बाल श्रम के उन्मूलन के लिए अंतर्विभागीय समन्वय की आवश्यकता-डीडीसी
पटना। बाल श्रम उन्मूलन के लिए की गयी बैठक में डीडीसी तनय सुलतानियां ने कहा कि बाल श्रम के उन्मूलन के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय की आवश्यकता है। जिले में बाल श्रमिकों की पहचान, विमुक्ति, पुनर्वास एवं बाल श्रम के उन्मूलन हेतु की गई कार्रवाइयों की समीक्षा की गई तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया गया।
उन्होंने कहा कि विमुक्त बाल श्रमिकों तक सरकार की विभिन्न लोक कल्याणकारी एवं विकासात्मक योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाएगा। पंचायती राज संस्थाओं, शिक्षा, पुलिस, स्वास्थ्य, विधि, समाज कल्याण विभाग सहित सभी भागीदारों को आपस में सार्थक समन्वय करते हुए बाल श्रम उन्मूलन हेतु प्रतिबद्ध रहना होगा।
श्री सुलतानिया ने कहा कि जो बाल श्रमिक विमुक्त कराए जाते हैं उनका फ ॉलो अप किया जाए ताकि वे पुन: बाल श्रम की ओर न लौटें। उनके पुनर्वास, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य सभी आवश्यकताओं का ध्यान रखा जाए। जिला बाल संरक्षण इकाई को निदेश दिया गया कि सीएलटीएस में दर्ज विमुक्त बच्चों की सूची के आधार पर उनके एवं उनके परिवार की आवश्यकता के अनुसार विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर सरकारी योजनाओं से जोडऩे का कार्य करेंगे। उन्होंने आम जनता से आह्वान किया कि बाल श्रम से संबंधित कोई भी सूचना या शिकायत मोबाईल नं 9471229133 पर भेजी जाए। जिला स्तर से इसपर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
इस बैठक में श्रम अधीक्षक पटना रणवीर रंजन द्वारा जिला टास्क फ ोर्स के गठन, संरचना एवं उद्देश्यों से सदस्यों को अवगत कराया गया। डीडीसी श्री सुल्तानिया ने पटना जिला अंतर्गत बाल श्रम से विमुक्त एवं सीएलटीएस में दर्ज विमुक्त बच्चों को विमुक्ति पश्चात पुनर्वासित किए जाने से संबंधित अद्यतन प्रतिवेदन का जायजा लिया। श्रम अधीक्षक द्वारा प्रस्तुतिकरण के दौरान बताया गया कि सीएलटीएस में दर्ज कुल विमुक्त बाल श्रमिकों की संख्या 498 है। वर्तमान समय तक पटना जिला से संबंधित कुल 126 बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया गया है।
डीडीसी श्री सुल्तानिया ने प्रखंड स्तरों पर टास्क फ ोर्स की बैठक कराने एवं नियमित अंतराल पर इस टास्क फ ोर्स के माध्यम से बाल श्रम उन्मूलन कार्यक्रम का अनुश्रवण करने का निदेश दिया। उन्होंने श्रम अधीक्षक को सभी प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ उन्मुखीकरण एवं संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित करने का निदेश दिया। पात्रता रखने वाले बाल एवं किशोर श्रमिकों के परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर जन वितरण प्रणाली से जोड़ते हुए राशन कार्ड निर्गत करने का तथा उनके परिवार को प्राथमिकता के आधार पर मनरेगा के अंतर्गत जॉब कार्ड उपलब्ध कराने हेतु निदेश दिया।
डीडीसी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को निदेश दिया कि विमुक्त बाल एवं किशोर श्रमिकों को उच्च प्राथमिकता के आधार पर प्रारंभिक एवं बुनियादी शिक्षा उपलब्ध कराया जाए। डीडीसी श्री सिंह ने कहा कि बाल श्रम उन्मूलन, विमुक्ति एवं पुनर्वास हेतु सभी भागीदारों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। बैठक में अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।