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बाढ़ राहत शिविर में रह रहे लोगों की एंटीजन टेस्टिंग कराये जाने का मुख्यमंत्री ने दिया निर्देश कहा इसके लिए किट्स की आपूर्ति प्रभावित जिलों में बढ़ा दी जाए

पटना, 30 जुलाई 2020:- वीडियो कॉंन्फ्रेसिंग के माध्यम से मीडिया के साथ संवाद। सचिव सूचना एवं जन सम्पर्क अनुपम कुमार, सचिव स्वास्थ्य लोकेश कुमार सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार, सचिव कृषि  एन0 सरवन कुमार,अपर सचिव आपदा प्रबंधन रामचंद्र डू एवं जल संसाधन विभाग के प्रभारी पदाधिकारी, बाढ़ अनुश्रवण सेल ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं विभिन्न नदियों के जलस्तर को लेकर सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों के संबंध में अद्यतन जानकारी दी

सचिव, सूचना एवं जन-सम्पर्क अनुपम कुमार ने बताया कि कोविड-19 एवं बाढ़ की वर्तमान स्थिति से निपटने को लेकर सरकार द्वारा लगातार पूरी नजर रखी जा रही है और सभी आवश्यक कार्रवाई भी की जा रही है। कल भी मुख्यमंत्री ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उप मुख्यमंत्री, मंत्री जल संसाधन, मंत्री आपदा प्रबंधन, मुख्य सचिव, विभागीय सचिवों, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के प्रमण्डलीय आयुक्तों, जिलाधिकारियों, अन्य विभागीय पदाधिकारियों एवं संबंधित लोगों के साथ बाढ़ प्रभावित जिलों में जारी राहत एवं बचाव कार्य की समीक्षा की थी। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ही उन्होंने कम्यूनिटी किचेन एवं राहत शिविरों का निरीक्षण कर वहां आवासित लोगों से बातचीत की थी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि बाढ़ राहत शिविर में रह रहे लोगों की एंटीजन टेस्टिंग करायी जाय और इसके लिए किट्स की आपूर्ति प्रभावित जिलों में बढ़ा दी जाय। ग्रेच्युट्स रिलीफ (अनुग्रह अनुदान) की राशि बाढ़ प्रभावित लोगों को शीघ्र दी जाय। इसके लिए काम प्रारम्भ कर दिया गया है। कल शाम तक 01 लाख लोगों को ग्रेच्युट्स रिलीफ की राशि देनें का अनुमान था और कल निरीक्षण के समय तक करीब 60,000 लोगों को ग्रेच्युट्स रिलीफ की राशि दे दी गयी थी, यह प्रक्रिया लगातार चल रही है। प्रभावित परिवारों को अनुग्रह अनुदान का भुगतान शीघ्र किया जा रहा है। इसके अलावा बाढ़ राहत शिविरों में आवासित लोगों को निःशुल्क मास्क भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

अनुपम कुमार ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण को लेकर क्वालिटी ऑफ ट्रीटमेंट और बेड्स कैपिसिटी बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि लोगों को किसी प्रकार का दिक्कत न हो। स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूरी मुश्तैदी के साथ सभी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। लॉकडाउन अवधि से लेकर अभी तक 05 लाख 57 हजार योजनाओं के अंतर्गत 12 करोड़ 14 लाख से अधिक मानव दिवसों का सृजन किया जा चुका है। राशन कार्ड के वितरण का कार्य लगभग सभी जिलों में अब समाप्त हो गया है और एक दो जगहों पर जो अभी शेष है, उसका वितरण भी शीघ्र कर दिया जाएगा, इससे लोगों को काफी फायदा होगा।
सचिव स्वास्थ्य लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना से पिछले 24 घंटे में 1,169 लोग स्वस्थ हुए हैं और अब
तक 31,673 लोग कोविड-19 संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं। इस प्रकार बिहार का रिकवरी रेट 65.98 प्रतिशत है। 29 जुलाई से अब तक कोविड-19 के 1,445 मामले प्रतिवेदित हुए हैं, जबकि 28 जुलाई एवं पूर्व के 637 कोरोना संक्रमण के नये मामले भी सामने आये हैं। वर्तमान में बिहार में कोविड-19 के 16,042 एक्टिव मरीज हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में 20,801 सैंपल्स की जांच की गई है और अब तक की गयी कुल जांच की संख्या 5,25,430 है।
लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि आज यह निर्णय लिया गया है कि प्रत्येक जिले में एक टॉल फ्री नम्बर होगा, जिसमंे 10 हंटिंग लाइन होंगे और वहां पर चिकित्सकों तथा टेलिफोन ऑपरेट करने हेतु कर्मियों की नियुक्ति 24ग्7 की जाएगी। टॉल फ्री नम्बर पर कोई भी व्यक्ति कॉल कर स्वास्थ्य संबंधी परामर्श प्राप्त कर सकता है। नियंत्रण कक्ष में पर्याप्त संख्या में एम्बुलेंस, कर्मी, किट्स भी उपलब्ध रहेंगे ताकि आवश्यकता पड़ने पर उस एम्बुलेंस को भेजकर लोगों को इलाज के लिए निर्धारित अस्पताल तक लाया जा सके।

स्वास्थ्य विभाग से आज यह आदेश निर्गत हो रहा है और यह अगले दो दिनों में कार्यान्वित हो जाएगा, इससे लोगों को चिकित्सकीय परामर्श मिलेगा। साथ ही उन्हें अस्पताल पहुँचने में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होगी। उन्होंने बताया कि कल 20,801 सैंपल्स की जांच हुई है। इस प्रकार प्रतिदिन 20,000 से अधिक जांच करने का लक्ष्य अब प्राप्त किया जा चुका है।

अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा 1 जुलाई से लागू अनलॉक-2 के तहत जारी गाइडलाइन्स का अनुपालन कराया जा रहा है। पिछले 24 घंटे में 10 कांड दर्ज किये गये हैं और 06 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है। इस दौरान 910 वाहन जब्त किये गये हैं और 20 लाख 88 हजार 400 रूपये की राशि जुर्माने के रुप में वसूल की गई है। इस प्रकार 1 जुलाई से अब तक 53 कांड दर्ज किये गये हैं और 71 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है। कुल 24,764 वाहन जब्त किए गए हैं और करीब 05 करोड़ 83 लाख 80 हजार रुपए की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गयी है। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं पहनने वाले लोगों पर भी लगातार कार्रवाई की जा रही है। पिछले 24 घंटे में मास्क नहीं पहनने वाले 5,696 व्यक्तियों से 02 लाख 84 हजार 800 रूपये की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गयी है। इस प्रकार 05 जुलाई से अब तक मास्क नहीं पहनने वाले 1,37,441 व्यक्तियों से 68 लाख 72 हजार 50 रूपये की जुर्माना राशि वसूल की गयी है। कोविड-19 से निपटने के लिये उठाये जा रहे कदमों और नये दिशा-निर्देशों का पालन करने में अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाये जा रहे हैं।

