इन्दिरा आईवीएफ ने सहरसा में कल्याणी आईवीएफ के साथ शुरू किया अत्याधुनिक आईवीएफ केन्द्र
क्षेत्र के निस्संतान दंपत्तियों के लिए वरदान
सहरसा। भारत में निःसंतानता उपचार के क्षेत्र में सबसे बड़ी चेन, इन्दिरा आईवीएफ ने सहरसा में कल्याणी आईवीएफ सेंटर के साथ अपने अत्याधुनिक आईवीएफ केन्द्र की शुरूआत की है। इस संयुक्त सेवा का उद्देश्य भारत में लगभग 33-34 मिलियन दम्पतियों के सामने आने वाली निःसंतानता संबंधी चुनौतियों को दूर करने के प्रयास करते हुए अत्याधुनिक निःसंतानता उपचार और सेवाओं की उपलब्धता का विस्तार करना है। 2011 में स्थापित इन्दिरा आईवीएफ का उद्देश्य साझा प्रयासों से भारत से निःसंतानता को समाप्त करना है। इसी कड़ी में सहरसा में कल्याणी आईवीएफ सेंटर के साथ निःसंतानता उपचार की नवीनतम सेवाएं रियायती दरों में निःसंतान दम्पतियों के लिए उपलब्ध की गई हैं। कल्याणी आईवीएफ सेंटर हेड और लॉर्ड बुद्धा कोशी मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, सहरसा की सचिव डॉ. कल्याणी सिंह ने कहा कि “सहरसा और आसपास के क्षेत्रों के दम्पतियों के लिए निःसंतानता का अत्याधुनिक उपचार शुरू करने के लिए इन्दिरा आईवीएफ के साथ जुड़कर हमें खुशी हो रही है। निःसंतानता के उपचार में इन्दिरा आईवीएफ एक विश्वसनीय ग्रुप है। ग्रुप की ओर से यहां पर रियायती दरों में अत्याधुनिक तकनीक और स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल का उपयोग करके दम्पतियों को जटिल समस्याओं के बावजूद माता-पिता बनने में सहायता प्रदान की जाएगी।”
इन्दिरा आईवीएफ बिहार और पटना सेंटर हेड डॉ. दयानिधि कुमार ने कहा कि “यहां कल्याणी आईवीएफ के साथ इन्दिरा आईवीएफ सेंटर शुरू होना निःसंतान दम्पतियों के लिए खुशखबरी है। यह केन्द्र निःसंतानता के उपचार में बड़ा कदम साबित होगा। हमारी विशेषज्ञता, बुनियादी सेवाओं और संसाधनों से हम चिकित्सा और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला के माध्यम से उपचार प्रदान करने में सक्षम हुए हैं। अब हम प्रत्येक रोगी को अधिक व्यक्तिगत देखभाल प्रदान करना सुनिश्चित कर पाएंगे। इन्दिरा आईवीएफ और कल्याणी आईवीएफ मिलकर निःसंतानता उपचार के प्रति सोच और जागरूकता के क्षेत्र में क्रांति लाने का प्रयास करेंगे ताकि लोग समय पर उपचार के लिए आगे आ सकें।
लॉर्ड बुद्धा कोशी मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के कार्यकारी निदेशक डॉ. शुभम कुमार ने कहा कि इन्दिरा आईवीएफ के साथ हमारे संयुक्त प्रयास हमें आधुनिक तकनीक, अधिक सुविधाओं, प्रशिक्षित चिकित्सकों और कर्मचारियों के माध्यम से निःसंतान दम्पतियों के माता-पिता बनने के सपने को पूरा करने में सहयोग करेंगे।”