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लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाना ही सबसे बड़ा अवार्ड-विशाल दफ्तुआर

चीफ जस्टिस आफ इंडिया और दूसरी कई अन्य विख्यात हस्तियों से सम्मानित एचआरयूएफ चेयरमैन और प्रख्यात अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल रंजन दफ्तुआर कहते हैं कि जरूरतमंदों के चेहरे पर मुस्कान लाना ही दरअसल सबसे बड़ा अवार्ड है।वे लगभग तीन दशकों से मानवाधिकार के क्षेत्र में सक्रिय हैं।

जहाँ पर सरकार और उसका सरकारी तंत्र गरीबों और जरूरतमंदों की उपेक्षा करता है।वहाँ से विशाल दफ्तुआर के सार्थक-सफल और त्वरित पहल की शुरुआत होती है।

इन्होंने “महर्षि दधीचि” की तरह अपना सारा जीवन जनकल्याण और जरूरतमंदों की मदद में लगा दिया है।

जरूरतमंदों की मदद और मानवाधिकार संरक्षण में उनकी पहल को भारत के राष्ट्रपति,चीफ जस्टिस आफ इंडिया, प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, कई केन्द्रीय मंत्री और कई राज्यों के मुख्यमंत्री समेत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री का भी विशेष सहयोग मिला है।

मानवाधिकार कार्यकर्ता के तौर पर 2016 में तत्कालीन माननीय चीफ जस्टिस आफ इंडिया जस्टिस टी. एस. ठाकुर द्वारा बिहार के एनजीटी के प्रतिबंध से संबंधित बालू प्रकरण पर इनके पत्र को जनहित याचिका में बदल दिया गया था।
वर्ष 2018 में मध्यप्रदेश के मुरैना के सीआरपीएफ जवान मनोज सिंह तोमर का सिर्फ चार दिनों में एम्स,नई दिल्ली में आपरेशन करवाना मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल दफ्तुआर का बहुत बड़ा सार्थक,सफल और त्वरित मानवीय प्रयास रहा है।गौरतलब है कि मनोज सिंह तोमर को 2016 के छत्तीसगढ़ के नक्सल हमले में सात गोलियां लगी थीं ओर उसकी पेट की आधी आँत बाहर निकल गई थी।विशाल दफ्तुआर की पहल पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अत्यंत त्वरित कारवाई की थी।सीआरपीएफ के तत्कालीन डीजी राजीव राय भटनागर ने भी तब विशाल दफ्तुआर को फोन करके और ईमेल भेजकर सीआरपीएफ का पक्ष रखा था।

2018 में अमृतसर में दशहरा मेला के दौरान हुये रेल हादसे में माननीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजे गये इनके पत्र पर राष्ट्रपति सचिवालय के हस्तक्षेप के बाद रेलवे ने उक्त मामले की जांच की और विशाल दफ्तुआर को जाँच रिपोर्ट उपलब्ध करवाई।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के मौजूदा सेक्रेट्री जनरल माननीय विम्बाधर प्रधान भी फोन करके मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल रंजन दफ्तुआर के काम की तारीफ कर चुके हैं।राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,नई दिल्ली द्वारा इनके मानवाधिकार के कार्यों का मूल्यांकन करना एक गौरवशाली उपलब्धि है।

जून 2019 मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की प्रेरणा से इन्होंने वैश्विक स्तर की संस्था ह्यूमन राइट्स अम्ब्रेला फाउंडेशन -एचआरयूएफ की स्थापना की।वे इसके फाउंडर चेयरमैन हैं।इनके नेतृत्व में एचआरयूएफ ने लगातार चार अंतरराष्ट्रीय मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा करके एक शानदार शुरुआत की है।