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कोविड 19: 180 दिनों के लिए और बढ़ाई गई स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बीमा योजना

कोरोना महामारी के दौर में संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा स्वास्थ्य कर्मियों को रहा। जिन्हें दिन रात संक्रमित के संपर्क में रहना पड़ता है। ऐसे में अग्रिम मोर्चे पर स्वास्थ्य सेवा देने वालों की सुरक्षा केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है। इसलिए अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्वास्थ्य कर्मियों के चलाई जा रही लिए बीमा योजना को 180 दिनों के लिए और आगे बढ़ा दिया है।

19 अप्रैल से के बाद भी जारी रहेगी योजना

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) के तहत कोरोना से लड़ने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बीमा योजना को 180 दिनों की अवधि के लिए बढ़ा दिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस योजना को विस्तार दे दिया है। 19 अप्रैल से 180 और दिनों के लिए बीमा योजना जारी रहेगी।

सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता योजना में शामिल

दरअसल, कोविड-19 महामारी अब भी समाप्त नहीं हुई है और कई राज्यों,केंद्र शासित प्रदेशों में अब भी कोविड केस बढ़ने लगे हैं, ऐसे में बीमा पॉलिसी को 180 दिनों यानि यानी 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है ताकि कोविड-19 रोगियों की देखभाल के लिए नियुक्त स्वास्थ्य कर्मियों के आश्रितों को सुरक्षा कवच प्रदान करना जारी रखा जा सके। इसके लाभार्थियों में सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मी और निजी स्वास्थ्य कर्मी सहित सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को शामिल किया गया।

स्वास्थ्य कर्मचारियों को 50 लाख रुपये का बीमा

बता दें कि पीएमजीकेपी को 30 मार्च, 2020 को लॉन्च किया गया था। इस योजना के तहत देश के अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर कार्यरत 22.12 लाख स्वास्थ्य कर्मचारियों को 50 लाख रुपये का बीमा कराया गया है। इस योजना के तहत कोरोना के मरीजों के इलाज करने के दौरान स्वास्थ्य कर्मचारियों और डॉक्टरों की मौत के बाद उनके आश्रितों को 50 लाख रुपये बीमा राशि दी जाती है। देश में अब तक 1905 स्वास्थ्य कर्मियों के आवेदनों का निपटारा किया जा चुका है, जिनकी कोरोना संबंधित कर्तव्यों के लिए तैनात किए जाने के दौरान मृत्यु हो गई थी।

सरकार ने इस योजना को कोविड मरीजों की देखभाल के लिए व उन लोगों के लिए तैयार किया जो कोविड-19 मरीजों के सीधे संपर्क में आए हैं और उन्हें इससे प्रभावित होने का खतरा था। यह योजना न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी (एनआईएसीएल) की बीमा पॉलिसी के जरिए कार्यान्वित की जा रही है। अब तक बीमा पॉलिसी को दो बार बढ़ाया जा चुका है।