कृषि विभाग के सचिव एन0 सरवण कुमार ने बताया कि जलवायु परिवर्तन एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है और इसका असर सभी क्षेत्रों में पड़ रहा है। कृषि के क्षेत्र में इसका ज्यादा कुप्रभाव पड़ रहा है। पिछले एक साल में 7.86 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में लगी खरीफ फसल की क्षति हुई है, जबकि रबी मौसम में 5.24 लाख हेक्टेयर में लगी फसल की क्षति हुई है। इसको लेकर कृषि विभाग की ओर से इस पर त्वरित कार्रवाई की गई है। फसल इनपुट अनुदान योजना के अंतर्गत पिछले एक साल में किसानों के बैंक खातों में 1,220 करोड़ रूपये की राशि ट्रांसफर की गई है। खरीफ फसल के लिए 652 करोड़ रूपये और रबी फसल के लिए 568 करोड़ रूपये की राशि किसानों के खाते में ट्रांसफर की गई। खरीफ फसल की क्षति को लेकर 15.32 लाख किसानों और रबी फसल के लिए 18.39 लाख किसानों के खातों में सीधे राशि ट्रांसफर की गई है। अतिवृष्टि, अल्पवृष्टि और बाढ़ को लेकर किसानों को दिक्कतें हुई हैं लेकिन सरकार ने त्वरित कार्रवाई कर फसल क्षति की भरपाई करने को लेकर काम किया है।
कृषि विभाग के सचिव श्री एन0 सरवण कुमार ने बताया कि रबी मौसम में लॉकडाउन को लेकर किसानों को हार्वेस्टिंग में समस्या हो रही थी लेकिन सरकार ने इसमें छूट दी। किसानों ने लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए खेती की है। खरीफ मौसम में इस बार समय पर बारिश हुई है। 01 जून से लेकर 30 जुलाई तक नार्मल बारिश 506.4 मिलीमीटर के विरुद्ध राज्य में 740.4 मिलीमीटर बारिश हुई है। इस बार 46 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है

इसके कारण कई जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। अभी तक की जानकारी के अनुसार 33 लाख हेक्टेयर में धान की बुआई के विरुद्ध 29.22 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी है यानि लगभग 90 प्रतिशत धान की रोपनी का काम पूरा हो चुका है। .षि सचिव ने बताया कि 11 जिलों में बाढ़ के कारण स्थिति थोड़ी खराब है, इसको लेकर पानी घटने के बाद फसल क्षति का आंकलन किया जायेगा। जिला पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे सर्वे करने का काम करें। सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्णिया, सुपौल, कटिहार और समस्तीपुर में फसल क्षति को लेकर सर्वे का काम जारी है। बाढ़ को लेकर .षि विभाग अलर्ट है। किसानों को हुई फसल क्षति को लेकर आपदा प्रबंधन प्रावधान के अनुसार ससमय मदद पहुंचायी जायेगी। इसको लेकर .षि विभाग ने अभी से तैयारी शुरु कर दी है।

कृषि विभाग के सचिव श्री एन0 सरवण कुमार ने बताया कि कृषि विभाग में बड़े पैमाने पर टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है। पिछले एक साल से हमलोग बीज वितरण का ऑनलाइन आवेदन ले रहे हैं। बीज का होम डिलिवरी का सिस्टम भी शुरु किया गया है। रबी मौसम में बांका जिला में इसको पायलट प्रोजेक्ट के रुप में शुरु किया गया था। खरीफ के मौसम में अभी तक 5.40 लाख किसानों के बीच बीज का वितरण किया जा चुका है। इसमें से 40 हजार किसानों को बीज का होम डिलिवरी किया गया है। बिहार में पहली बार ऐसा हुआ है। आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में बीज की होम डिलिवरी की जायेगी। अगले रबी फसल के लिए भी ऑनलाइन आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। अभी तक 44 हजार किसानों के ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। इसमें से 4,500 किसानों ने होम डिलिवरी की इच्छा व्यक्त की है। लॉकडाउन के दौरान भी ऑनलाइन और होम डिलिवरी की सुविधा किसानों को देने में सफल हो रहे हैं।
कृषि विभाग के सचिव  एन0 सरवण कुमार ने बताया कि हर खेत में पानी पहुंचाने को लेकर सर्वे करने का काम कृषि विभाग द्वारा किया जा रहा है। हर खेत में सिंचाई की व्यवस्था उपलब्ध कराने को लेकर प्लॉट वाइज सर्वे शुरु किया गया है।

