Exclusive : जब जब रावण पैदा होगा उसका संहार करने के लिए राम को आना ही होगा, कहा युवराज सुधीर सिंह
मधुबनी नरसंहार के बहाने पक्ष और विपक्ष अपनी अपनी राजनीति चमकाने में लगा हुआ है खासकर राजपूत वोट बैंक को अपने पक्ष में करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ा जा रहा है। ऐसे दौर में महाराजगंज के पूर्व सांसद रहे क्षत्रिय क्षत्रप प्रभुनाथ सिंह के भतीजे व दीनानाथ सिंह के पुत्र युवराज सुधीर सिंह एक बड़ा चेहरा बनकर बिहार के राजपूत राजनीति में उभरे हैं। मधुबनी नरसंहार के बाद हजारों गाड़ियों के काफिले के साथ वे घटनास्थल पर पहुंचे थे। तत्काल उन्होंने पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करवाई, साथ ही साथ जात की जमात तैयार करने वाले लोगों पर जमकर प्रहार किया।
उन्होंने कहा कि राजपूतों को केवल वोट बैंक समझने वाले लोगों को अब सचेत रहने की जरूरत है। राजपूत जात नहीं जमात है। जब-जब देश पर संकट आए हैं, सर कटाने में राजपूतों ने अग्रणी भूमिका निभाई है। इतिहास इस बात की गवाही देता है। किसी के प्रमाण की जरूरत नहीं है। बात चाहे विदेशी आक्रमणकारियों से लड़ाई लड़ने की हो देश की आजादी की हो या देश की सरहदों पर अपने सीने पर गोलियां खाने की, राजपूत समाज अग्रणी भूमिका में देश सेवा में अपना सर्वस्व समर्पण में आगे रहा है।
उन्होंने कहा कि देश के राजनीतिक रणनीतिकारों ने इस जाति को हाशिए पर लाने तथा वोट बैंक के लक्ष्मण रेखा में बांधने की भरपूर कोशिश की पर इस समाज ने कभी भी खुद को खुद तक केंद्रित नहीं किया। समाज को नेतृत्व दिया। दबे कुचले पिछड़े पीड़ित लोगों की आवाज बने आज भी देश व प्रदेश स्तर पर इस जाति के प्रतिनिधियों की प्रखरता किसी से छुपी हुई नहीं है, पर जब मधुबनी नरसंहार जैसी घटनाएं होती हैं और अपने लोग भी चुप्पी साथ लेते हैं तो वेदना भी बड़ी होती है।
युवराज सुधीर सिंह ने विशेष बातचीत में बताया कि उनके बड़े पापा प्रभुनाथ बाबू और पिता दीनानाथ सिंह समाज की लड़ाई लड़ने के कारण आज सलाखों के पीछे हैं। प्रभुनाथ सिंह अगर आज बाहर होते तो परिस्थितियां एकदम अलग होती। आज क्षत्रिय समाज खुद को नेतृत्व विहिन नहीं समझता। उन्होंने कहा कि युवराज सुधीर सिंह कोई बहुत बड़े समाज सेवी नहीं है इसी समाज के बेटे है।
उन्होंने कहा कि हम लोग समाज को जोड़ने में विश्वास करते हैं समाज को तोड़ने में विश्वास नहीं करते। अपराधी किसी भी जाति में हो सकते हैं पर जब जब समाज में रावण पैदा होगा राम भी उसका संहार करने के लिए पैदा होंगे। जो लोग मधुबनी नरसंहार को जातीय रंग देने की कोशिश में लगे हैं, उन्हें भी सचेत रहने की जरूरत है। वह किसी के जख्मों पर मरहम लगाने में विश्वास करते हैं। उनका परिवार पूरा बिहार है। वे सभी लोगों को अपना परिवार मानते हैं। सब के सुख दुख में जो कुछ भी संभव हो पाता है मदद करते हैं।
उन्होंने कहा कि इसका कोई राजनीति का अर्थ नहीं निकाला जा सकता। उन्हें लगा कि मधुबनी नरसंहार मामले में सिर्फ और सिर्फ राजनीति हो रही है। पहले उन्होंने एक सप्ताह तक इंतजार किया, जब उन्हें लगा कि अब उन्हें वहां जाना चाहिए तो वह अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंचे। उन्होंने सर्वप्रथम पिड़ित परिवार को जो कुछ भी सहायता हो सकता था उपलब्ध कराया तथा कहा कि आगे भी सहायता उपलब्ध करवाएंगे।
उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिलाएंगे तथा दोषियों को कठोर से कठोर दंड दिया जाएगा।
राजपूत राजनीति के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनका परिवार इस समाज के मान सम्मान के लिए कुर्बानी देता आया है पर महाराजगंज छपरा और तरैया में इसी समाज के जयचंदों ने घात करके उनके परिवार को धोखा देने का काम किया है पर वे सदैव लोगों के आंसू पोछने में विश्वास रखते हैं। जख्म देने में नहीं जहां कहीं भी समाज के रक्षा की बात होगी लोगों की सहायता की बात होगी अपने खून की एक बूंद से लोगों की सहायता करेंगे। उन्हें इस बात का गर्व है कि उन्होंने क्षत्रिय कुल में जन्म लिया है। क्षत्रिय जाति नहीं विचारधारा है।
शोषित लोगों की रक्षा करने के लिए यह समाज सदैव आगे आया है, वह भी अपने परिवारिक विरासत को निभा रहे। उन्हें इस बात की खुशी है कि मधुबनी नरसंहार के बहाने पूरे बिहार के समान विचारधारा के लोग एक साथ एक मंच पर उपस्थित हुए हैं पर कुछ लोगों को यह बात भी नहीं पच रहे हैं। सस्ती लोकप्रियता अर्जित करने के लिए इसे जातीयता के रंग में रंगना चाहते हैं। समाज में विद्वेष फैलाना चाहते हैं। उनकी लड़ाई शोषको के खिलाफ है। अनाचार अत्याचार और अपराध के खिलाफ है दर्द और आंसुओं के खिलाफ है। किसी जात के खिलाफ नहीं है।
उन्होंने कहा कि मधुबनी में जो कुछ हुआ है उसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है। पीड़ित के परिजनों से मिलने के बाद खून खौल उठता है।
उन्होंने बातचीत के क्रम में बताया कि जब वे मधुबनी पहुंचे उसके बाद पीड़ित परिवार को सहायता देने में कई सारे लोग आगे आए। इसके लिए भी वह सब का धन्यवाद करते हैं। पूरे बिहार से लाखों लोगों के फोन कर उन्हें बधाई दी। सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें हाथों हाथ लिया।
उन्होंने कहा कि वे लोग जमीन पर रहने वाले लोगों की सहायता करने वाले लोग हैं। जनतंत्र में जनता मालिक है, जहां कही अत्याचार होगा नरसंहार होगा किसी को सताया जाएगा उसके आंसू पोछने वे सबसे पहले जाएंगे। उनका कहना है कि वह एक सेवक है और सेवक सदैव सबकी सेवा में तल्लीन रहता है।
अनूप नारायण सिंह