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ईद के मौके पर कुष्ट आश्रम में लच्छा सेवई का वितरण, कोरोना महामारी से लोगों को मुक्ति दिलाने की कमाना

खगौल | सामाजिक सद्भाव,भाईचारे, प्रेम-सौहार्द और राष्ट्रीय एकता का माहौल राजधानी पटना से सटे महान बैज्ञानिक आर्यभट्ट की नगरी खगौल में ‘ईद-उल-फितर’ त्यौहार का नजारा देखने को मिला है | जहाँ मुस्लिम और हिन्दू भाइयों ने एक साथ मिल कर कोरोना संक्रमण संकट काल में स्थानीय कुष्ट आश्रम में जा कर गरीबों के बीच लच्छा सेवई का वितरण कर ईद का मुबारकबाद दिया है|

इस में शामिल में सामाजिक कार्यकर्ता चंदू प्रिंस मो रिंकू ,नवीन कुमार, मो.सुल्तान ,मो.गुड्डू,मो.बादल .मो सदाब,पिंटू,मो.गोल्डन,मो.नूरआलम,मो.असलम,ओम नन्दन तिवारी,आकाश कुमार आदि का कहना है कि इस्‍लाम में रमज़ान का महीना सबसे पाक माना जाता है। इस महीने में 30 दिनों तक रोजा रखने और अल्‍लाह की इबादत करने के बाद हर किसी को इंतजार होता है चांद के दीदार का। जो बताता है कि ईद आ गई है। यूं तो ईद पर मस्जिदों से लेकर बाजारों में जो रौनक और लोगों में उत्‍साह देखने को मिलता है, वो कमाल का होता है, लेकिन इस बार कोरोना संकट के चलते ईद की रौनक कुछ कम हुई है|

कोरोना की वजह से लोगों को अपने-अपने घरों में ही ईद मानना पड़ा है| हम सभी हिन्दू-मुस्लिम भाई,इस ईद के मौक़े पर अपनी इबादत में देश व प्रदेश में अमन-चैन, ख़ुशहाली तथा प्रत्येक इंसान के अच्छे स्वास्थ्य व समृद्धि के लिए दुआ करें और ईश्वर-अल्ला से प्रार्थना करते हैं कि कोरोना महामारी से लोगों को मुक्ति मिले|