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दुनिया भर में भारतीय उत्पादों की धूम, निर्यात के क्षेत्र में दिखा ‘न्यू इंडिया’ का सामर्थ्य

 

‘आत्मनिर्भरता’ जब आगे बढ़ती है तो वह राष्ट्र का मिशन बन जाती है। इन दिनों इसी डगर पर भारत चल पड़ा है। यह सब पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान पर संभव हुआ। देश एकजुट होकर अब नए जोश के साथ विश्व में ‘उद्यमी भारत’ के रूप में अपनी विशेष पहचान बना रहा है।

नीतियां में कई बड़े बदलावों के सफल परिणाम

उल्लेखनीय है कि पिछले 7-8 साल में पीएम मोदी ने देश को मजबूत करने के लिए सरकारी नीतियां में कई बड़े बदलाव किए। आज उन्हीं का परिणाम है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। केवल इतना ही नहीं ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेड इन इंडिया’ पहलों के बलबूते आज भारत ने अपने उत्पादों के लिए वैश्विक पहचान बना ली है। आज भारत ही नहीं, विदेशों में भी भारतीय वस्तुओं की काफी डिमांड है।

‘उद्यमी भारत’ के रूप में उभर रहा देश

खास बात यह है कि भारत ने कोविड महामारी के दुष्रभाव और मंदी की आशंका को पीछे छोड़ते हुए ये कमाल कर दिखाया है। इसी के चलते आज उद्यमी भारत एक नए जोश के साथ आगे बढ़ रहा है। इसकी ताजा मिसाल एक्सपोर्ट यानि निर्यात के मोर्चे से सामने आई है।

निर्यात के मोर्चे पर मजबूत हुआ भारत

यदि देश के ओवरऑल एक्सपोर्ट की बात करें तो इसमें ‘मर्चेडाइज’ (Merchandise) और ‘सर्विसेज’ (Services) दोनों ही शामिल हैं। बता दें अक्टूबर 2021 में देश का ओवरऑल एक्सपोर्ट 56.10 बिलियन अमेरिकी डॉलर था जो अक्टूबर 2022 में 4% से अधिक की ग्रोथ के साथ बढ़कर 58.36 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है।

निर्यात के क्षेत्र में बन रहे नए-नए रिकॉर्ड

वहीं अगर अप्रैल से अक्टूबर तक की अवधि को देखें तो 2021 में ओवरऑल एक्सपोर्ट करीब 372 बिलियन अमेरिकी डॉलर था जो कि 2022 में अप्रैल से अक्टूबर के दौरान 19 प्रतिशत से ज्यादा की ग्रोथ के साथ बढ़कर करीब 445 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है।

इससे एक बात साफ है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत निर्यात के क्षेत्र में नए-नए रिकॉर्ड बना रहा है। वहीं भारत की इकोनॉमी मजबूत हो रही है और देश आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रहा है।

याद हो, मार्च, 2022 में पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में बताया था कि किस तरह भारतीय वस्तुओं की मांग विदेश में तेजी से बढ़ रही है। इस संबंध में पीएम ने कहा था कि भारत ने 400 बिलियन डॉलर, यानि करीब 30 लाख करोड़ रुपए के निर्यात का लक्ष्य हासिल किया है। पीएम मोदी ने साथ ही यह भी कहा था कि एक समय में भारत से निर्यात का आंकड़ा कभी 100 बिलियन, कभी डेढ़-सौ बिलियन, कभी 200 बिलियन तक हुआ करता था, आज भारत 400 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है। इसका एक मतलब ये है कि दुनिया भर में भारत में बनी चीजों की मांग बढ़ रही है, दूसरा मतलब ये कि भारत की सप्लाई चेन दिनों-दिन और मजबूत हो रही है और इसका एक बहुत बड़ा सन्देश भी है। पीएम ने कहा कि देश के कोने-कोने से नए-नए उत्पाद अब विदेश जा रहे हैं।

चीन में भी भारतीय उत्पादों की मांग

एक समय था जब दुनियाभर में चाइनीज वस्तुओं का दबदबा था लेकिन हाल के वर्षों में समय तेजी से बदला है खासतौर से कोविड के दौरान। इसी दौर में भारतीय वस्तुओं की तरफ वैश्विक झुकाव तो हुआ ही है, साथ ही चीन में भी अब भारतीय वस्तुओं की डिमांड बढ़ रही है। साल 2021 में भारत से चीन को निर्यात 22.9 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

विदेश में डिमांड

मेड इन इंडिया के उत्पाद हर साल औसतन 42 अलग-अलग विदेशी बाजारों में सप्लाई होते हैं। वास्तव में, इनमें से 92 प्रतिशत निर्यात 10 या उससे अधिक बाजारों में, 93 प्रतिशत निर्यात चार या अधिक महाद्वीपों को और अगर इन्हें सामूहिक रूप से देखा जाए तो ये वस्तुएं 210 बाजारों तक पहुंचीं। भारत से वस्तुओं का सबसे ज्यादा निर्यात संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जर्मनी को हुआ।