किसानों को घर बैठे मिलेगा क्रेडिट कार्ड, जानें कैसे?
केन्द्र सरकार द्वारा देश के किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं । इसी दिशा में कदम उठाते हुए पीएम मोदी ने साल 2019 में पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के जरिये प्रति वर्ष 10 करोड़ से भी अधिक किसानों को सालाना 6 हजार रुपये 3 किस्तों में दी जा रही है। हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों को आसानी से लोन मुहैया करवाने के उद्देश्य से बैंकों को दिशा-निर्देश दिये हैं। इसी को गति देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने “किसान क्रेडिट कार्ड” प्रोजेक्ट शुरू किया है। सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत यूनियन बैंक के साथ मिलकर मध्यप्रदेश से इसकी शुरुआत की है।
क्या है KCC
यह प्रोजेक्ट्स ग्रामीण वित्त के डिजिटलीकरण के लिए रिजर्व बैंक की पहल का हिस्सा है। किसान अपने फोन के जरिए या ऑनलाइन के कियोस्क पर जाकर आसानी से आवेदन कर सकते हैं । इसमें अब किसानों को बैंक और लैंड रिकार्ड में जमीन को बंधक बनाने के लिए अलग-अलग आवदेन नहीं करना पड़ेगा। यह खेती-किसानी में बिजी किसानों के लिए काफी मददगार होगा और उनके वक्त को भी बचाएगा।
हरदा से पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत
यह भारतीय रिजर्व बैंक के आरबीआई इनोवेशन हब ‘RBIH‘ द्वारा विकसित प्लेटफॉर्म से संभव हुआ है। बता दें कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के बैंकों के डिजिटलकरण पर जोर दिया गया है। आरबीआई ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत यूनियन बैंक के साथ मिलकर देश में सबसे पहले हरदा जिले में क्रेडिट कार्ड देना शुरू किया है।
बैंकों में भीड़ भी कम होगी
पायलट प्रोजेक्ट्स के तहत अब ऑनलाइन प्रक्रिया से किसान घर बैठे मोबाइल से किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) के लिए अप्लाई कर सकते हैं। यह फ्लैगशिप डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन प्रोजेक्ट ‘संभव’ के तहत प्रोजेक्ट एंड-टू-एंड डिजिटलाइजेशन पर आधारित है। इस प्रोसेस की मदद से किसानों का समय बचेगा और बैंकों में भीड़ भी कम होगी। इस प्रोसेस में कोई दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि बैंक खुद खेती वाले जमीन के पेपर ऑनलाइन वेरीफाई कर लेगा ।
आसानी से ऋण देने की अपील
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से ग्रामीणों की आय को बढ़ाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) होल्डर्स को आसानी से ऋण देने की अपील की है। इस सम्बन्ध में वित्त मंत्री ने जुलाई महीने में पब्लिक सेक्टर के बैंकों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (CEO) के साथ लंबी बातचीत की थी। इस दौरान वित्त मंत्री ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) में उपयोग होने वाली टेक्नोलॉजी को बेहतर बनाने के लिए मदद करने को भी कहा था ।
कृषि ऋण में ग्रामीण बैंक की अहम भूमिका
आरआरबी (Regional Rural Bank) किसानों को लम्बे समय के लिए लोन मुहैया कराते हैं। इनको सरकारी बैंकों द्वारा स्पॉन्सर किया जाता है। मौजूदा समय में केंद्र की RRB में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि 35 प्रतिशत और 15 प्रतिशत क्रमशः संबंधित स्पॉन्सर बैंकों और राज्य सरकारों के पास है।
गौरतलब है कि किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के आने के बाद अब किसानों को लोन लेने के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं होगी। अब किसान क्रेडिट कार्ड से उर्वरक, बीज, दवाइयां कृषि उपकरण आसानी से खरीद पाएगा। इससे किसान आत्मनिर्भर भी बनेगा और उसकी आमदनी भी बढ़ेगी।