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बाल श्रम के उन्मूलन के लिए अंतर्विभागीय समन्वय की आवश्यकता-डीडीसी

पटना। जिला पदाधिकारी पटना सह अध्यक्ष जिला टास्क फ ोर्स डॉ चन्द्रशेखर सिंह के निदेश पर उप विकास आयुक्त पटना तनय सुल्तानिया की अध्यक्षता में बाल श्रम उन्मूलन हेतु गठित जिला स्तरीय टास्क फ ोर्स की बैठक हुई। इस बैठक में जिले में बाल श्रमिकों की पहचान, विमुक्ति, पुनर्वास एवं बाल श्रम के उन्मूलन हेतु की गई कार्रवाइयों की समीक्षा की गई तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया गया।

डीडीसी श्री सुल्तानिया ने बाल श्रम के उन्मूलन हेतु अन्तर्विभागीय समन्वय की आवश्यकता पर बल देते हुए विमुक्त बाल श्रमिकों तक सरकार के विभिन्न लोक कल्याणकारी एवं विकासात्मक योजनाओं का लाभ पहुँचाने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं, शिक्षा, पुलिस, स्वास्थ्य, विधि, समाज कल्याण विभाग सहित सभी भागीदारों को आपस में सार्थक समन्वय करते हुए बाल श्रम उन्मूलन हेतु प्रतिबद्ध रहना होगा। इस बैठक में श्रम अधीक्षक पटना द्वारा जिला टास्क फ ोर्स के गठन, संरचना एवं उद्देश्यों से सदस्यों को अवगत कराया गया। सहायक निदेशकए बाल संरक्षण इकाई पटना द्वारा बाल श्रम उन्मूलनए विमुक्ति एवं पुनर्वास से संबंधित कार्य योजना पर प्रकाश डाला गया।

उन्होंने चाइल्ड लेबर ट्रैकिंग सिस्टम सीएलटीएस के बारे में बताया गया। उनके द्वारा बताया गया कि बाल श्रम से विमुक्त बच्चों के बारे में सभी प्रकार की सूचनाए नियोजक के विरूद्ध की गयी कार्रवाई एवं पुनर्वासन संबंधी कृत कार्रवाई को ऑनलाईन पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। श्रम अधीक्षक द्वारा बाल श्रम उन्मूलन हेतु कृत कार्रवाई से संबंधित अद्यतन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।

इस वर्ष अभीतक 32 बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया गया है। विगत एक माह में बाल श्रम उन्मूलन हेतु चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत कुल 15 बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया गया है। 1 अप्रैल 2014 से अब तक पटना जिला से कुल 182 बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया गया है। पटना जिला से विमुक्त कराए गए कुल 182 बाल श्रमिकों में से 54 विमुक्त बाल श्रमिक दूसरे जिला के निवासी है।

डीडीसी श्री सुल्तानिया ने प्रखंड स्तरों तथा पंचायत स्तरों पर टास्क फ ोर्स के गठन करने एवं नियमित अंतराल पर इस टास्क फ ोर्स के माध्यम से बाल श्रम उन्मूलन कार्यक्रम का अनुश्रवण करने का निदेश दिया। उन्होंने श्रम अधीक्षक को सभी प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित करने का निदेश दिया। डीडीसी श्री सुल्तानिया ने विमुक्त बाल श्रमिकों का शत प्रतिशत भौतिक सत्यापन कर मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रति विमुक्त बाल श्रमिक रुपये 25 हजार की दर से विमुक्त बाल श्रमिक के नाम से सावधि जमा की प्रक्रिया को त्वरित गति से पूर्ण करने का निदेश दिया।

उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार आवंटन की अधियाचना कर लें। डीडीसी ने कहा कि सहायक निदेशक बाल संरक्षण इकाई, विमुक्त बाल एवं किशोर श्रमिकों के शैक्षणिक एवं आर्थिक पुनर्वास हेतु राज्य कार्य योजनान्तर्गत नोडल पदाधिकारी के रूप में नामित हैं। उनको निदेश दिया गया कि सीएलटीएस में दर्ज विमुक्त बच्चों की सूची के आधार पर उनके एवं उनके परिवार की आवश्यकता के अनुसार विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर सरकारी योजनाओं से जो? ने का कार्य करेंगे।

डीडीसी ने पात्रता रखने वाले बाल एवं किशोर श्रमिकों के परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर जन वितरण प्रणाली से जोड़ते हुए राशन कार्ड निर्गत करने का तथा उनके परिवार को प्राथमिकता के आधार पर मनरेगा के अंतर्गत जॉब कार्ड उपलब्ध कराने हेतु निदेश दिया। डीडीसी ने शिक्षा विभाग को निदेश दिया कि विमुक्त बाल एवं किशोर श्रमिकों को उच्च प्राथमिकता के आधार पर प्रारंभिक एवं बुनियादी शिक्षा उपलब्ध कराया जाएए उनका नामांकन विद्यालय में कराने तथा उनको मुफ्त पाठ्य पुस्तक मध्याह्न भोजन, छात्रवृति, साईकिल एवं पोशाक उपलब्ध कराया जाए।

डीडीसी ने कहा कि बाल श्रम जैसे सामाजिक बुराई को जड़ से समाप्त करने के लिए सघन जन जागरूकता अभियान चलाने का आवश्यकता है। डीडीसी ने कहा कि जिन परिवारों के बच्चों को मजबूरन बाल श्रमिक बनने की सम्भावना है उनपर ध्यान केन्द्रित करते हुए ऐसे परिवारों के बच्चे को चिन्हित करते हुए आईसीडीएस केन्द्रों में नामांकित करने की कार्रवाई की जाए। बैठक में डीडीसी के साथ जिला पंचायती राज पदाधिकारी, शिक्षा, पुलिस, स्वास्थ्य, कल्याण, सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के प्रतिनिधि एवं अन्य भी पदाधिकारी उपस्थित थे।