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BPSC परीक्षार्थियों के आंदोलन का नहीं निकला निष्कर्ष, चिराग ने की हस्तक्षेप की मांग

पटना – बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 67वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के अभ्यर्थी पिछले कई दिनों से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। अभ्यर्थियों का आरोप है कि राज्य सरकार उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है।

प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगों में शामिल है –
* परीक्षा में हुए गड़बड़ी की जाँच: अभ्यर्थियों का आरोप है कि परीक्षा में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी हुई है और प्रश्न पत्र लीक हुए हैं। वे इसकी निष्पक्ष जाँच की मांग कर रहे हैं।
* पारदर्शिता सुनिश्चित करना: अभ्यर्थी परीक्षा प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं।
* न्यायसंगत मूल्यांकन: उन्होंने मांग की है कि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से किया जाए।
प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरकर सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने धरना-प्रदर्शन के साथ-साथ राज्य भर में विभिन्न स्थानों पर सड़क जाम भी किया है।
राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर संज्ञान लिया है और अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की है। हालांकि, अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका है और प्रदर्शन जारी हैं।
इस बीच केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इस मुद्दे पर कहा कि बिहार के युवाओं और #BPSC अभ्यर्थियों के मुद्दों को लेकर #NDA सरकार के प्रमुख सहयोगी होने के नाते मैंने बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से तुरंत हस्तक्षेप करने की अपील की है, जिसके परिणामस्वरूप सरकार की ओर से मुख्य सचिव (जो सरकार के सबसे बड़े अधिकारी होते है ) ने अभ्यर्थियों और छात्रों के साथ संवाद की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जल्द ही इस पहल के सार्थक परिणाम दिखेंगे। यह हमारी सरकार की सकारात्मक सोच और छात्रों के प्रति संवेदनशीलता का परिणाम है।

उन्होंने अभ्यर्थियों से भी अपील करते हुए कहा कि वे शांतिपूर्ण और रचनात्मक तरीके से अपनी बातों को सरकार के समक्ष रखें और किसी भी राजनीतिक व्यक्तियों के बहकावे में आने से बचें। यह मुद्दा पूर्ण रूपेण युवाओं के भविष्य और बिहार के विकास से जुड़ा है, जिसे राजनीति से ऊपर रखकर हल किया जाना चाहिए।

चिराग ने कहा कि हमारी पार्टी हर कदम पर युवाओं के साथ खड़ी है। कुछ राजनीतिक व्यक्ति और दल जो छात्रों को भटकाने का काम कर रहें है , ये गलत है। अपने राजनीतिक लाभ के लिए छात्रों का इस्तेमाल करना कतई उचित नहीं है। मुख्यमंत्री जी स्वयं इस मामले को लेकर सजग है, सरकार छात्रों की हर संभव मदद के लिए प्रयासरत है।
उन्होंने कहा कि कल पटना में हुए छात्रों पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन के इस्तेमाल का मैं कभी समर्थक नहीं रहा, पुलिस को संयम बरतना चाहिए। छात्र अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरे है तो उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से समझा कर उनकी समस्याओं के निदान के लिए प्रयास करना चाहिए, न कि लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल।
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