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बाल संरक्षण के प्रति समाज को जागरुक करने की आवश्यकता-डीएम

पटना। जिला परिषद अध्यक्ष कुमारी स्तुति की अध्यक्षता जिला बाल संरक्षण समिति एवं चाइल्ड लाइन सलाहकार बोर्ड की बैठक का आयोजन किया गया।

बैठक में बाल श्रम पर रोक, बच्चों में नशा की प्रवृत्ति की रोकथाम, बाल विवाह की रोकथाम, अनाथ एवं परित्यक्त बच्चों के अवैध दत्तकग्रहण की रोकथाम, प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर बाल संरक्षण समिति को मजबूत करने पर बल दिया गया।

पीएम केयर्स फ ोर चिल्ड्रेन योजना के संबंध में सहायक निदेशक द्वारा बताया गया कि वैसे अनाथ बच्चे जिनके माता पिता दोनों की मृत्यु हो गयी हैए जिसमें से किसी एक की मृत्यु कोरोना से हुई हैए उन्हें इस योजना का लाभ दिया जाना है। उक्त योजना में कुल 9 बच्चे पंजीकृत है।

मुख्यमंत्री बाल सहायता योजना में सहायक निदेशक द्वारा बताया गया कि वैसे अनाथ बच्चे जिनके माता पिता दोनों की मृत्यु हो गयी है उन्हें प्रतिमाह 1500 रूपये का भुगतान किया जा रहा है। इस योजना में कुल 10 बच्चे पंजीकृत हैं। स्पांसरशिप योजना के संबंध में सहायक निदेशक द्वारा बताया गया कि इस योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्त महिलाओं के अधिकतम दो बच्चों को अधिकतम तीन वर्ष के लिए प्रतिमाह 2000 रूपया देने का प्रावधान है। 41 बच्चों को स्पांसरशिप योजना का लाभ दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के संबंध में सहायक निदेशक द्वारा बताया गया कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवार की कन्या को विवाह के उपरांत एक मुस्त 5000 की राशि प्रदान की जाती है। 14929 लाभुकों को योजना का लाभ दिया जा चुका है। परवरिश योजना के संबंध में सहायक निदेशक द्वारा बताया गया कि निकटतम रिश्तेदारों के साथ रह रहे अनाथ और बेसहारा बच्चों को इस योजना का लाभ दिया जाता है। वत्र्तमान में 1015 लाभुकों को योजना का लाभ दिया जा रहा है। बाल श्रम से विमुक्ति के बारे में श्रम अधीक्षक द्वारा बताया गया कि इस वर्ष 32 बच्चों को बाल श्रम से मुक्त करवाया गया है।

साथ ही सभी दोषी नियोजकों के विरूद्ध संबंधित थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गई है। डीएम डॉ सिंह ने सरकारी अस्पताल में बच्चे को नशे की प्रवृति से मुक्ति तथा ईलाज हेतु व्यवस्था करने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि अनुमंडलीय अस्पतालोंए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं अन्य अस्पतालों में आने वाले भूले भटके बच्चों का ईलाज प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि सर्वे के अनुसार विद्यालय से बाहर 912 बच्चों का विद्यालय में नामांकन कराया गया।

डीएम डॉ सिंह ने कहा कि बाल संरक्षण के प्रति समाज को जागरूक करने की आवश्यकता है। बैठक में उप विकास आयुक्त सहित अन्य लोग उपस्थित थे।