हिन्दू देवताओं का अपमान करने वाले वेबसीरीज ‘तांडव’ पर तत्काल रोक लगाकर सभी दोषियों को गिरफ्तार करते हुए उन पर कठोर कार्यवाही की मांग
मुजफ्फरपुर: हाल ही में ‘एमेजोन प्राइम’ पर प्रसारित हुयी अली अब्बास जफर निर्देशित ‘तांडव’ नामक वेबसीरीज में करोडों हिन्दुओं के आराध्यदेवता भगवान शिव और भगवान श्रीराम के संबंध में आपत्तिजनक संवाद दिखाकर उनका अपमान किया गया है तथा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समान व्यक्तिरेखा दिखाकर उनका भी अपमान किया गया है । ऐसी विद्वेषी ‘तांडव’ वेबसीरीज पर तत्काल रोक लगाई जाए तथा उसके सभी दोषियों पर अपराध प्रविष्ट कर उन्हें गिरफ्तार करते हुए उन पर कठोर कार्यवाही की जाए इस मांग हेतु यहां के जिलाधिकारी प्रणवकुमार को हिन्दू जनजागृति समिति के प्रतिनिधियों ने ज्ञापन दिया।
इस वेबसिरीज में हिन्दू देवताओं का अपमान के साथ ही वर्तमान सरकार, पुलिस-प्रशासन और प्रधानमंत्री को किसान, मुसलमान और दलित विरोधी दिखाकर उनके विरुद्ध जातीय द्वेष और हिंसा की भावना प्रसारित की है । कुल मिलाकर देश की सामाजिक एकता, शांति और कानून-व्यवस्था पर संकट आ सकता है । इस वेबसीरीज के विरोध के बाद दिखाने के लिए ‘तांडव’ के निर्देशक अली अब्बास जफर ने माफी मांगी है । तब भी यह दिखावटी माफी हमें स्वीकार नहीं है; क्योंकि अपराधी को कानून की व्यवस्थाओं के अनुसार दंड मिलना ही चाहिए । अन्यथा कल कोई भी अपराध करेगा और माफी मांगकर दंड से स्वयं का बचाव कर लेगा । उसी प्रकार देवताओं का उपहास करनेवालों को भी अब सबक मिले तथा इससे आगे कोई ऐसा करने का साहस नहीं करे, ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति ने की ।
हिन्दू जनजागृति समिति की गयी अन्य मांगे :
1. इस प्रकार की कथाओं की रचना कर देश में अराजकता लाने का कहीं षड्यंत्र तो नहीं है, इसका अन्वेषण हो । उसके लिए वेबसीरीज को पैसों की आपूर्ति करनेवाले तथा उनके निर्माताओं की भी पूछताछ की जाए ।
2. जिस प्रकार चलचित्रों को सेन्सर करने के लिए ‘सेन्सर बोर्ड’ है, उसी प्रकार किसी भी प्रकार के नियंत्रण न रहनेवाले अनिर्बंध वेबसीरीज पर अंकुश लगाने के लिए वेबसीरीज को ‘सेन्सर’ करनेवाला तंत्र त्वरित कार्यान्वित किया जाए ।
3. चलचित्र, नाटक, विज्ञापन, वेबसीरीज आदि से निरंतर होनेवाला देवता, संत और राष्ट्रपुरुषों का अपमान रोकने के लिए कठोर कानून बनाया जाए ।
4. ‘एमेजोन प्राइम’ ने राष्ट्र और धर्म विरोधी वेबसिरीज प्रसारित की है, इसलिए सरकार ‘एमेजोन’ पर भी कठोर कानूनी कार्यवाही करे !