राज्यराष्ट्रीयविविध

सामूहिक अनुशासनहीनता देश के लिए ज्यादा घातक : डा ध्रुव, ग्रीष्मावकाश में विशेष व्याख्यानमाला से लाभान्वित हो रहे छात्र

पटना। अनुशासन सफलता की कुंजी है और यह जीवन के हर क्षेत्र में जरूरी है। वस्तुतः अनुशासन जीवन की एक बुनियादी आवश्यकता है।अनुशासन न सिर्फ व्यक्ति के जीवन को सामंजस्य पूर्ण और उपयोगी बनाता है, बल्कि वह समाज और देश की प्रगति का मार्ग भी प्रशस्त करता है। किसी भी राष्ट्र की प्रगति के लिए वहां के नागरिकों के अनुशासित होने की पहली शर्त राष्ट्र को मजबूत बनाने में प्रभावी है।

यह बातें नालंदा कॉलेज, बिहारशरीफ और जेडी विमेंस कॉलेज, पटना की प्राचार्य डॉ श्यामा राय ने नालंदा कॉलेज, शिक्षा शास्त्र विभाग द्वारा ग्रीष्मावकाश के दौरान विशेष व्याख्यानमाला श्रृंखला के तहत शनिवार को वर्चुअल माध्यम से अनुशासन के मूल्य विषय पर शिक्षकों व छात्रों को संबोधित करते हुए कही।

प्श्रीमती राय ने कहा कि मौजूदा कोरोना काल में भी जो वर्ग, समाज या सेक्टर अनुशासित रहा, वह इस वैश्विक महामारी को अपने से दूर रखने में कामयाब रहा है। अनुशासन के बिना व्यक्ति के जीवन और राष्ट्र का विकास संभव नहीं है।

मुख्य वक्ता कृति स्वराज ने कहा कि अनुशासन का व्यक्तिगत एवं सामाजिक दोनों ही दृष्टिकोण से बहुत अधिक महत्व है। उत्तम अनुशासन की नींव विद्यालय में ही स्थापित होता है और इसमें शिक्षकों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है, जो विषय केंद्रीय अनुशासन का बीजारोपण बालकों में करते हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शिक्षा शास्त्र विभाग के अध्यक्ष व लेखक -पत्रकार डॉ ध्रुव कुमार ने कहा कि ” अनुशासन ” का तात्पर्य नियमन, नियंत्रण, संयम, विनय और व्यवस्था से भी है। उन्होंने स्व-नियंत्रण पर जोर देते हुए कहा कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र की तरह अध्ययन और खेल में भी अनुशासन का बहुत महत्व है।

डॉ कुमार ने व्यक्तिगत अनुशासनहीनता से अधिक सामूहिक अनुशासनहीनता को किसी भी समाज और देश के लिए घातक बताया।

डॉ रंजन कुमार ने कहा कि आधुनिक दौर में अनुशासनहीनता एक बड़ी समस्या बनकर उभर रही है, जिसे दूर किया जाना आवश्यक है। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए श्रीमती अपर्णा कुमारी ने कहा कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अनुशासन का बहुत महत्व है, इसे हर किसी को समझना पड़ेगा।

इस विषय पर छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए जिनमें प्रेरणा कुमारी, साहिल सिंह तिरेनी, कुमार मधुरंजन, पूजा कुमारी, पूनम सिंह, अंकिता कुमारी, निशा कुमारी, मुनचुन कुमार, सुरभि रस्तोगी एवं अमृता शामिल थीं।

कार्यक्रम में बीएड विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ राजेश कुमार, पिंकी कुमारी, इशिता कुमारी, उषा कुमारी, प्रशांत कुमार, पुरुषोत्तम कुमार, संगीता कुमारी व दिलीप कुमार पटेल ने भी भाग लिया।