‘आकाश प्राइम’ मिसाइल का टेस्ट करके भारत ने फिर दिखाई ताकत
आकाश मिसाइल के नए संस्करण ‘आकाश प्राइम’ का पहला उड़ान परीक्षण सोमवार को एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर), चांदीपुर, ओडिशा से सफलतापूर्वक किया गया। यह मौजूदा आकाश मिसाइल प्रणाली का उन्नत संस्करण है। मिसाइल ने जमीन से उड़कर आसमान में दुश्मन के ‘नकली’ मानवरहित हवाई लक्ष्य को रोका और नष्ट कर दिया। बहुद्देशीय रडार, कमांड, कंट्रोल और संचार प्रणाली और लांचर आदि सभी प्रकार की हथियार प्रणाली से लैस मिसाइल का जमीनी मंच से हवाई परीक्षण किया गया।
दो और रेजिमेंट बनाना चाहती है भारतीय सेना
भारतीय सेना ने रक्षा मंत्रालय के सामने आकाश प्राइम मिसाइलों की दो रेजिमेंट बनाने का प्रस्ताव रखा है। इन्हें 15 हजार फीट से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात किया जा सकता है। नई आकाश मिसाइलों में पूर्व के संस्करणों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन रेंज है। इसका प्राथमिक उद्देश्य पाकिस्तान और चीन के साथ पहाड़ी सीमाओं के माध्यम से विमान की किसी भी घुसपैठ से बचना है। इसके अधिग्रहण की लागत 10,000 करोड़ रुपये होगी। सेना के पास पहले से ही आकाश मिसाइल की दो रेजिमेंट हैं। अब भारतीय सेना पाकिस्तान और चीन के साथ सीमा पर तैनाती के लिए दो और रेजिमेंट जोड़ना चाहती है।
96% स्वदेशी तकनीक से बनी है मिसाइल
डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) द्वारा डिजाइन और विकसित और भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) द्वारा निर्मित आकाश मिसाइल भारतीय सेना और वायु सेना में शामिल की गई सबसे सफल स्वदेशी मिसाइलों में से एक है। इस मिसाइल को 2014 में भारतीय वायुसेना और 2015 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था। 96 प्रतिशत स्वदेशी तकनीक पर आधारित यह देश का सबसे महत्वपूर्ण मिसाइल सिस्टम है जिसे अब दूसरे देशों को भी निर्यात करने की मंजूरी सरकार से मिल चुकी है। इस मिसाइल का प्रदर्शन कई अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों जैसे डिफेन्स एक्सपो, एयरो इंडिया के दौरान भी किया गया। आकाश मिसाइल सिस्टम को खरीदने में पूर्वी एशिया और अफ्रीका के 9 देशों ने दिलचस्पी दिखाई है।
लड़ाकू विमानों, क्रूज मिसाइलों और ड्रोन भेद सकती है मिसाइल
‘आत्म निर्भर’ अभियान के तहत भारत रक्षा प्लेटफार्मों और अलग-अलग तरह की मिसाइलों का निर्माण करके लगातार एयरो स्पेस की दुनिया में अपनी क्षमताओं को बढ़ा रहा है। आकाश मिसाइल लड़ाकू विमानों, क्रूज मिसाइलों और ड्रोन पर सटीक लक्ष्य साध सकती है। गलवान घाटी हिंसा के बाद भारत ने आकाश एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को चीन सीमा पर तैनात कर दिया गया था। इस साल गणतंत्र दिवस की झांकी में भी आकाश मिसाइल सिस्टम को शामिल किया गया था। आकाश प्राइम मिसाइल सिस्टम में बहुत ज्यादा ऊंचाई वाली जगहों पर भी टारगेट को निशाना बनाने की क्षमता होगी। इसके अलावा लंबी दूरी पर दुश्मन के लड़ाकू विमान को भी मार गिराने की ताकत होगी।
साभार : NewsOnAir