इसके अंतर्गत सिंचाई के उपलब्ध स्त्रोतों का सर्वे किया जा रहा है। इसके साथ ही असिंचित क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर सर्वेक्षण बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। टिड्डी दलों को भी समय पर कृषि विभाग ने कंट्रोल किया है। बाढ़ के कारण 11 जिलों में 4 लाख 87 हजार हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित होने का प्रारंभिक अनुमान है। पानी घटने के बाद वास्तविक स्थिति सामने आयेगी।

जल संसाधन विभाग के प्रभारी पदाधिकारी, बाढ़ अनुश्रवण सेल ने राज्य की विभिन्न नदियों के जलस्तर एवं बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंधों की स्थिति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोशी नदी में आज 2 बजे 2,03,995 क्यूसेक जलश्राव प्रवाहित हुआ है और इसकी प्रवृति बढ़ने की है। गंडक नदी में डिस्चार्ज अभी बहुत कम है किंतु इसकी प्रवृति बढ़ने की है। बागमती नदी का जलस्तर ढेंग, सोनाखान, डूब्बाधार, कनसार, बेनीबाद, हायाघाट गेज स्थलों पर खतरे के निशान से ऊपर है लेकिन ढेंग और सोनाखान को छोड़कर जलस्तर स्टैटिक या फॉलिंग ट्रेंड में है। बूढी गंडक का मुजफ्फरपुर में जलस्तर स्थिर है लेकिन समस्तीपुर, रोसड़ा और खगड़िया में जलस्तर तीव्र गति से बढ़ रहा है। शेष नदियों में स्टैटिक या फॉलिंग ट्रेंड है। पूर्वानुमान के मुताबिक 30 और 31 तारीख को महानंदा और कोशी नदी के बेसिन में मोडरेट टू हेवी रेनफॉल की संभावना है। गंडक और बागमती नदी के जलग्रहण क्षेत्र में लाइट टू मोडरेट रेनफॉल की संभावना है। 31 और 01 तारीख को लाइट टू मोडरेट वर्षापात होने की संभावना व्यक्त की गयी है। उन्होंने बताया कि मुख्य अभियंता, गोपालगंज परिक्षेत्राधीन सारण तटबंध सारण, भैसही पुरैना छरकी, बंधौली शीतलपुर फैजुल्लाहपुर जमींदारी बाँध एवं बैकुंठपुर रिटायर्ड लाईन तथा मुख्य अभियंता, मुजफ्फरपुर परिक्षेत्राधीन चम्पारण तटबंध के क्षतिग्रस्त भाग को छोड़कर शेष बिहार राज्य में विभिन्न नदियों पर अवस्थित तटबंध सुरक्षित है। सतत निगरानी एवं चैकसी बरती जा रही है।

आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है। नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 14 जिले के कुल 108 प्रखंडों की 972 पंचायतें प्रभावित हुयी हैं, जहाँ आवश्यकतानुसार राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। पूर्वी चम्पारण में 02, गोपालगंज में 11, खगड़िया में 01 और समस्तीपुर में 05 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। इन सभी 19 राहत शिविरों में कुल 25,116 लोग आवासित हैं। उन्होंने बताया कि 1,001 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन 5,78,272 लोग भोजन कर रहे हैं। सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एन0डी0आर0एफ0 और एस0डी0आर0एफ0 की टीमें राहत एवं बचाव का कार्य कर रही हैं और अब तक प्रभावित इलाकों से एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 और बोट्स के माध्यम से 3,16,661 लोगों को निष्क्रमित किया गया गया। बाढ़ से अब तक दरभंगा में 07 और पश्चिमी चम्पारण में 04 लोगों की मृत्यु हुई है। बाढ़ प्रभावित जरूरतमंद लोगों को पॉलिथिन सीट्स भी उपलब्ध कराया गया है। मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान को देखते हुए सभी जिलों को अलर्ट करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग सम्पूर्ण स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा है।