कपड़े सिलते-सिलते गाते थे गीत और बन गए फ़िल्म गीतकार
रूसतम घायल के घर मे गीत का कोई माहौल नही था. इनके पिता इसलाम अंसारी साहब कपड़े सिलाई करते थे. कपड़े सिलते-सिलते गीत गाते थे. वही से रुसतम के बाल मन मे गीतो की उत्पत्ति हुई. रूसतम घायल की माता सफल गृहणी है. रूसतम घायल का जन्म 10 अगस्त 1967 को तुनिया अंसारी टोला मे इसलाम अंसारी जी के घर हुआ. रुसतम स्कॉलर स्टूडेंट रहे हैं. जोगापटटी बेलबानवा हाई स्कुल से मैटिक पास किया और जीएम कालेज से कालेज की पढाई की.
रुसतम बताते हैं कि संघर्ष के दौरान ही इनकी मुलाकात विनय बिहारी से हुई तब इन्होने विनय बिहारी के दुसरे एलबम मे गीत लिखा. उसके बाद उनके लिखे गीतों को शायरा बानो फैजाबादी, भरत शर्मा ब्यास, मनोज तिवारी मृदुल, कल्पना पटवारी, विनोद राठौड़, विनोद मिश्रा, नासीर हशन, इन्दु शोनाली, अलका यागनिक, मनोज मिश्रा, उदित नारायण, आबया दुबे, सुरेश वाडकर, मो०, अजिज, केशव सिंह आदि ने गाया.
फिल्म में पहला गीत इन्होने डायरेक्टर नेहाल सिंह की फिल्म ‘सुहागिन’ के लिए लिखा. वे बताते हैं कि प्रकाश झा इनके गाँव के होने के बावजूद भी उनकी मदद की जगह बोले “किराया पैसा लो घर चले जाओ.” रुसतम ने उनकी इस सोच को गलत साबित कर दिया. उन्होंने दर्जनो फिल्म में गीत लिखा. इनकी रिलिज फिल्मे है कसम धरती मैया की, सुहागिन, सेनुरा के लाज, गजब भयील रामा, बा के हु माई के लाल, केहू हम से जीत ना पाई, ई कैशान प्रथा, प्यार के रंग हजार, आखिरी दम तक, हमार फर्ज, सासु बडी पैसै वाली आदि के साथ-साथ हिन्दी फिल्म कजरी के गीत लिखे.
इनके लिखे कई फिल्म एल्बम आने वाले हैं-
नेहाल सिंह की मुजरिम, राजेश कुरील की रेलवे ट्रैक व सामान, मिथिलेश अविनाश, सन्तोष मिश्रा और डायरेक्टर ललित शुक्ला की एक-एक फ़िल्में हैं.
इस्माइल शैख के डायरेक्शन में एक फिल्म आने वाली है जिसे बनायेगे नीरज पांडेय. नये कलाकारों के बारे मे रूसतम घायल ने कहा- आपको काम, आपका काम देगा।