ऐतिहासिक क्षण – बिहार विधानसभा भवन शताब्दी वर्ष समारोह का हुआ शुभारंभ
पटना, 21 अक्टूबर 2021 महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज बिहार विधान भवन शताब्दी वर्ष समारोह का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। कार्यक्रम के शुभारंभ के पूर्व बिहार विधानसभा परिसर में महामहिम राष्ट्रपति ने शताब्दी स्मृति स्तंभ का शिलान्यास किया और पवित्र बोधि वृक्ष के शिशु पौधे का भी रोपण किया।
महामहिम राष्ट्रपति ने सामाजिक संकल्प अभियान के शिलापट्ट का भी रिमोट के माध्यम से शिलान्यास किया। महामहिम राज्यपाल फागू चौहान ने बिहार विधानसभा की 100 वर्षों की गौरवपूर्ण यात्रा पर आधारित एक स्मारिका का भी विमोचन किया जिसकी पहली प्रति महामहिम राष्ट्रपति को भेंट की गयी। बिहार विधान भवन शताब्दी वर्ष समारोह कार्यक्रम में सदन में विमर्श ही संसदीय प्रणाली का मूल है’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महामहिम राष्ट्रपति ने बिहार के प्रति अपने लगाव को इंगित करते हुए यहां के गौरवशाली इतिहास की चर्चा की। उन्होंने यहां के लोगों की प्रशंसा करते हुये कहा कि बिहार प्रतिभावान लोगों की धरती है। राष्ट्रपति महोदय ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि राज्यपाल रहने के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का हमेशा सहयोग मिला और अब भी सहयोग मिल रहा है।
कार्यक्रम को महामहिम राज्यपाल फागू चौहान ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बिहार विधान सभा भवन के 100 साल पूरा होने पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है इसके लिए विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को धन्यवाद देते हैं। आदरणीय राष्ट्रपति महोदय ने इसके लिए जो समय दिया, सबलोगों के अनुरोध को स्वीकार किया उसके लिये मैं उन्हें हृदय से धन्यवाद देता हूं और अभिनंदन करता हूं। राष्ट्रपति महोदय का यहां से बहुत पुराना रिश्ता है। हमारे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी के बारे में सबको मालूम है कि ये बिहार में लगभग 2 साल के लिए राज्यपाल रहे थे। राज्यपाल के बाद पहली बार राष्ट्रपति बनने का इन्हें अवसर मिला। हम बिहारी लोग तो इनको बिहारी भी कहते हैं, क्योंकि ये बिहार के राज्यपाल रहते हुए राष्ट्रपति बने। इतनी बड़ी प्रतिष्ठा मिलने के बाद हमलोगों को बेहद खुशी हुई। उन्होंने कहा कि स्व० जाकिर हुसैन साहब पहले यहां के राज्यपाल थे, लेकिन पहले वे उपराष्ट्रपति बने और तब राष्ट्रपति बने।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति बनने के बाद ये पहली बार तीसरा कृषि रोडमैप की शुरुआत करने के लिए 9 नवंबर 2017 को बिहार आए थे। इसके बाद 15 नवंबर 2018 को डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में आए थे। 25 अक्टूबर 2019 को विश्व शांति स्तूप, राजगीर के 50 वें वार्षिकोत्सव में हमारे विशेष आग्रह पर ये यहां पधारे थे। उन्होंने कहा कि जापान के फूजी गुरु जी ने विश्व शांति स्तूप का निर्माण कराया था। विश्व शांति स्तूप का शिलान्यास 06 मार्च 1965 को उस समय के राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने किया और 25 अक्टूबर 1969 को राष्ट्रपति वी०वी०गिरी जी ने इसका उद्घाटन किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा जी ने बहुत सारी बातों की जानकारी दी है। आप सबलोग जानते हैं कि बंगाल से 22 मार्च 1912 को बिहार अलग हुआ था। उसमें बिहार के साथ उड़ीसा भी उसका हिस्सा था। जब हमलोगों को काम करने का मौका मिला तो वर्ष 2009 से ही 22 मार्च को बिहार दिवस के रुप में मनाना शुरु किया। वर्ष 2012 में बिहार राज्य के 100 साल पूरा होने पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। उस समय के सभापति स्व० ताराकांत झा जी द्वारा कार्यक्रम के लिए किए गए मेहनत को हमेशा याद किया जाना चाहिए। 22 मार्च 2011 से विधायी परिषद बनी थी, उसके लिए कार्यक्रम शुरु किया गया था। उस कार्यक्रम में उस समय की राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल जी शामिल हुई थीं। पूरे एक साल तक कार्यक्रम चला था। 