप्रसिद्ध समाजवादी विचारक एवं संरक्षक लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी, डॉक्टर संदीप मारवाह अध्यक्ष एशियन एकेडमी ऑफ़ फिल्म एंड टेलिविजन, वेद प्रताप वैदिक वरिष्ठ पत्रकार, राजीव रंजन प्रसाद, राष्ट्रीय सचिव एवं प्रवक्ता जद (यू), दीपांकर श्रीज्ञान निदेशक गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति, प्रसिद्ध पर्यावरणविद् ज्ञानेंद्र रावत के अलावा अन्य महत्वपूर्ण गणमान्य अतिथियों ने अपने विचार व्यक्त किये।
इसके अलावा सुप्रसिद्ध जेपी सेनानी सुधींद्र भदौरिया, रंजना कुमारी और अरुण श्रीवास्तव को ‘जेपी सेनानी सम्मान’ से लोकनायक जयप्रकाश अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विकास केंद्र ने सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत में ग्लोबल इंडियन आर्ट एंड कल्चर के निदेशक एवं कत्थक नृत्यांगना डॉक्टर सुमिता दत्ता राय सांस्कृतिक कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुति दी। वहीं, दिल्ली की अन्य महत्वपूर्ण सांस्कृतिक संस्थाओं के द्वारा कार्यक्रम में देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया। इसके पश्चात जीकेसी की प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन कार्यक्रम की विविधताओं के बारे में चर्चा करते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया।