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दिल्ली नगर निगम के 250 वार्ड के परिसीमन का काम पूरा, केन्द्र ने अधिसूचना जारी की

दिल्ली नगर निगम के 250 वार्ड के परिसीमन का कार्य पूरा हो गया है। अब MCD में कुल 250 वार्ड होंगे जिनमें 42 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होंगे। इसके लिए केंद्र सरकार ने को नोटिफिकेशन जारी किया है। इस वर्ष जुलाई में गृह मंत्रालय ने दिल्‍ली के चुनाव आयुक्‍त विजय देव की अध्‍यक्षता में वार्डों के परिसीमन के लिए समिति नियुक्ति थी।

अब दिल्ली का राज्य चुनाव आयोग महिलाओं और अनुसूचित जाति के लोगों के लिए सीट चिन्हित और आरक्षित करके नोटिफिकेशन जारी करेगा, जिनमें 42 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होंगे। इससे पहले एकीकृत एमसीडी के तहत 250 वार्ड (42 आरक्षित) का ड्राफ्ट परिसीमन जारी किया गया था।

दिल्ली में अब एकीकृत नगर निगम में कुल 250 वार्ड बनाए जाने से, पहले तीन नगर निगमों के कुल वार्डों की संख्या में 22 वार्डों की कमी आ गई है। इससे पहले नार्थ एमसीडी और साउथ एमसीडी में 104-104 थे व ईस्ट एमसीडी में 64 वार्ड थे। तीनों नगर निगमों को मिलाकर कुल सीटों की संख्या 272 थीं। जनसंख्या के हिसाब से दिल्ली में अब सबसे बड़ा वार्ड मयूर विहार फेज वन होगा, वहीं सबसे छोटा वॉर्ड चांदनी चौक है।

800 पन्नों की सौंपी गई रिपोर्ट

मीडिया रोपोर्ट्स के मुताबिक, परिसीमन कमेटी ने केंद्र सरकार को करीब 800 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी है। दिल्ली में परिसीमन का काम कई चरणों में हुआ है जिसके चलते काफी वक्त लगा है। समिति की रिपोर्ट पर लोगों की प्रतिक्रियाएं जानने के लिए इसे दिल्‍ली राज्‍य चुनाव आयोग की वेबसाइट पर प्रदर्शित किया गया था। डीलिमिटेशन का अंतिम आदेश आम लोगों और राजनीतिक पार्टियों के सुझावों और आपत्तियों के आधार पर संशोधन के बाद जारी किया गया है।

मेयर करेगा सिर्फ सदन की अध्यक्षता

एकीकरण के बाद मेयर सिर्फ सदन की अध्यक्षता करेगा। ‘मेयर इन काउंसिल’ का प्रावधान नहीं है। इसके साथ ही अब फाइनेंशियल पावर मेयर के बजाय कमिश्नर के हाथ में रहेगी। सदन के पास बजट पास करने का अधिकार है जिसकी अध्यक्षता मेयर करेगा। उस बजट में पैसा खर्च करना, बजट आवंटन करना, ये अधिकार कमिश्नर को दिए गए हैं।

एकीकृत MCD के बाद पहली बार होंगे निकाय चुनाव

अब केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी गजट अधिसूचना के बाद परिसीमन की कवायद पूरी की जाएगी। परिसीमन समिति ने सोमवार को केंद्र को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के वार्डों के परिसीमन पर अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपी थी। इस कदम से एमसीडी चुनावों का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। केंद्र सरकार राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दे सकती है।

परिसीमन

परिसीमन (Delimitation) का शाब्दिक अर्थ है किसी देश या प्रांत में विधायी निकाय वाले क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों की सीमा तय करने की क्रिया या प्रक्रिया। परिसीमन आयोग भारत में एक उच्चाधिकारनिकाय है जिसके आदेशों को कानून के तहत जारी किया गया है और इन्हें किसी भी न्यायालयमें चुनौती नहीं दी जा सकती।
भारत में ऐसे परिसीमन आयोगों का गठन 4 बार किया गया है- 1952 में परिसीमन आयोग अधिनियम- 1952 के अधीन, 1963 में परिसीमन आयोग अधिनियम- 1962 के अधीन, 1973 में परिसीमन अधिनियम- 1972 और 2002 में परिसीमन अधिनियम- 2002 के अधीन। इस संबंध में,ये आदेश भारत के राष्ट्रपति द्वारा निर्दिष्ट तारीख से लागू होंगे। इसके आदेशों की प्रतियां संबंधित लोक सभा और राज्य विधानसभा के सदन के समक्ष रखी जाती हैं, लेकिन उनमें उनके द्वारा कोई संशोधन करने की अनुमति नहीं होती है।

दिल्ली के लिए राज्य चुनाव आयोग के गठन के बाद वार्डों का पहला परिसीमन 1993 में 1991 के लिए अंतिम जनगणना के आंकड़ों के आधार पर हुआ (क्योंकि उस समय जनसंख्या के अंतिम आंकड़े उपलब्ध नहीं थे)।