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2021-22 में देश में नए ई-फाइलिंग पोर्टल पर करीब 6.17 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल

अब करदाताओं के लिए टैक्स रिपोर्ट दाखिल करना और भी आसान हो गया है। यह आयकर विभाग के नए ई-फाइलिंग पोर्टल से ही संभव हो पाया है। अब करदाता बड़ी ही आसानी से टैक्स फाइल करने के साथ-साथ उनसे संबंधित सभी दस्तावेजों को भी आयकर विभाग के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं। इसी नए ई-फाइलिंग पोर्टल के जरिए ‘6 फरवरी 2022’ तक कुल आठ महीनों में 6.17 करोड़ आयकर रिटर्न रिपोर्ट दाखिल हुई हैं। वहीं, लगभग 19 लाख कर ऑडिट रिपोर्ट दाखिल की जा चुकी हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नया पोर्टल ‘7 जून, 2021’ को शुरू किया गया था।

केंद्र सरकार से करदाताओं को मिला प्रोत्साहन

गौरतलब हो, केंद्र सरकार के प्रयासों से करदाताओं को देश में काफी प्रोत्साहन मिला है। इसी का नतीजा है कि आज देश में करदाता सरकार के साथ सहयोग करते हुए स्वयं आगे आकर टैक्स फाइल कर रहे हैं। यह ये भी दर्शाता है कि देश के करदाताओं को केंद्र सरकार की नीतियों पर भरोसा है। ज्ञात हो केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है। वित्त मंत्री सीतारमण ने यह भी कहा थी कि आईटीआर में गड़बड़ी को सुधार करने के लिए 2 साल का समय मिलेगा। दरअसल, इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा पिछले वर्षों में टैक्स रिटर्न भरने की अंतिम तिथियों को आगे बढ़ाया गया था जिसका करदाताओं को काफी फायदा मिला।

टैक्स रिटर्न डेट आगे बढ़ाने से फायदा

याद हो कोविड के कारण करदाताओं एवं अन्य हितधारकों को आई कठिनाइयों के साथ-साथ आयकर अधिनियम, 1961 (अधिनियम) के प्रावधानों के तहत ऑडिट की विभिन्न रिपोर्टों की इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग में भी आई मुश्किलों पर विचार करने के बाद केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न एवं ऑडिट की विभिन्न रिपोर्ट दाखिल करने की अंतिम तिथियों को और आगे बढ़ाने का फैसला किया। इससे करदाताओं को काफी राहत मिली और जो करदाता कर अदा करने से चूक गए थे उन्हें बिना फाइन के कर अदा करने के लिए एक और मौका मिला।

ईमेल, SMS, ट्विटर के जरिए करदाताओं को स्मरण-पत्र

बता दें आयकर विभाग ईमेल, एसएमएस और ट्विटर के माध्यम से करदाताओं को स्मरण-पत्र या अनुस्मारक जारी करता रहा है और करदाताओं एवं चार्टर्ड एकाउंटेंट को अंतिम समय तक इंतजार नहीं करने और बिना किसी देरी के अपनी टीएआर व आईटीआर दाखिल करने के लिए प्रोत्साहित करता रहा है। इनके जरिए भी सही समय तक कर अदायगी को लेकर काफी मदद मिली।

6.17 करोड़ आयकर रिटर्न और 19 लाख टैक्स ऑडिट रिपोर्ट दाखिल  

गौरतलब हो इस बार आयकर विभाग के नए ई-फाइलिंग पोर्टल पर लगभग 6.17 करोड़ आयकर रिटर्न (ITR) और तकरीबन 19 लाख प्रमुख टैक्स ऑडिट रिपोर्ट (TAR) दाखिल की गईं हैं। 2021-22 के लिए दाखिल किए गए 6.17 करोड़ आईटीआर में से 48% आईटीआर-1 (2.97 करोड़), 9% आईटीआर-2 (56 लाख), 13% आईटीआर-3 (81.6 लाख), 27% आईटीआर-4 (1.65 करोड़), आईटीआर-5 (10.9 लाख), आईटीआर-6 (4.84 लाख) और आईटीआर-7 (1.32 लाख) हैं।

1.73 लाख से भी अधिक फॉर्म 3सीए-3सीडी और 15.62 लाख फॉर्म 3सीबी-3सीडी दाखिल

वहीं वित्त वर्ष 2021-22 में 1.73 लाख से भी अधिक फॉर्म 3सीए-3सीडी और 15.62 लाख फॉर्म 3सीबी-3सीडी दाखिल किए गए हैं। 06 फरवरी 2022 तक 1.61 लाख से भी अधिक अन्य टैक्स ऑडिट रिपोर्ट (फॉर्म 10बी, 29बी, 29सी, 3सीईबी, 10सीसीबी, 10 बीबी)  दाखिल की गई हैं।

ई-फाइलिंग से संबंधित शिकायतों का समाधान

आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर टैग लाइन दी गई है “कहीं भी और कभी भी”, इससे ही इस पोर्टल का ध्येय काफी हद तक स्पष्ट हो जाता है। केंद्र सरकार ने ई-फाइलिंग से संबंधित किसी भी शिकायत का समाधान करने के उद्देश्‍य से कर रिटर्न दाखिल करने वालों की सहायता के लिए दो नई ईमेल आईडी TAR.helpdesk@incometax.gov.in और ITR.helpdesk@incometax.gov.in प्रदान की हैं। सभी करदाता व टैक्‍स प्रोफेशनल जिन्होंने आकलन वर्ष 2021-22 के लिए अभी तक अपनी टैक्स ऑडिट रिपोर्ट या आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किए हैं, वे अंतिम समय में भारी भीड़ से बचने के लिए इनके माध्यम से तुरंत अपनी टीएआर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।

जीएसटी कलेक्शन में अच्छा उछाल

यह भी याद हो कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार अपने बजट भाषण के दौरान कहा था कि जनवरी में जीएसटी कलेक्शन रिकॉर्ड स्तर पर आया है। आर्थिक गतिविधियों में तेजी से जीएसटी कलेक्शन में महामारी के बावजूद अच्छा उछाल देखा गया है। बता दें जनवरी 2022 में सकल जीएसटी राजस्‍व संग्रह  1,38,394  करोड़ रुपए का रहा। यह चौथी बार है कि जीएसटी संग्रह 1.30 लाख करोड़ रुपए के पार गया है। जनवरी 2022 के दौरान राजस्व पिछले साल के इसी महीने के जीएसटी राजस्व से 15% अधिक और जनवरी 2020 के जीएसटी राजस्व से 25% अधिक है।

इस प्रकार नए-नए प्रयोगों के माध्यम से केंद्र सरकार करदाताओं में विश्वास पैदा करने का कार्य कर रही है जिसका फायदा हमें बीते कुछ वर्षों से लगातार देखने को मिल रहा है। इसलिए इसे केंद्र सरकार की सफलता में गिना जाना उचित होगा।