शराबबंदी पर पुर्नविचार करने के बजाय धरपकड़ का खेल खेल रही
पटना। राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता सह विधायक डॉ रामानुज प्रसाद ने बिहार में असफ ल हो रहे शराबबंदी पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि सरकार को शराबबंदी जैसे मुद्दे पर जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इसे अप्रसांगिक बता चुकी है। प्रदेश में जगह जगह शराब मिल रही है होम डिलीवरी का सिस्टम शराब में लागू हो चुका है। पढऩे वाले लड़के एवं लड़कियां पैसा कमाने के लिए शराब की होम डिलीवरी कर रहा है ऐस स्थिति में सरकार को शराबबंदी जैसे कानूनों पर विचार करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने की आवश्यकता थी तो ऐसे में भारतीय जनता पार्टी एवं जनता दल यू के लोग आपस में धर धर और पकड़ पकड़ का खेल खेल रही है। गांव में यह कहावत बहुत ही चरितार्थ है यह की एक मित्र धर धर कहे और दूसरा दनादन थप्पड़ मारना चालू रखें वही हाल बीजेपी और जदयू में हो रही है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने जो कहा कि बिहार में शराब माफिया और प्रशासन की मिलीभगत है। जयसवाल जी ने यह आधा सच बताने का काम किया जबकि सच्चाई यह है की शराब माफियाओं का सीधा संबंध प्रशासन एवं सरकार में बैठे हुए उच्च पदस्थ लोगों के साथ है जिसके कारण सरकार में बैठे हुए लोग मालामाल हो रहे हैं और सरकार राजस्व के लिहाज से कमजोर हो रही है आज प्रशासन के अधिकांश लोग शराब माफियाओं के साथ मिलीभगत है तथा सरकार के मंत्री विधायक भी शराब माफि याओं के साथ बैठकर सेल्फ ी लेने में व्यस्त हैं जब शराब माफि या का सेल्फ ी ले हमारे सरकार के मंत्री मुख्यमंत्री के साथ हो तो शराबबंदी कैसे सफ ल होगी यह सोचने की बात है। इन नेताओं ने कहा कि जहरीली शराब पीने से पिछले दिन जितने भी लोग मरे हैं उसमें सरकार लोगों को भी मुआवजा देने का काम नहीं किया यह गलत बात है। सरकार की विफ लता के कारण जहरीली शराब बिक रही है और लोग पी रहे हैं ऐसी स्थिति में शराब पीने वाला का परिवार तो दोषी नहीं है दोषी सरकार है इसलिए सरकार को अविलंब तमाम लोगों को मुआवजा देना चाहिए और शराबबंदी किस प्रकार सफ ल हो इस पर विचार के लिए सर्वदलीय बैठक एवं आम जनता से भी राय ली जानी चाहिए क्योंकि यह जनता से जुड़ा हुआ मुद्दा है।