03 मई 2011 को पूर्व राष्ट्रपति आदरणीय डॉ० ए०पी०जे० अब्दुल कलाम साहब को बुलाया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायी परिषद् की पहली बैठक पटना कॉलेज में 20 जनवरी 1913 को हुई थी। 100 वें साल में हमलोगों ने वर्ष 2012 में पटना कॉलेज में एक कार्यक्रम किया था। बिहार विधानसभा का भवन बना जिसमें 1920 में परिषद् भवन का निर्माण कराया गया। परिषद् भवन अब बिहार विधानसभा भवन कहलाता है। उसके 100 साल पूरा होने पर आज कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। उन्होंने कहा कि उस समय के विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने 07 फरवरी 2016 से इसके लिए कार्यक्रम की शुरुआत की थी। वे भी इसके लिए बधाई के पात्र हैं। उस समय के नए 98 विधायकों को बहुत सारी चीजों की जानकारी दी गई थी। हमलोगों ने बिहार विधान सभा भवन का विस्तारीकरण भी कराया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राष्ट्रपति जी ने शताब्दी स्मृति स्तंभ का शिलान्यास किया है। जब यह बनकर के तैयार होगा, तो बहुत सुंदर लगेगा। इस अवसर पर बोधगया से लाए गए शिशु बोधि वृक्ष का भी आज रोपण किया गया। उन्होंने कहा कि बोधि वृक्ष के पास भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। बोधि वृक्ष के यहां रहने से यहां के जो प्रतिनिधि आएंगे, उन सबका ज्ञान और बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने बुद्ध स्मृति पार्क बनाया, जिसमें अनेक चीजों का निर्माण कराया गया। यहां पर बोधगया, श्रीलंका और अनुराधापुर का बोधि वृक्ष लगाया गया। उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती में 14 साल तक भगवान बुद्ध रहे थे। वहां से भी बोधि वृक्ष मंगवाकर यहां लगवाया गया। परम पावन दलाई लामा जी जब भी यहां आए उन्होंने बोधि वृक्ष का रोपण किया। बुद्ध स्मृति पार्क में करुणा स्तूप का बुद्ध स्मृति संग्रहालय का निर्माण कराया गया। उसमें पहले हमलोगों ने मेडिटेशन केंद्र बनाया था। बुद्ध स्मृति पार्क में करुणा स्तूप बना है। करुणा स्तूप में 5 देशों से जापान, म्यांमार, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका एवं थाईलैंड से लाए गए भगवान बुद्ध के अवशेष को रखा गया है। इसके अलावा परम पावन दलाई लामा जी द्वारा लाए गए बोधि वृक्ष भी यहां पर लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि यहां पर विपश्यना केंद्र भी बनाया गया है। मेडिटेशन केंद्र को ही एक्सटेंशन करके विपश्यना केंद्र बनाया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है कि कल श्रद्धेय राष्ट्रपति जी बुद्ध स्मृति पार्क और विपश्यना केंद्र को देखने जाने वाले हैं। 03 जुलाई 2018 से विपश्यना केंद्र का नियमित संचालन हो रहा है। करीब-करीब 1200 लोग इसमें भाग ले चुके हैं। हमलोग चाहते हैं कि जितने भी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी हैं वे विपश्यना केंद्र में जाएं और उसका अनुभव प्राप्त कर लें। जो सरकारी कर्मचारी और अधिकारी वहां जाएंगे उनको 15 दिन का अवकाश दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति महोदय वहां जाएंगे और कोई उनका सुझाव आएगा तो हमलोग उस पर काम करेंगे और इसे और बेहतर बनाएं। विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से यहां हर बार कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इनकी कोशिश है कि आगे आदरणीय प्रधानमंत्री जी को भी यहां लाएंगे, कार्यक्रम कराएंगे।
कार्यक्रम को बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, बिहार विधान परिषद् के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री रेणु देवी, संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, राज्य सरकार के अन्य मंत्रीगण, सांसदगण, विधायकगण, विधान पार्षदगण, पूर्व सांसदगण, पूर्व विधायकगण, पूर्व विधान पार्षदगण सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण पुलिस महानिदेशक एस0के0 सिंघल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, अपर मुख्य सचिव / प्रधान सचिव / सचिव सहित अन्य अधिकारीगण एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।