अभिनेता अंकित पीयूष और गायक अमरजीत कुशवाहा बताने आ रहे हैं महापर्व छठ का महत्व
भोजपुरी म्यूजिक इंडस्ट्री सभी पर्व त्योहार या खास मौके को नए नए गानों से सेलिब्रेट करने के लिए मशहूर है। ऐसे में लोक आस्था के महापर्व छठ का आगमन होने को है, जिसको ध्यान में रखकर अभिनेता अंकित पियूष (पियूष राज )और गायक अमरजीत कुशवाहा एक भक्तिभाव से ओत प्रोत छठ गीत ‘कब से होता छठ बरतिया’ लेकर आ रहे हैं। इस गाने को सौम्या म्यूजिक हिट्स से रिलीज किया जाना है, जो जल्द ही रिलीज भी होगी। लेकिन इस बार छठ पूजा पर गाना ‘कब से होता छठ बरतिया’ बेहद खास होने वाला है। जानिए क्यों…
महापर्व छठ बेहद पवित्र और कठिन माना जाता है, जिसमें उगते और डूबते भगवान सूर्य को अर्घ के साथ यह पूर्ण होता है। इसे लोक आस्था का पर्व भी कहा गया है, जिसको लेकर भोजपुरी में एक से बढ़ कर एक गाने सुनने को मिल जाते हैं। मगर अंकित पियूष (पियूष राज )का यह गाना उन सबसे अलग होने वाला है। इस गाने में अंकित एक जोगी के किरदार में नजर आने वाले हैं। जोगी की भूमिका में वे छठी मईया की महिमा से आम जनमानस को अवगत करवाते नजर आएंगे। साथ ही भगवान भास्कर को समर्पित लोक आस्था के इस महापर्व का पौराणिक महत्व को भी बताएंगे।
अंकित (पियूष राज ) गाने के जरिए ये भी बताने वाले हैं कि सतयुग, त्रेता युग से लेकर द्वापर युग में इस पर्व को कैसे मनाया गया। इन सबका व्याख्यान इस गाने में बखूबी दिखाया जाना है। इस गाने की शूटिंग पूरी हो चुकी है। इसको लेकर अंकित पियूष का कहना है कि यह प्रोजेक्ट अपने आप में खास है और छठ पूजा में आस्था रखने वाला सभी लोगों को यह समर्पित है। गाने में मैंने अपने जोगी के किरदार को पूरी ईमानदारी से जिया है, इसलिए छठी मईया के साथ भोजपुरिया श्रोताओं का भी आशीष की अपेक्षा रखता हूं। आपको बता दें कि विशेष अवसरों पर अंकित के अब तक कई गाने रिलीज हो चुके हैं, जिसे दर्शकों ने खूब प्यार दिया है। ऐसे में अब एक बार से वे अपने नए गाना ‘कब से होता छठ बरतिया’ के साथ आ दे हैं, तो उन्हें इससे उम्मीदें भी हैं।
अंकित के इस गाना ‘कब से होता छठ बरतिया’ में आवाज अमरजीत कुशवाहा की है, जो उभरते हुए सिंगर हैं। म्यूजिक अब्दुल रहमान का है। लिरिक्स रितेश शर्मा का है। कॉन्सेप्ट, डीओपी विजय कुमार का है। मेक अप जय शर्मा का है। कोरियोग्राफर रवि राज और मार्केटिंग के के राज हैं। कैमरा सूरज कुमार का है।