ख़बरउत्तर प्रदेशराज्य

कृषि और ग्राम्य पर्यटन में अपार संभावनाएं, यूपी में गांवों की सांस्कृतिक विरासत से रूबरू होंगे युवा

देश में पर्यटन के विकास से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पर्यटन मंत्रालय की ओर से हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में पर्यटन मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर रहा है। वहीं यूपी सरकार ने भी राज्य में पर्यटन को बढ़ाने के लिए संभावनों पर काम रही है। ऐसे में यूपी में खासतौर पर ग्राम पर्यटन पर फोकस किया जा रहा है। दरअसल, राज्य पर्यटन विभाग ने ग्राम्य पर्यटन में असीम संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कदम बढ़ा दिया है। इसमें देश की युवा पीढ़ी को ना सिर्फ ग्राम संस्कृति से रूबरू कराया जाएगा बल्कि ग्रामीण परिवेश, शिल्प और कौशल से भी युवा परिचित हो सकेंगे। पर्यटन विभाग की ओर से पहले चरण में प्रदेश के 18 जिलों पर फोकस किया गया है।

पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम के अनुसार देश में सर्वाधिक गांवों वाला राज्य उत्तर प्रदेश है। इससे स्पष्ट है कि प्रदेश में कृषि और ग्राम्य पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। हम गांवों में उन्नत कृषि, गौ-पालन, शिल्पकारी, हथकरघा, हस्तशिल्प, विशिष्ट शुद्ध भोजन, जैव एवं कृषि विविधता आदि के साथ-साथ अपनी समृद्ध ऐतिहायूपी में कृषि और ग्राम्य पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। हम गांवों में उन्नत कृषि, गौ-पालन, शिल्पकारी, हथकरघा, हस्तशिल्प, विशिष्ट शुद्ध भोजन, जैव एवं कृषि विविधता आदि के साथ-साथ अपनी समृद्ध ऐतिहासिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहर को सजोने और उसके वृहद् स्तर पर प्रचार प्रसार का कार्य शुरू कर रहे हैं।

गांवों में संभावनाएं तलाशेगी टीम

मुकेश मेश्राम के अनुसार प्रथम चरण में हमने प्रदेश के 18 जिलों के लिए कार्यदायी संस्थाओं का चयन कर लिया है। इन संस्थाओं की ओर से प्रत्येक जिलों से दो गांवों का चयन करके सर्वेक्षण का कार्य किया जाना है। उन गांवों में ग्राम्य पर्यटन की अवधारणा को साकार करने के लिए योजना तैयार की जाएगी, जिससे अनभिज्ञ युवा पीढ़ी को इस संबंध में विस्तृत रूप से परिचित कराया जा सकेगा।

कृषि-ग्राम पर्यटन को नई दिशा प्रदान करेगी ये पहल

चयनित संस्थाओं के प्रतिनिधि उन्हें आवंटित किये गये जिलों के जिलाधिकारियों से संपर्क स्थापित करेंगे। ये प्रतिनिधि पर्यटन गतिविधियों से जुड़े सभी स्टेक होल्डर्स के साथ ग्रामीण पर्यटन से संबंधित विषयों पर संवाद करेंगे। चर्चा के बाद चयनित संस्थाओं की ओर से प्रमुख विषयों के आधार पर सर्वेक्षण करके कार्य योजना तैयार की जाएगी। अधिकारी के अनुसार पर्यटन विभाग द्वारा भविष्य में कृषि ग्राम पर्यटन को नई दिशा प्रदान करने के लिए सतत प्रयास किया जाता रहेगा।

इन जिलों में होगा पहले सर्वेक्षण

लखनऊ एवं लखीमपुर खीरी, मथुरा एवं अलीगढ़, आगरा एवं फिरोजाबाद, वाराणसी एवं आजमगढ़, प्रयागराज एवं भदोही, गोरखपुर एवं कुशीनगर, झांसी एवं ललितपुर, अयोध्या एवं बाराबंकी, चित्रकूट एवं बांदा जिलों के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं।