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INS विक्रांत ने नाइट लैंडिंग टेस्ट में बड़ी सफलता की हासिल  

देश के पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत INS विक्रांत ने नाइट लैंडिंग टेस्ट में बड़ी सफलता हासिल की है। दरअसल, भारतीय नौसेना ने एक और कीर्तिमान रचते हुए भारत के स्वदेशी विमान वाहक पोत INS विक्रांत पर MiG-29K की रात में सफलतापूर्वक लैंडिंग कराई है। INS विक्रांत पर किए गए इस सफलतापूर्वक परीक्षण ने यह साबित कर दिया कि ये रात के समय में भी सुरक्षित लैंडिंग करा सकता है।

रक्षा मंत्री ने की सराहना

इस संबंध में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा, ”INS विक्रांत पर MiG-29K के पहले रात्रि लैंडिंग परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए भारतीय नौसेना को बधाई। यह उल्लेखनीय उपलब्धि विक्रांत चालक दल और नौसेना के पायलटों के कौशल, दृढ़ता और व्यावसायिकता का प्रमाण है। उन्हें प्रणाम।”

सुरक्षा के लिहाज से है बेहद अहम

सुरक्षा के लिहाज से नाइट लैंडिंग ट्रायल काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। दरअसल, लड़ाई के वक्त में यह बेहद जरूरी साबित होती है। ऐसे में INS विक्रांत पर इसके लिए परीक्षण के दौरान स्वदेशी प्रकाश सहायक उपकरण और शिपबोर्न सिस्टम का इस्तेमाल मिली सफलता बेहद अहम समझी जा रही है। इस परीक्षण के सफल होने से अब ये उम्मीद की जा रही है कि लड़ाई के वक्त भारतीय लड़ाकू विमान अब रात्रि में भी INS विक्रांत से न केवल उड़ान भरने बल्कि लैंड करने में भी सक्षम होंगे।

अब तक का सबसे ताकतवर युद्धपोत

इसी सफलता के लिए INS विक्रांत को विमान वाहक पोत के रूप में अब तक का सबसे शक्तिशाली युद्धपोत भी माना जा रहा है। यह देश में निर्मित पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत है, जिसे मैसर्स कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया है।

कई व्यापक समुद्री परीक्षणों के दौर से गुजरा

04 अगस्त 2021 को अपनी पहली यात्रा के बाद से INS विक्रांत अब तक कई व्यापक समुद्री परीक्षणों के दौर से गुजर चुका है। 6 फरवरी 2023 को ‘एलसीए नेवी’ की दिन में लैंडिंग और टेक ऑफ का परीक्षण किया जा चुका है। लड़ाकू विमानों के परीक्षण पूरे होने के बाद आईएनएस विक्रांत जून तक पूरी तरह से ऑपरेशनल हो जाएगा।

पिछले साल नौसेना में किया गया कमीशन

INS विक्रांत को भारतीय नौसेना में 02 सितंबर 2022 को कमीशन किया गया था। यह कैरियर पोत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को बड़ा बढ़ावा दे रहा है। वर्तमान में INS विक्रांत जल्द से जल्द ‘लड़ाकू तैयार’ स्थिति के लिए रोटरी विंग और फिक्स्ड विंग विमान के साथ हवाई प्रमाणन और उड़ान एकीकरण परीक्षण कर रहा है।

ज्ञात हो, परीक्षणों के एक हिस्से के रूप में, भारतीय लड़ाकू विमान MiG-29K की पहले 06 फरवरी 2023 को दिन के वक्त लैंडिंग कराई गई थी। तब से नौसेना सूची में सभी हेलीकॉप्टरों के दिन और रात लैंडिंग परीक्षणों में काफी प्रगति देखी गई है। इसके बाद से उड्डयन परीक्षणों की निरंतरता में, नौसेना ने 24 मई 2023 को MiG-29K की पहली रात्रि लैंडिंग करके एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। पहले दिन लैंडिंग के तीन महीने के भीतर यह चुनौतीपूर्ण उपलब्धि भारतीय नौसेना, INS विक्रांत चालक दल और नौसेना पायलट के संकल्प, कौशल और व्यावसायिकता को प्रदर्शित करती है।

बड़ी उपलब्धि

भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत के लिए यह उपलब्धि एक और मील का पत्थर है। एक MiG-29K लड़ाकू विमान रात में अरब सागर में INS विक्रांत के डेक पर उतारा गया। इस संबंध में नौसेना ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण ‘नाइट लैंडिंग’ परीक्षण के जरिए आईएनएस विक्रांत के चालक दल और नौसेना के पायलटों के संकल्प, कौशल और पेशेवर अंदाज का प्रदर्शन किया गया।

बीते वर्ष सितंबर में, पीएम मोदी ने आईएनएस विक्रांत को नौसेना में शामिल किया था, जिसने भारत को 40,000 टन से ऊपर की श्रेणी के विमान वाहक बनाने में सक्षम राष्ट्रों के एक विशिष्ट समूह का हिस्सा बना दिया।

3 महीने में 2 मील के पत्थर

रूसी मूल के MiG-29K और स्वदेशी नौसैनिक हल्के लड़ाकू विमान फरवरी में दिन के समय पहली बार वाहक के डेक पर उतरे थे। उसके पश्चात नौसेना ने 24 मई 2023 की रात MiG-29K की रात्रि लैंडिंग में भी सफलता हासिल कर ली है।

अगले साल तक युद्ध के लिए होगा पूरी तरह तैयार

उल्लेखनीय है कि INS विक्रांत, भारत में लगभग 20,000 करोड़ रुपये में बनने वाला अब तक का सबसे बड़ा युद्धपोत है। ऐसे में भारत उन चुनिंदा देशों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है, जिनके पास ऐसे बड़े युद्धपोतों के निर्माण की घरेलू क्षमताएं हैं। केवल इतना ही नहीं यह अगले साल पूरी तरह से युद्ध के लिए तैयार भी हो जाएगा, जब MiG-29K उसके फ्लाइ डेक से महत्वपूर्ण परीक्षण को पूरा लेगा।