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सैन्य उपकरणों का तेजी से हो रहा स्वदेशीकरण, अब 72 रक्षा पुर्जों का नहीं होगा आयात

 

आत्मनिर्भर भारत के तहत सैन्य बलों को स्वदेशी रक्षा उपकरणों और हथियारों से लैस करने की लगातार कवायद चल रही है। केंद्र सरकार ने इस पहल में एक और बड़ी सफलता हासिल करते हुए हथियारों, मिसाइलों, जहाजों और पनडुब्बियों के 72 पुर्जों के विदेश से आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही आयात रोकने के लिए प्रतिबंधित की गईं कुल 214 वस्तुओं में से 72 का समय सीमा से पहले ही स्वदेशीकरण कर लिया गया है। इन रक्षा उपकरणों में आकाश मिसाइलों, युद्धक टैंकों, हेलीकॉप्टरों और पनडुब्बियों के पुर्जे हैं। अब इन वस्तुओं की खरीद केवल भारतीय उद्योग से की जाएगी, जिससे एमएसएमई सहित घरेलू उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी।

1,238 वस्तुएं हो चुकी हैं प्रतिबंधित

‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के तहत रक्षा उत्पादन में ‘आत्मनिर्भरता’ का विकल्प तलाशने के लिए सरकार ने दिसंबर, 2021 से अगस्त, 2022 के बीच तीन सूचियां जारी कर 1,238 वस्तुओं का विदेश से आयात कम करने के लिए प्रतिबंध लगाया है। पहली सूची में 351 आइटम, दूसरी में 107 और तीसरी सूची में स्वदेशीकरण के लिए 780 आइटम हैं। सभी वस्तुओं का स्वदेशीकरण करने के लिए समय सीमा भी तय की गई है। यह सशस्त्र बलों को अंतरराष्ट्रीय मानकों की वस्तुएं आपूर्ति करने के लिए घरेलू उद्योग की क्षमताओं में सरकार के बढ़ते विश्वास को भी पुष्ट करता है।

समय सीमा से पहले हुआ स्वदेशीकरण

रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी पहली और दूसरी सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची में उल्लेखित कुल 214 वस्तुओं में से 72 का समय सीमा से पहले ही फास्ट ट्रैक पर स्वदेशीकरण कर लिया गया है। सूची के मुताबिक इन वस्तुओं का स्वदेशीकरण करने के लिए रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (डीपीएसयू) को दिसंबर, 2023, दिसंबर, 2024 और दिसंबर, 2025 की समय सीमा तय की गई थी। शेष 142 वस्तुओं का दिसंबर, 2022 की समय सीमा के भीतर स्वदेशीकरण किया जा रहा है।

युद्धक टैंकों, मिसाइलों सहित हेलीकॉप्टर के पार्ट्स शामिल

रक्षा मंत्रालय के अनुसार स्वदेशीकरण की वस्तुओं में जहाजों के लिए मैगजीन फायर फाइटिंग सिस्टम, स्टीयरिंग गियर सिस्टम, फ्रिगेट्स, प्रेशराइज्ड कंटेनरों के नियंत्रण के साथ फिन स्टेबलाइजर्स शामिल हैं। इसी तरह आकाश मिसाइलों, कोंकर्स मिसाइलों और इलेक्ट्रिक मोटर के लिए, युद्धक टैंकों के लिए परिशोधन सेट और प्रिज्म ऑप्टिकल स्वदेशी उपकरण तैयार किये गए हैं। इनके अलावा हेलीकॉप्टर के लिए इंटरमीडिएट कास्टिंग, पनडुब्बियों के लिए पॉलीक्रोपिन रबर बैंड और जहाजों के लिए उच्च दबाव नियामक वाल्व का भी स्वदेशीकरण किया गया है। सभी स्वदेशी वस्तुओं का विवरण सृजन पोर्टल पर उपलब्ध है।

विदेशी मुद्रा की होगी बचत

सरकार द्वारा प्रतिबंधित वस्तुओं के आयात में भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा की खपत होती थी। इसलिए केंद्र सरकार ने इन वस्तुओं का फास्ट ट्रैक तौर पर स्वदेशीकरण करने का निर्णय लिया। इन वस्तुओं के स्वदेशी विकल्प तलाशने के लिए सबसे पहले 1,238 वस्तुओं के आयात को प्रतिबंधित किया गया। सरकार के इस फैसले का जल्द ही सफल परिणाम देखने को मिलने लगा है और तय समय सीमा से पहले ही 72 वस्तुओं का स्वदेशीकरण कर लिया गया। इससे जहां सेना की अन्य देशों पर निर्भरता कम हुई वहीं देश के विकास में अहम विदेशी मुद्रा की भी बचत हुई।