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26 मार्च को नयी दिल्ली में जीकेसी करेगा महादेवी वर्मा स्मृति सम्मान समारोह – 2022 का आयोजन 

नयी दिल्ली, 10 मार्च ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) महान कवियित्री और सुविख्यात लेखिका महादेवी वर्मा की जयंती 26 मार्च के अवसर पर महादेवी वर्मा स्मृति सम्मान समारोह – 2022 का आयोजन नयी दिल्ली में 26 मार्च को करने जा रहा है

महादेवी वर्मा हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक मानी जाती हैं : राजीव रंजन

(जीकेसी) के ग्‍लोबल अध्‍यक्ष राजीव रंजन प्रसाद की अध्‍यक्षता में महादेवी वर्मा स्मृति सम्‍मान-2022 की तैयारी को लेकर एक बैठक हुई। द फॉरेन कोरेस्पोंडेंटस क्लब ऑफ साउथ एशिया में आयोजित इस बैठक में दिल्‍ली के प्रदेश अध्‍यक्ष ई. सुनील श्रीवास्‍तव के नेतृत्‍व में एक आयोजन समिति का गठन किया गया।

जीकेसी गलोबल अध्‍यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने महादेवी वर्मा स्मृति सम्‍मान-2022 पर चर्चा करते हुए कहा कि 26 मार्च को गांधी स्‍मृति संस्‍थान नई दिल्‍ली में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि इस साल भी यह सम्‍मान पिछले साल की तरह फिल्‍म, पत्रकारिता, कला-संस्कृति और शिक्षा के क्षेत्र के लिए दिया जाएगा। इसके लिए जीकेसी ने इन क्षेत्र के दिग्‍गजों का नामांकन आमंत्रित किया था, जिसमें से जानेमाने विभूतियों के नाम को जूरी ने अपनी मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि महादेवी वर्मा हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक मानी जाती हैं। आधुनिक हिन्दी की सबसे सशक्त कवयित्रियों में से एक होने के कारण उन्हें आधुनिक मीरा के नाम से भी जाना जाता है।महादेवी वर्मा जी एक मशूहर कवियित्री तो थी, इसके साथ ही वे एक महान समाज सुधारक भी थीं।

महादेवी वर्मा जी ने हिंदी साहित्य जगत में एक बेहतरीन गद्य लेखिका के रुप में अपनी पहचान बनाई : रागिनी रंजन

श्री प्रसाद ने कहा कि 27 मार्च को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में नेशनल वर्किंग कमिटी की बैठक होगी। उन्‍होंने कहा कि ये दोनों कार्यक्रम दिल्‍ली प्रदेश अध्‍यक्ष सुनील श्रीवास्तव के नेतृत्‍व में गठित आयोजन समिति करेगी। उन्होंने कहा कि 26 मार्च को आयोजित महादेवी वर्मा स्मृति सम्‍मान 2022 के लिए आमंत्रित मुख्‍य अथिति सहित कार्यक्रम से जुड़ी अन्‍य जानकारी जल्‍द ही मीडिया को दी जाएगी। जीकेसी की प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन ने बताया कि महादेवी वर्मा एक महान कवयित्री होने के साथ-साथ हिंदी साहित्य जगत में एक बेहतरीन गद्द लेखिका के रूप में भी जानी जाती हैं। महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ने उन्हें ‘हिंदी के विशाल मंदिर की सरस्वती’ कहा था। उन्हें आधुनिक मीरा भी कहा गया है क्योंकि इनकी कविताओं में से एक प्रेमी से दूर होने का कष्ट एवं इसके विरह और पीड़ा को बेहद भावनात्मक रूप से वर्णित किया गया है।

इस अवसर पर जीकेसी की प्रबंध न्यासी एवं दिल्‍ली प्रदेश की प्रभारी रागिनी रंजन, अभय सिन्‍हा, सुभ्रांशु शेखर, नितिन माथुर, सर्वेश श्रीवास्‍तव, सहित जीकेसी के अन्‍य सम्‍मानित सदस्‍य मौजूद रहे। इसकी जानकारी दिल्‍ली प्रदेश के मीडिया अध्‍यक्ष प्रजेश शंकर ने दी।