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हाथरस कांड में CBI ने दाख‍िल की चार्जशीट, माना- चारों आरोपियों ने किया था दुष्कर्म

बहुचर्चित चंदपा थाना क्षेत्र के एक गांव की बिटिया के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में सीबीआई ने शुक्रवार को चारों आरोपियों के खिलाफ यहां विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट के न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। चारों आरोपी वर्तमान में अलीगढ़ जेल में बंद हैं। सीबीआई ने आरोप पत्र धारा 302, 376 ए, 376 डी, व एससी-एसीटी एक्ट के तहत दाखिल किया है। करीब दो हजार से अधिक पन्नों की चार्जशीट में हत्या, गैंगरेप व दलित उत्पीड़न का आरोप लगाया है। मामले की अगली सुनवाई आगामी चार जनवरी को होगी। आरोप पत्र दाखिल करते समय पीड़िता का बड़ा भाई अपनी पत्नी के साथ कोर्ट में मौजूद रहा।

चंदपा क्षेत्र के एक गांव में बीती 14 सितंबर को अनुसूचित जाति की 19 वर्षीय युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और उसे मारपीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था। जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उसे अलीगढ़ स्थित जेएन मेडिकल कॉलेज भेजा गया था। जेएन मेडिकल कॉलेज से उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में रेफर किया गया था। 16 दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच जूझने के बाद बिटिया ने 28 सितंबर की रात को सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था। अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान पीड़िता ने अपने बयान में दुष्कर्म की बात कही। उसी आधार पर पुलिस ने संदीप, रवि, लवकुश और रामू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

इसी मामले को लेकर एसपी, सीओ सहित पांच पुलिस कर्मी निलंबित हुए थे। प्रदेश सरकार ने इस मामले में एसआईटी गठित की। एसआईटी ने 17 दिन जांच की। इस बीच 11 अक्तूबर को सीबीआई मामले की जांच करने के लिए हाथरस आ गई। सीबीआई ने सीओ सादाबाद और चंदपा कोतवाली जाकर इस मुकदमे से जुड़े कागजात एकत्रित किए और उसके बाद अपनी जांच पड़ताल शुरू कर दी।  सीबीआई ने इस केस को सुलझाने के लिए चारों आरोपियों के पॉलीग्राफ टेस्ट कराए। क्राइम सीन रिक्रियट किया।

शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे सीबीआई की डिप्टी एसपी सीमा पाहुजा अपनी टीम के साथ कोर्ट पहुंची। उनके साथ टीम के करीब दस सदस्य मौजूद थे। सभी लोग विशेष न्यायाधीश एससीएसटी कोर्ट पहुंचे। न्यायाधीश बीडी भारती से मुलाकात की। आरोप पत्र अदालत में पेश किया। सीबीआई ने चारों आरोपियों को अपनी जांच में दोषी मानते हुए उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। इसमें गैगरेप, हत्या और दलित उत्पीड़न की धाराएं शामिल हैं। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि गैंगरेप और हत्या जैसे संगीन मामले में चार में से कौन-कौन आरोपी हैं। इसका पता आरोप पत्र के अवलोकन के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।