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कोविड-19 की स्थिति एवं उसकी रोकथाम के संबंध में मुख्यमंत्री ने की समीक्षा बैठक, कहा आने वाला समय है और भी चुनौतीपूर्ण

मुख्यमंत्री के निर्देश-

  • अधिक से अधिक लोगों की सैंपल जाॅच नियमित रूप से सभी जिलों में जारी रखें।
  • कोरोना से संबंधित सभी जानकारियाॅ अपडेट रखें और उसके आधार पर रणनीति बनाकर काम करें।
  • आने वाला समय और चुनौतीपूर्ण है, इसको लेकर भी तैयारी पूर्ण रखें।
  • माइक्रोलेवल तक आंकलन करायें, प्रखण्ड के नीचे पंचायत और गांव स्तर तक कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या का पता लगायें और उसको लेकर जरुरी कदम उठाएं।
  • बाढ़ग्रस्त प्रभावित क्षेत्रों में आपदा राहत केंद्रों तथा सामुदायिक किचेन में लोगों की जांच से बड़े पैमाने पर कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने में सफलता मिली है।
  • ऐसे लोगों के आंकड़ें भी इकट्ठा करें जिनकी मृत्यु अन्य बीमारियों के साथ-साथ कोरोना संक्रमण से हुई है ताकि उसके आधार पर भी कोरोना संक्रमण का ट्रेंड पता किया जा सके।
  • कोरोना संक्रमण का ट्रेंड नीचे जाने का ये मतलब नहीं है कि कोरोना खत्म हो गया है। लोगों को इस संक्रमण की गंभीरता के प्रति लगातार सचेत रहना होगा।
  • पोस्ट कोविड मैनेजमेंट के लिये चिन्हित अस्पतालों में समुचित व्यवस्था रखी जाय।
  • आने वाले चुनाव एवं पर्व-त्योहारों के समय में गतिविधियाॅ बढ़ने से लोगों की भीड़ बढ़ेगी इसलिये विशेष सतर्कता बरतनी होगी।
  • सभी गांवों के प्रत्येक परिवारों को चार मास्क और एक साबुन का वितरण फिर से कराने की आवश्यकता है।
  • मास्क का प्रयोग लोग ठीक से करें, पूरी तरह से नाक और मुंह ढ़का रहे ताकि खतरे की संभावना कम से कम हो। इसके लिए और प्रचार-प्रसार करायें।

पटना 07 सितम्बर 2020:- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 की अद्यतन स्थिति एवं उसकी रोकथाम को लेकर किये जा रहे कार्यों के संबंध में समीक्षा बैठक की। समीक्षा के दौरान स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने प्रजेंटेशन के माध्यम से 7 अगस्त एवं 21 अगस्त को हुई समीक्षा बैठक में कोविड संक्रमण की अद्यतन स्थिति से लेकर आज तक की स्थिति का तुलनात्मक ब्योरा प्रस्तुत किया।

प्रधान सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि कोविड-19 की अबतक 41 लाख 75 हजार 922 जांच की जा चुकी है। प्रतिदिन डेढ़ लाख से ज्यादा जांच की जा रही है। राज्य का रिकवरी रेट 88.67 प्रतिशत है जो कि राष्ट्रीय औसत 77.31 प्रतिशत से करीब 11 प्रतिशत अधिक है। राज्य में कोविड-19 के एक्टीव मरीजों की संख्या 16,120 है। अब तक 1,49,027 लोग स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में भी जांच की संख्या बढ़ी है। सभी अस्पतालों में सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने सभी जिलों के जिलावार प्रति लाख एक्टिव केस और कोरोना पॉजिटिव रेशियो की जानकारी दी।

