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बिहार से कश्मीर तक गूंजी खादी की विचारधारा

गुरुवार को पटना के बिहार खादी बोर्ड के बापू सभागार परिसर में बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड एवं नेहरू युवा केंद्र द्वारा राष्ट्रीय एकता में खादी की भूमिका पर एक कार्यक्रम का संयुक्त आयोजन किया गया। खादी परिचर्चा में कश्मीरी यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम 2023 के तहत कश्मीर के 6 विभिन्न जिलों से आए हुए 132 युवा और संगठन के सदस्यों ने भाग लिया। कार्यक्रम में उपस्थित रहे 132 युवाओं व संगठन के अन्य सदस्यों का भव्य स्वागत किया गया।कार्यक्रम का उद्देश्य कश्मीर से आए युवाओं को बिहार की संस्कृति,कला और धरोहरों से अवगत कराना व खादी वस्त्रों की महत्त्वताओं के बारे में बताना था। कार्यक्रम में मंच संचालन चिंताहरण शर्मा द्वारा किया गया जहाँ उन्होंने खादी मॉल के परिसर में उपस्थित युवाओं को भारत में रही खादी की श्रेष्ठ भूमिका से अवगत कराया।
उन्होंने कहा कि खादी मात्र एक वस्त्र नहीं बल्कि एक विचार भी है। खादी को भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा पुनर्जीवित किया गया था ,जिन्होंने इसकी क्षमता को आत्मनिर्भर और स्वतंत्र बनने और गाँवों में वापस लाने के लिए एक उपकरण के रूप में देखा था।
समान विचार आज के दौर के युवाओं में भी होना चाहिए।
नए दौर में खादी व खादी वस्त्रों में भले ही बदलाव आए हो पर खादी के विकसित रूप में आज भी सादगी क़ायम है।
कार्यक्रम में आगे युवाओं का सम्बोधन करते हुए जिला खादी ग्रामोद्योग पदाधिकारी,पटना अभय सिंह ने कहा कि पटना स्थित खादी मॉल भारत का सबसे पहला और विशाल खादी मॉल है। इस मॉल में उपलब्ध प्रॉडक्ट्स लोकल फ़ॉर वोकल पहल का सबसे बेहतर उदाहरण है। साथ ही उन्होंने युवाओं को खादी मॉल और मॉल में उपलब्ध बिहार के अलग-अलग जिलों में निर्मित उत्पादों की विशेषताओं के बारे में भी बताया। कार्यक्रम के उपरांत युवाओं को खादी मॉल का भ्रमण करवाया गया व मॉल में उपलब्ध बिहार ग्रामोद्योगी उत्पादों का भी विस्तारित विवरण दिया गया।
कार्यक्रम में समाजसेवी आलोक कुमार, दैनिक जागरण के पत्रकार नीरज कुमार, जिला युवा अधिकारी मुज़फ़्फ़रपुर रश्मि सिंह, जिला युवा अधिकारी पटना पामिर सिंह, अजमत अब्बास रिजवी, रमेश चौधरी, अभय सिंह, राजीव कुमार, रवि शंकर कुमार आदि भी मौजूद रहे।