सड़क सुरक्षा का भविष्य छोटे बच्चों में तलाश कर रहे हैं हेलमेट मैन ऑफ इंडिया
मॉडर्न जमाने के माता-पिता अपने बच्चों की महंगी फीस और उनकी जरूरतें पूरी करना नही भूलते लेकिन, खुद की और अपने बच्चों की सुरक्षा के प्रति बड़ी लापरवाही देखी जाती हैं. हेलमेट मैन ऑफ इंडिया राघवेंद्र कुमार ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ऑफिस के ऑडिटोरियम में चार साल से ऊपर छोटे बच्चों के लिए सड़क सुरक्षा के ऊपर एक कार्यक्रम आयोजित किया था. मुख्य अतिथि आईएएस अमनदीप डुली जी थे।
उन्होंने बच्चो के सभी पैरेंट्स का धन्यवाद करते हुए कहा यहां अधिकतर आबादी वाले लोग अलग अलग राज्य एवम ग्रामीण क्षेत्रों से आए हैं. लेकिन आपके छोटे बच्चें बड़े होकर एक स्मार्ट रोड यूजर बने इसके लिए हेलमेट मैन के कार्यों की सराहना करता हूं आप लोगों के बच्चे और युवाओं के भविष्य के लिए इन्होंने अपने जीवन का एक बड़ा त्याग करके योगदान दिया है. इसलिए आप और आपके परिवार के साथ बच्चें भी अभी से सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक हो रहे हैं. और इनकी पहल से हम आने वाली पीढ़ियों को सड़क दुर्घटनाओ से बचाने में कामयाब होंगे.
हेलमेट मैन ने कहा सड़कों पर अधिकतर माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल या कोचिंग छोड़ते वक्त खुद भी बिना हेलमेट पहने रोज फर्राटे भरते रहते हैं जो कि आए दिन हादसे टीवी और अखबारों में सुर्खियां बनी रहती हैं. पूरे भारत में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क हादसों में नंबर वन है और गौतम बुध नगर जिला सड़क हादसों में मौत का समंदर बनता जा रहा है दूसरी तरफ प्रशाशन इसे राजस्व के लिए सबसे बड़ा मुनाफा वाला शहर भी मानती है. और यहां मीडिया जगत सिर्फ आपको ऑटो एक्सपो ग्लैमर वाली खबरे तक सीमित रहती है, जिसकी वजह से यहां की सबसे बड़ी आबादी और आने वाली जनरेशन को गाड़ियों की रेस और चकाचौंध की दुनिया में धकेला जा रहा है.
यहां युवा बहोत तेज़ी से इन सबकी तरफ आकर्षित हो रहे हैं. इस मौत के समंदर को देखने के लिए लाखों लोग आते हैं और कंपनियां करोड़ों उगाही करती है सड़क सुरक्षा की बात सिर्फ कैमरों पर होती है. लेकिन इन गाड़ियों से होने वाले हादसे के परिणाम कभी नहीं दिखाए जाते आज इसी वजह से हमारे देश के युवाओं को सड़क सुरक्षा की बात उन्हें बोरिंग लगती है. जबकि सड़क सुरक्षा हर किसी की एक जीवन शैली है. लेकिन हमारे भारत की सड़के यहां युवाओं के रक्त से लाल हो रही है. सड़क हादसों का चर्चा सिर्फ सरकारी फाइलों तक सीमित रह जाती हैं.
इस शहर के लाइफ स्टाइल और लोगों में बदलाव तेजी से बदल रहा है. लेकिन सड़क सुरक्षा के नियमों और कानून को लोग पिछे छोड़ रहे है. जिस वजह से सड़क हादसे का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है. क्योंकि अब ये शहर सिर्फ़ पूंजी निवेश का बाजार बन चूका है. सड़क दुर्घटना किसी की मौत का भविष्य ना बने इसीलिए हेलमेट मैन ऑफ इंडिया छोटे बच्चों पर हेलमेट का कानून बनाकर बच्चों को हेलमेट पहना रहे हैं. अस्पतालों में घूम कर घायलों से मिलते है और उन्हें पहुंचाने वाले की तलाश करके अपने मिशन में शामिल करते है. सड़क हादसों में घायल व्यक्ति को सही समय पर हॉस्पिटल पहुंचाने वाले को इस कार्यक्रम में अमनदीप डुली जी द्वारा उन्हें गुड समेरिटन से सम्मानित किया गया.
आयुष जैन ने पीछले महिने ग्रेटर नोएडा डेल्टा थ्री गोल चक्कर से एक बाइक सवार घायल व्यक्ति को सही समय पर हॉस्पिटल पहुंचाने से उसकी जान बच गई. मनोहर कुमार रामपुर बीटा फर्स्ट, गौरव सिंह, ओम प्रकाश और जय प्रकाश दोनों भाइ हैं, सड़क दुर्घटनाओ में मदद की. मुकुंद सिंह, वेद वैभव, इन सभी लोगो को गुड समेरिटन से सम्मानित किए गए. और सभी बच्चें अपने पिता के साथ हेलमेट पहन कर एक साथ बाइक पर बैठ कर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ऑफिस से हेलमेट मैन ऑफ इंडिया के साथ प्राधिकरण अधिकारी देव सिंह, पुलिस स्पेक्टर फतेह सिंह, एक साथ हरी झंडी दे कर सभी परिवार को विदा किया.