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वर्ष 22-23 में 375 पीडि़तों को किया गया मुआवजे का भुगतान

पटना। डीएम डा चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 नियम 1995 के तहत गठित जिला सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक हुई।

वर्ष 2022-23 में समिति की यह चौथी एवं अंतिम बैठक थी। प्रावधानों के अनुसार वर्ष के लिए जिलास्तर पर निर्धारित सभी चार बैठक सम्पन्न कराया गया। मुआवजा स्वीकृति एवं भुगतान में तीन महीना तीसरी बैठक एवं चौथी बैठक के बीच की अवधि में 35 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। तीसरी बैठक का आयोजन 29 अगस्त को किया गया था।

डीएम डॉ सिंह ने कहा कि प्रशासन अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के सफ ल क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के प्रति अत्याचार के विरूद्ध शून्य सहिष्णुता के सिद्धान्त का अक्षरश: अनुसरण किया जा रहा है। अत्याचार निवारण प्रक्रिया में सम्पूर्ण तंत्र संवेदनशील, तत्पर एवं सजग है। बैठक में समिति के सदस्य सचिव जिला कल्याण पदाधिकारी राणा बैद्यनाथ प्रसाद सिंह ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।

अधिनियम अंतर्गत दर्ज मामलों की समीक्षा की गई। पुलिस द्वारा प्रतिवेदित एवं निष्पादित कांडों, समर्पित आरोप पत्रों, गिरफ्तारियों एवं मुआवजा भुगतान से संबंधित मामलों के भौतिक एवं वित्तीय प्रतिवेदन पर विस्तृत चर्चा हुई।जिला कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि कैलेण्डर वर्ष 2022-23 में 375 पीडि़तों को अद्यतन 1 करोड़ 95 लाख 71 हजार रुपये मुआवजा, राहत अनुदान एवं पेंशन की राशि का भुगतान किया गया। इस बैठक में अन्य सदस्यगण उपस्थित थे।