फिल्मों में आने से पहले बोमन ईरानी करते थे वेटर का काम, कोरियोग्राफर से एक मुलाकात ने बदल दी जिंदगी
आज बोमन ईरानी का जन्मदिन है. बोमन अपना 61वां जन्मदिन मना रहे हैं. उन्होंने फिल्म जगत में खुद को एक ऐसे एक्टर के रूप में स्थापित किया है जो हर तरह की भूमिका निभा सकता है. कई फिल्मों ने बोमन ईरानी ने अपने किरदार ऐसे निभाया कि फिल्म का नाम लेते ही ईरानी का किरदार सामने घूमने लगता है. फिल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस हो या 3 इडियट्स, लीड रोल में भले ही संजय दत्त और आमिर खान नजर आए लेकिन इनमें जो एक्टर दिल जीत गया वो थे बोमन ईरानी. जन्मदिन के अवसर पर आपको बताते हैं बोमन ईरानी की जिंदगी से जुड़ी कुछ अनसुने किस्से.
जन्म से पहले ही बोमन के पिता चल बसे थे. उनकी मां ने उन्हें पाल-पोषकर बड़ा किया. एक ईरानी जोरास्ट्रियन परिवार में जन्में बोमन ने सेंट मैरी स्कूल से अपनी स्कूलिंग की थी. फिल्मों में आने से पहले बोमन को फोटोग्राफी का शौक था. स्कूल के दिनों में वह में स्कूल के क्रिकेट मैच की फोटो खींचते थे. इसी शौक के चलते उन्होंने पुणे में बाइक रेस की पहली बार प्रोफेशनल तौर पर फोटोग्राफी की और फिर मुंबई में हुए बॉक्सिंग वर्ल्ड कप को भी कवर किया. इसके बाद उन्होंने मुंबई स्थित मीठीबाई कॉलेज से वेटर का पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स किया.
बहुत ही कम लोगों को यह बात पता होगी कि बोमन ईरानी ने होटल में वेटर की नौकरी भी है. बोमन ने मुंबई के ताज होटल में 2 साल वेटर और रूम सर्विस स्टॉफ का काम किया. इस नौकरी को छोड़ने के बाद बोमन अपनी मां के साथ बेकरी के काम किया. यहीं उनकी एक दिन मशहूर कोरियोग्राफर श्यामक डावर से मुलाकात हुई.
इस मुलाकात के बाद श्यामक ने बोमन को थियेटर में काम करने की सलाह दी और बोमन थियेटर में काम करने लगे. बोमन ने धीरे-धीरे थियेटर में अपनी पहचान बनाई. 2001 में उन्हें दो अंग्रेजी फिल्में ‘एव्रिबडी सेज आई एम फाइन’ और ‘लेट्स टॉक’ मिलीं.
उन्होंने फिल्म डरना मना है में छोटा सा रोल निभाया. इस फिल्म में बोमन को बहुत ही कम स्क्रीन स्पेस मिला लेकिन उनके काम को नोटिस किया गया और फिर बोमन के अच्छे दिन शुरू हो गए.
इसके बाद 2003 में बूम में वे दोबारा दिखे. बूम के बाद बोमन को फिल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस में डॉ. जेसी अस्थाना का रोल मिला. इस रोल में बोमन ने दर्शकों का दिल जीत लिया. इसके बाद ‘लक्ष्य’, ‘वीर-जारा’, ‘पेज-3’, ‘नो एंट्री’ जैसी कई फिल्में की.
2009 में आई फिल्म 3 इडियट्स में भी बोमन का काम बेहद सराहा गया था. इस फिल्म में उन्होंने वीरु सहस्त्रबुद्धे उर्फ ‘वायरस’ का बेहतरीन किरदार निभाया था. इस रोल के लिए आज भी बोमन को याद किया जाता है. 3 इडियट्स के लिए बोमन को 3 अवॉर्ड मिले. उन्हें स्टार स्क्रीन अवॉर्ड फॉर बेस्ट विलेन, फिल्मफेयर अवॉर्ड फॉर बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर और आईफा अवॉर्ड फॉर बेस्ट परफॉर्मेंस इन निगेटिव रोल से नवाजा गया. 42 साल की उम्र में फिल्मों में डेब्यू करने वाले बोमन अब तक 50 से ज्यादा फिल्में कर चुके हैं.