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BPSC, BSSC, दरोगा, अमीन सभी परीक्षाओं के हो रहे पेपर लीक -विजय कुमार सिन्हा

शासन-प्रशासन के भ्रष्ट अधिकारी मामले को रफा-दफ़ा करने में लगा रहे हैं शक्ति।

सिपाही भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष एस.के सिंघल पहले से ही विवादों में रहे हैं।

पटना 02 अक्टूबर 2023

विधानसभा में विरोधी दल के नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा में बोर्ड की संलिप्तता से लगातार हो रही अनियमितता तथा सॉल्वर गैंग जैसे गिरोह काम कर रहे हैं। ये पूरे बिहार में घूम-घूम कर उगाही का काम करते हैं जिसका एक बड़ा हिस्सा ऊपर के लोगों तक पहुँचता है। इतना ही नहीं बिहार में बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा हो, कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा हो, अमीन भर्ती परीक्षा का पेपर लीक का मामला हो, दरोगा की बहाली में धांधली हो या अन्य पात्रत्रा परीक्षाएँ हो हरेक जगह परीक्षा के दिन पेपर लीक होने की ख़बर आ ही जाती है। आजकल तो पूरी टेक्नोलॉजी के सहारे और विभागों की मिलीभगत से इस तरह की कृत्य को अंजाम दिया जा रहा है।

श्री सिन्हा ने कहा कि ऐसे सरकार के विभागों में प्रत्येक दिन करोड़ों की वसूली और उगाही का खेल चल रहा है। और ये सब मुख्यमंत्री जी के नाक के नीचे हो रहा है। चुकि यह सारा खेल उनके द्वारा सुनियोजित तरीके से की जा रही है इसलिए अफसरों के भीतर से डर और भय गायब हो चुका है। चाहे शिक्षा विभाग हो, स्वास्थ्य विभाग हो, नगर विकास हो, सभी जगह खुल के बोली लगाईं जा रही है और आम जनता की मेहनत के पैसों का बंदरबांट किया जा रहा है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार चलाने में पूरी तरह से विफल हैं और उनकी नियत और नीति दोनों सवालों के घेरे में है। उन्होंने कहा कि सरकार के विभागों में उच्च पदों पर अफसरों की नियुक्ति सीधे तौर पर मुख्यमंत्री सत्ता लाभ और अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिये कर रहे हैं।
जून 2023 में मुजफ्फरपुर नगर निगम में नल-जल योजना मद में 42 करोड़ रुपये की लूट, जीविका नियुक्तियों में करीब 70 प्रतिशत कर्मियों का फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र, बिहार विधानसभा में बहाली का घोटाला और कमीशनखोरी ऐसे दर्जनों घोटालों की लिस्ट है जिसमें उच्च स्तर के अधिकारीयों की संलिप्ता है।

श्री सिन्हा ने कहा कि बिहार लोकसेवा आयोग हो, बिहार सिपाही भर्ती बोर्ड हो, या अन्य आयोग, बोर्ड हो सभी में माननीय मुख्यमंत्री द्वारा अपने चहेते अधिकारीयों की नियुक्ति की गई है। कुछ लोगों को तो सेवानिवृति के पश्चात् भी उनकी वफ़ादारी के कारण यहाँ जगह दी गई है। ये चहेते अधिकारी पूर्व से भी किसी न किसी विवादों में रहे हैं।

उदाहरण के तौर पर पूर्व डीजीपी इस.के.सिंघल को ही देखा जा सकता है जिन्हे जनवरी में ही सिपाही भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष नियुक्त किया गया। ऐसे ही सरकार के विभागों में प्रत्येक दिन करोड़ों की वसूली और उगाही का खेल चल रहा है। और ये सब मुख्यमंत्री जी के नाक के नीचे हो रहा है। चुकि यह सारा खेल उनके द्वारा सुनियोजित तरीके से की जा रही है इसलिए अफसरों के भीतर से डर और भय गायब हो चुका है। चाहे शिक्षा विभाग हो, स्वास्थ्य विभाग हो, नगर विकास हो सभी जगह खुल के बोली लगाईं जा रही है और आम जनता की मेहनत के पैसों का बंदरबांट किया जा रहा है।