बिहारी लोक गीतों पर झूमे अमेरिका के प्रवासी भारतीय
हिंदी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति की सेवा में संलग्न अमेरिका निवासी प्रवासी भारतीयों के समूह विश्व हिंदी ज्योति (कैलिफोर्निया) द्वारा भारतीय लोक साहित्य एवं लोक संगीत पर विशिष्ट कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसके प्रथम सत्र में विभिन्न राज्यों के लोकगीतों और लोक कथाओं पर संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
बिहार के पारंपरिक गीतों की शानदार प्रस्तुति करते हुए
दूसरे सत्र में देश के कुछ प्रमुख लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं । लोक संगीत सत्र में बिहार की लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत ने मैथिल कोकिल विद्यापति जी के प्रसिद्ध गीत जय-जय भैरवी से अपनी प्रस्तुति प्रारंभ की और फिर बिहार के पारंपरिक गीतों की शानदार प्रस्तुति करते हुए अमेरिका में रह रहे प्रवासी भारतीयों को झूमने के लिए बाध्य कर दिया ।
जूम पर आयोजित इस कार्यक्रम में नीतू नवगीत ने पटना से पाजेब बलम जी आरा से होठलाली, मंगाई दा छपरा से चुनरिया छींट वाली, सेजिया पर लोटे काला नाग हो कचौड़ी गली सून कइला बलमू, पिपरा के पतवा फुनुगिया डोले रे ननदी वईसे डोले जियरा हमार रे छोटी ननदी और रेलिया बैरन पिया को लिए जाए रे सहित अनेक पारंपरिक गीतों की दमदार प्रस्तुति की ।
कार्यक्रम में अमेरिका से शोनाली श्रीवास्तव ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम और सीता माता के मिलन और विवाह के प्रसंगों पर आधारित अवधि और मैथिली गीतों की प्रस्तुति की । लखनऊ की निधि निगम ने भी कई शानदार गीत प्रस्तुत किए जबकि श्रीमती संतोष बंसल ने लोक साहित्य के विविध पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हरियाणा का लोक साहित्य भी काफी समृद्ध है ।
कार्यक्रम का संचालन विश्व हिंदी ज्योति के उपाध्यक्ष मनीष श्रीवास्तव ने किया । विश्व हिंदी ज्योति की संस्थापक नीलू गुप्ता और अध्यक्ष मंजू मिश्रा ने संस्थान के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला और कहा कि संस्था अपने क्रियाकलापों से भारत की संस्कृति और साहित्य को बढ़ावा देने के लिए क्रियाशील है । कार्यक्रम में विभा रानी श्रीवास्तव, लता मालवीय, रचना भारद्वाज, सावित्री वार्ष्णेय, प्रिया टंडन सहित अमेरिका में रह रहे अनेक प्रवासी भारतीयों ने हिस्सा लिया ।