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पांच राज्यों के 21 करोड़ लाभार्थियों को अनाज देने की प्रक्रिया शुरू

कोलकात्ता / पटना ।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना चरण-3 के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभार्थियों के लिए महामारी काल के अतिरिक्त आवंटन तथा मई और जून महीने के सामान्य आवंटन के उठाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है और भारतीय खाद्य निगम के पूर्वी क्षेत्र के अधीन आने वाले पांच राज्यों बिहार, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, और सिक्किम के 21 करोड़ लाभार्थियों को खाद्यान्न पहुंचाने की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है ।यह जानकारी भारतीय खाद्य निगम के पूर्वी क्षेत्र के कार्यकारी निदेशक डॉ अजीत कुमार सिन्हा ने दी ।

किसी भी लाभार्थी को नहीं होने दिया जाएगा खाद्यान्न संकट : डॉ अजीत सिन्हा

सिन्हा ने बताया कि इन पांच राज्यों के लिए 32112 मीट्रिक टन चावल एवं 107245 मेट्रिक टन गेहूं यानी कुल 139 357 मीट्रिक टन खाद्यान्न का प्रगतिशील उठाव किया जा रहा है ।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा महामारी काल में अंत्योदय अन्न योजना और प्राथमिकता वाले घर को प्रतिमाह 5 किलोग्राम खाद्यान्न प्रति व्यक्ति निशुल्क दिया जाना है । सिन्हा ने बताया कि भारतीय खाद्य निगम इस चुनौती को स्वीकार करते हुए प्रगतिशील उठाव के कार्य में लग गया है। बिहार तथा उड़ीसा राज्य में चावल का उठाव राज्य में उपलब्ध केंद्रीय पूल स्टॉक से किया जाना है। अन्य राज्यों में चावल का उठाव भी भारतीय खाद्य निगम के द्वारा किया जाएगा। बिहार तथा उड़ीसा में क्रमशः 37807 मीट्रिक टन तथा 260 मीट्रिक टन गेहूं का प्रगतिशील उठाव जारी है ।झारखंड के लिए 20789 मीट्रिक टन चावल तथा 7633 मीट्रिक टन गेहूं का उठाव किया जाना है| पश्चिम बंगाल के लिए 10789 मीट्रिक टन चावल तथा 61 545 मीट्रिक टन गेंहूँ का उठाव हो रहा है।

कार्यकारी निदेशक ने कहा कि अतिरिक्त आवंटन से महामारी के कारण पैदा हुए आर्थिक गतिरोध से गरीबों के सामने जीवन यापन में आई कठिनाइयों को कुछ कम किया जा सकेगा। आने वाले 2 महीने में किसी भी गरीब परिवार को खाद्यान्न की अनुपलब्धता के कारण संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। एफसीआई का पूर्वी अंचल अपने खाद्य योद्धाओं की पूरी टीम के साथ खाद्यान्न वितरण की चुनौती को स्वीकार करते हुए इस बड़े कार्य में जुट गया है। इस दौरान लॉकडाउन तथा कोविड-19 गाइडलाइन का भी पालन किया जा रहा है ताकि कर्मचारी, वर्कर और अधिकारियों की भी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।