EC Guidelines- मतदाताओं को मिलेंगे मास्क-दस्ताने, बस 5 लोगों को डोर टू डोर कैंपेन की अनुमति
बिहार विधानसभा चुनाव निर्धारित समय पर होगा. उम्मीद की जा रही है कि सितंबर के दूसरे सप्ताह तक इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी जायेगी कोरोना काल में जहां चुनाव कराना आयोग के लिए एक चुनौती है. वहीं वोटर्स के लिए भी इस बार मतदान करना एक बड़ी चुनौती होगी. चुनाव आयोग ने कोरोना काल में चुनाव संबंधित नई गाइडलाइंस जारी कर दी हैं. ये गाइडलाइंस बिहार विधानसभा चुनाव और अन्य उपचुनावों के लिए जारी की गई हैं.
अगले कुछ महीनों में होने जा रहे बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान आयोग की गाइडलाइन्स के मुताबिक, लंबी-लंबी कतारें नहीं लगेंगी. आयोग ने चुनाव लड़नेवाले प्रत्याशियों को ऑनलाइन नामांकन पत्र दाखिल करने, ऑन लाइन ही शपथपत्र और सिक्युरिटी मनी जमा कराने का विकल्प दिया है. वहीं वोटर्स को वोट डालने के लिए मास्क और दस्तानें दिए जाएंगे. अब उम्मीदवार समेत सिर्फ 5 लोग डोर टू डोर कैंपेन में हिस्सा ले सकेंगे. उम्मीदवार जमानत की राशि ऑनलाइन भर सकेंगे. पब्लिक मीटिंग और रोड शो की अनुमति गृह मंत्रालय और राज्यों के कोरोना पर दिशानिर्देशों के अनुसार मिलेगी. चुनाव आयोग ने हर मतदान केंद्र पर सुविधाओं के लिए विस्तृत निर्देश जारी किए हैं.
प्रत्याशियों को ऑनलाइन नामांकन पत्र दाखिल करने का विकल्प होगा. सशरीर नामांकन पूर्व की भांति किया जायेगा. नामांकन के दौरान उम्मीदवार के साथ सिर्फ दो लोगों और दो गाड़ियों को ले जाने की अनुमति मिलेगी. डोर टू डोर कैंपेन के जन-संपर्क अभियान में प्रत्याशी को अधिकतम पांच लोगों के साथ जाने की अनुमति दी गयी है. रोड शो के दौरान काफिले के एक हिस्से में पांच गाड़ियां ही रहेगी. आधे घंटे बाद ही पांच गाड़ियों का दूसरा काफिला निकाला जा सकेगा. दो काफिलों के बीच 100 मीटर की दूरी रखना होगा. तय संख्या से ज्यादा लोग रैली में शामिल नहीं होंगे. जिलाधिकारी पूर्व में ही चुनावी सभा के लिए डेडीकेटेड ग्राउंड का चयन करेंगे, जो प्रवेश और निकास की मार्किंग के साथ होगा.
पहली बार बिहार विधानसभा आम चुनाव में एक हजार मतदाताओं के वोटिंग के लिए एक बूथ की स्थापना की गयी है. राज्य में इस बार एक लाख छह हजार बूथ बनाये गये हैं. वोटिंग से एक दिन पहले बूथ को सैनिटाइज किया जायेगा. हर बूथ के प्रवेश और निकास द्वार पर साबुन, पानी, सैनिटाइजर मुहैया कराया जायेगा. हर मतदान केंद्र के प्रवेश द्वारा पर थर्मल स्कैनर होंगे. यदि किसी वोटर का तापतान केन्द्र स्वास्थ्य मंत्रालय के नियमों अनुसार ज्यादा आया तो ऐसी स्थिति में उसकी दो बार जांच की जाएगी. दूसरी बार भी यह ज्यादा तापमान आने पर वोटर को टोकन और सर्टिफिकेट दिया जायेगा कि वह वोटिंग के आखिरी घंटे में बूथ पर आकर वोट डाले. कोरेंटिन किये गये कोरोना के मरीज भी वोटिंग के आखिरी घंटे में स्वास्थ्य अधिकारियों की देखरेख में वोट डालने जायेंगे. आइसोलेशन में रहनेवाले कोविड संक्रमितों के लिए पोस्टल बैलेट की व्यवस्था होगी.
वोटर्स के बीच में दो गज की दूरी बना रखने के लिए जमीन पर सर्कल बनाए जाएंगे. एक लाइन में 15 से 20 व्यक्तियों के खड़े होने के लिए सर्कल बनाएं जाएंगे. जिसमें पुरुष, महिला और पीडब्ल्यूडी / वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं के लिए अलग-अलग कतारें होंगी. मतदाता की पहचान की प्रक्रिया के दौरान मतदाताओं को आवश्यकता पड़ने पर पहचान के लिए चेहरे से फेस मास्क को कम करना होगा या हटाना होगा. वोटर्स को मतदाता रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने और मतदान के लिए ईवीएम के बटन दबाने के लिए हाथ के दस्ताने दिए जाएंगे. सोशल डिस्टेंसिंग के लिए बड़े हॉल की पहचान करनी है. चुनावी ड्यूटी में किसी भी कर्मचारी को कोरोना होता है, तो उसके बदले में ड्यूटी संभालने के लिए पर्याप्त संख्या में कर्मी रखे जाएं. चुनाव सामग्री देने और इकट्ठा करने की प्रक्रिया भी बड़े हॉल में करायी जायेगी. इवीएम की पहली और दूसरी रैंडमाइजेशन का काम भी बड़े हॉल में किया जायेगा.
बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त होगा और अक्टूबर-नवंबर में किसी समय चुनाव कराये जाने की संभावना है. कोरोना वायरस और बारिश के कारण हाल में कई उपचुनावों को टाल दिया गया था. अब तक चुनाव के किसी नए कार्यक्रम की घोषणा नहीं की गई है.