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Budget 2022: इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम को मार्च 2023 तक बढ़ाया जाएगा, छोटे उद्यमियों को होगा बड़ा लाभ

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट 2022 भले ही आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया हो, लेकिन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए बड़ी घोषणाएं की हैं। वित्त मंत्री ने आपातकालीन ऋण गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) की समयसीमा और गारंटी के दायरे में विस्तार किया है।

ईसीएलजीएस का गारंटी कवर बढ़ाया

वित्त मंत्री ने आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) को मार्च 2023 तक बढ़ा दिया है। साथ ही ईसीएलजीएस के तहत गारंटी कवर को अब 50,000 करोड़ रुपए से बढ़ाकर कुल कवर 5 लाख करोड़ रुपए तक किया जाएगा। अतिरिक्त सहायता विशिष्ट रूप से आतिथ्य और संबंधित उपक्रमों के लिए निर्धारित की जा रही है।

ईसीएलजीएस के तहत 130 लाख से अधिक MSMEs को अत्यंत आवश्यक और अतिरिक्त ऋण

वित्त मंत्री ने यह जानकारी भी दी कि ईसीएलजीएस के तहत 130 लाख से अधिक एमएसएमई को अत्यंत आवश्यक और अतिरिक्त ऋण प्रदान किया गया है। इससे उनको महामारी के प्रतिकूल प्रभाव से राहत पाने में मदद मिली है। यह प्रस्ताव इस पहलू पर विचार करते हुए प्रस्तुत किया गया है कि विशेषकर सूक्ष्म और लघु उद्यमों की आतिथ्य और संबंधित सेवाओं का अभी महामारी से पहले की अवस्था को फिर से हासिल करना अभी बाकी है। वित्त मंत्री ने एमएसएमई क्षेत्र से संबंधित कई अन्य प्रस्ताव भी प्रस्तुत किए।

क्या है ईसीएलजीएस ?

इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम यानि ईसीएलजीएस एक खास तरह की लोन स्कीम है। कोरोना महामारी के चलते प्रभावित एमएसएमई सेक्टर को उबारने के लिए केंद्र सरकार ने इसका एलान किया था। जानकारी के मुताबिक आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत 4 दिसंबर 2020 को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, शीर्ष 23 निजी क्षेत्र के बैंकों और 31 एनबीएफसी के अनुसार 80,93,491 उधारकर्ताओं को 2,05,563 करोड़ रुपए की अतिरिक्त क्रेडिट राशि मंजूर की गई थी जबकि 40,49,489 कर्जदारों को 1,58,626 करोड़ दिए गए थे।

इसके पश्चात 26 नवंबर 2020 को योजना में और संशोधन किया गया और योजना की अवधि 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दी गई। इसके अलावा, निर्धारित टर्नओवर की सीमा को हटा दिया गया है। 26 नवंबर 2020 को ईसीएलजीएस 2.0 के परिचालन दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। ततपश्चात यह उम्मीद की गई कि 45 लाख इकाइयां इस योजना के माध्यम से व्यावसायिक गतिविधियों को फिर से शुरू कर सकती हैं और नौकरियों की सुरक्षा कर सकती हैं। अब वित्त मंत्री ने आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) को मार्च 2023 तक बढ़ा दिया है। इस प्रकार केंद्र सरकार कोविड महामारी के मुश्किल समय में भी सूक्ष्म और लघु उद्यमों की मदद के लिए सदैव तत्पर रही है।

सीजीटीएमएसई योजना के माध्यम से अतिरिक्त ऋण

अपेक्षित धन लगाकर क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल इंटरप्राइजेज (सीजीटीएमएसई) योजना को पुनर्जीवित किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे सूक्ष्म और लघु उद्यमों को 2 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त ऋण मिल सकेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेगे।

सरकार 6,000 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ शुरू करेगी आरएएमपी प्रोग्राम

इस बार बजट में वित्त मंत्री ने पांच वर्षों में 6,000 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ रेजिंग एंड एक्सिलरेटिंग एमएसएमई परफोर्मेंस (आरएएमपी) कार्यक्रम आरम्भ करने की भी घोषणा की है। इससे एमएसएमई क्षेत्र को अधिक लचीला, प्रतिस्पर्धी और दक्ष बनने में मदद मिलेगी।

उद्यम, ई-श्रम, एनसीएस और असीम पोर्टल्स को आपस में जोड़ा जाएगा

केंद्रीय वित्त मंत्री ने यह प्रस्ताव भी पेश किया कि उद्यम, ई-श्रम, एनसीएस और असीम पोर्टल्स को आपस में जोड़ने का कार्य किया जाएगा और उनके दायरे को भी बढ़ाया जाएगा। अब वे जी2सी, बी2सी और बी2बी सेवाएं प्रदान करने वाले लाइव, ऑर्गेनिक डाटा बेस युक्त पोर्टल्स के रूप में काम करेंगे। अर्थव्यवस्था को और अधिक औपचारिक बनाने और सभी के लिए उद्यम संबंधी अवसरों को व्यापक बनाने के उद्देश्य से ये सेवाएं क्रेडिट सुविधा, कौशल विकास और भर्ती के साथ संबद्ध की जाएंगी।

सीमा शुल्क को युक्तिसंगत बनाया

वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विभिन्न शुल्कों को और ज्यादा युक्तिसंगत बनाने के लिए छातों पर शुल्क 20 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। इसी के साथ छातों के कलपुर्जों पर छूट वापस ले ली गई है। कृषि क्षेत्र के भारत में निर्मित औजारों और उपकरणों पर भी छूट को युक्तिसंगत बनाया गया है। एमएसएमई सेकेंडरी स्टील उत्पादकों को राहत पहुंचाने के लिए स्टील स्क्रैप पर पिछले साल दी गई सीमा शुल्क में छूट को एक और वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है। स्टेनलेस स्टील और कोटेड स्टील फ्लैट प्रोडक्ट्स, एलॉय स्टील की बार हाई स्पीड स्टील पर कुछ एंटी-डंपिंग तथा सीवीडी को धातु की अधिक कीमतों पर गौर करते हुए व्यापक जनहित में हटाया जा रहा है।