प्रधान सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि बिहटा में 500 बेड का कोविड हास्पीटल तथा मुजफ्फरपुर के पताही में भी कोविड हाॅस्पीटल निर्मित होकर फंक्शनल हो गया है। केंद्र सरकार द्वारा कोवास 8800 मशीन, 10 आर0टी0पी0सी0आर0 मशीन उपलब्ध होने तथा राज्य सरकार द्वारा 10 आर0टी0पी0सी0आर0 मशीन खरीदने से हमलोगों की आर0टी0पी0सी0आर0 जांच की क्षमता और अधिक बढ़ जायेगी। उन्होंने बताया कि आकलन से पता चला कि अभी तक कोरोना संक्रमण से जितनी मृत्यु हुई है, उसमें 50 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 73 प्रतिशत लोग शामिल हैं। मृतकों में महिलाओं की तुलना में पुरुषों की संख्या अधिक है। उन्होंने बताया कि जिलों के साथ-साथ प्रखंड स्तर पर कोरोना के एक्टिव केसों का आकलन किया गया है। बिहार के 6 प्रखंडों में 200 से ज्यादा कोरोना के एक्टिव केस है। 20 प्रखंडों में 100 से ज्यादा तथा 67 प्रखंडों में 50 से ज्यादा एक्टिव केस है।

समीक्षा के दौरान राज्य के 7 सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित जिले पटना, अररिया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, मधुबनी, पूर्णिया एवं पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारियों ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से अपने-अपने जिले में इससे निपटने के लिए किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी। प्रतिदिन पाजिटिव केसों का आकलन, टेस्टिंग की संख्या में वृद्धि, कोविड हाॅस्पीटल में बेडों की उपलब्धता, रिकवरी रेट, कन्टैक्ट ट्रेसिंग, कंटेनमेंट जोन में अधिक से अधिक जांच, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और माइकिंग के माध्यम से लोगो को जागरुक करना, नियंत्रण कक्ष के माध्यम से मरीजों के स्वास्थ्य संबंधित जानकारी लेना, जिला टीम द्वारा होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों का निरीक्षण आदि से संबंधित जानकारी दी।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि अधिक से अधिक लोगों की सैंपल जाॅच नियमित रूप से सभी जिलों में जारी रखें। कोरोना से संबंधित सभी जानकारियों को अपडेट रखें और उसके आधार पर रणनीति बनाकर काम करें। उन्होंने कहा कि आने वाला समय और चुनौतीपूर्ण है, इसको लेकर भी तैयारी पूर्ण रखें। माइक्रोलेवल तक आंकलन करायें, प्रखण्ड के नीचे पंचायत और गांव स्तर तक कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या का पता लगायें और उसको लेकर जरुरी कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि बाढ़ग्रस्त प्रभावित क्षेत्रों में आपदा राहत केंद्रों तथा सामुदायिक किचेन में लोगों की जांच से बड़े पैमाने पर कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने में सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के आंकड़ें भी इकट्ठा करें जिनकी मृत्यु अन्य बीमारियों के साथ-साथ कोरोना संक्रमण से हुई है ताकि उसके आधार पर भी कोरोना संक्रमण का ट्रेंड पता किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण का ट्रेंड नीचे जाने का ये मतलब नहीं है कि कोरोना खत्म हो गया है। लोगों को इस संक्रमण की गंभीरता के प्रति लागातर सचेत रहना होगा। उन्होंने कहा कि पोस्ट कोविड मैनेजमेंट के लिये चिन्हित अस्पतालों में समुचित व्यवस्था रखी जाय। आने वाले चुनाव एवं पर्व-त्योहारों के समय में गतिविधियाॅ बढ़ने से लोगों की भीड़ बढ़ेगी इसलिये विशेष सतर्कता बरतनी होगी। उन्होंने कहा कि सभी गांवों के प्रत्येक परिवारों को चार मास्क और एक साबुन का वितरण फिर से कराने की आवश्यकता है। मास्क का प्रयोग लोग ठीक से करें, पूरी तरह से नाक और मुंह ढ़का रहे ताकि खतरे की संभावना कम से कम हो। इसके लिए और प्रचार-प्रसार करायें।

बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, प्रधान सचिव स्वास्थ्य प्रत्यय अमृत, सभी प्रमंडलीय आयुक्त, सभी जोन के पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उपमहानिरीक्षक, सभी जिलाधिकारी और वरीय पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक जुड़े हुए थे।