कोरोना वायरस से लड़ने के लिए तत्काल बिहार चुनाव प्रक्रिया को रोककर गरीबों के खाते में दस हजार दिया जाए – एजाज अहमद
जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एजाज़ अहमद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन में खोदा पहाड़ निकली चुहिया जैसी बातें सामने आयी । इन्होंने कहा कि जिस तरह से मोदी जी के संबोधन का प्रचार-प्रसार किया जा रहा था, ऐसा लग रहा था कि प्रधानमंत्री देशवासियों के लिए कोरोना वायरस जैसी गंभीर बीमारी से लड़ने के लिए कोई बड़ी योजना और गरीबों के लिए आत्मनिर्भर योजना को आगे बढ़ाने के लिए गरीबों के खाते में दस दस हजार रुपये दिए जाने की घोषणा करेंगे, लेकिन वैसा कुछ दिखा नहीं। इसके विपरीत आत्मनिर्भर भारत को अब मुफ्त निर्भर रहने वाला भारत बनाना चाहते हैं जबकि भारतवासी यह चाहते हैं कि उनके रोजगार के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार कोई ऐसी योजना लाएं जिससे देश में आत्मनिर्भर योजना को और सफल तथा मजबूत बनाया जा सके ।
अनलॉक डाउन वन में अगर किसी ने नियमों की धज्जियां उड़ाई है तो वह वर्चुअल रैली और डिजिटल रैली के माध्यम से हुआ है
एजाज ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने 15 मिनट के उद्घोषणा में जिन बातों का उल्लेख किया है वह बिहार के चुनाव को देखकर ही किया गया प्रतीत होता है ,क्योंकि सबसे पहले बिहार में चुनाव का अभियान भाजपा के द्वारा शुरू किया गया है । अनलॉक डाउन वन में अगर किसी ने नियमों की धज्जियां उड़ाई है तो वह वर्चुअल रैली और डिजिटल रैली के माध्यम से हुआ है जिसका शुभारंभ भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार से ही की थी। और जिस तरह से एलईडी लगा कर के लोगों का भीड़ इकट्ठा करके चुनावी राजनीति के मोड में बिहार वासियों को लाने का काम किया गया यह अत्यंत ही गंभीर तथा नियमों के विपरीत किया जा रहा है, आज है आज जबकि बिहार में लगातार कोरोना जैसी बीमारी से सैकड़ों की संख्या में लोग बीमार पड़ रहे हैं। साथ ही साथ बिहार के जनप्रतिनिधि मंत्री तथा विधायक, पूर्व मंत्री भी गंभीर रूप से बीमार हो रहे हैं इसके अलावा जिले के एसपी और आला अधिकारी भी इस गंभीर बीमारी के चपेट में आ रहे हैं, उसके बाद भी बिहार में चुनाव की प्रक्रिया जारी रखना यह कौन सा नियम का पालन हो रहा है यह बात समझ से परे है। दरअसल भाजपा दोहरी नीति की राजनीति हमेशा करती रही है एक और जहां आत्मनिर्भर भारत की बात करती है वहीं दूसरी ओर लोगों को मुफ्त में अनाज देकर उसकी आत्म निर्भरता को कम कर रही है जबकि होना यह चाहिए था कि सभी गरीबों के खाते में दस दस लाख रुपया भारत सरकार की ओर से दिया जाता । गरीबों को आत्मनिर्भर बनने के लिए उनके खाते में पैसा दिया जाना आवश्यक है अनाज से आत्मनिर्भरता समाप्त होगी जो किसी भी दृष्टिकोण से ठीक नहीं है। साथ ही साथ कोरोना वायरस जैसी गंभीर बीमारी से बचने के लिए नियमों का पालन करने तथा लोगों को बीमारी से दूर रखने के लिए बिहार में तत्काल चुनाव की प्रक्रिया को रोक कर इस बीमारी की गंभीरता से लड़ने का उपाय केंद्र सरकार को मिलकर करना चाहिए था ।
एजाज ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में चीन, पेट्रोल तथा डीजल के बढ़ते मूल्यों पर एक बार भी चर्चा नहीं करके कहीं ना कहीं देशवासियों के भावना के साथ खिलवाड़ किया है ।और देशवासियों को महंगाई के मकड़ जाल में फंसने के लिए छोड़ दिया है यह अन्याय पूर्ण है और देश की जनता के साथ धोखा है।
I learn something new and challenging on blogs I stumbleupon everyday.