सियासी तूफान के बीच बिहार के राजा राम नीतीश कुमार लेकर आए हैं आचार्य डॉ राहुल परमार
पटना। जदयू के प्रदेश राजनीतिक सलाहकार डॉ राहुल परमार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर लिखी अपनी पुस्तक बिहार के राजा राम नीतीश कुमार को लेकर चर्चा में बिहार के नौवीं बार मुख्यमंत्री बनने वाले नीतीश कुमार के जीवन चरित्र पर आधारित इस पुस्तक के लेखक डॉ राहुल परमार लंबे समय से बिहार के शिक्षा जगत राजनीति और सामाजिक क्षेत्र में प्रखरता के साथ सक्रिय है। पुस्तक का लोकार्पण अभी नहीं हुआ है पर पुस्तक चर्चा में आ गई है। पुस्तक में नीतीश कुमार के जीवन के अनछुए पहलुओं उनके संघर्ष त्याग और बिहार के राजनीति में शून्य से शिखर तक के उनके सफर को शब्दों के माध्यम से जीवंतता प्रदान की गई है।
राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा है कि यह पुस्तक नीतीश कुमार के चाहने वाले लाखों करोड़ों लोगों में नई ऊर्जा का संचार करने वाली है। पुस्तक के लेखक आचार्य डॉ राहुल परमार ने वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा से लोक प्रशासन में एमए तथा पी एचडी की डिग्री ली है साथ ही साथ केएसडीएस यूनिवर्सिटी दरभंगा से ज्योतिष शास्त्र में आचार्य की डिग्री ली है। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा से इन्होंने एलएलबी की डिग्री भी प्राप्त की है।
देश के कई शैक्षणिक संस्थानों में अध्यापन का कार्य किया है तथा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कई संगठनों के प्रमुख रहे हैं। सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में भी इनकी जबरदस्त रुचि रही है पिछले डेढ़ दशकों से यह बिहार के सक्रिय राजनीति में भी अपना योगदान दे रहे हैं। वर्तमान में यह जदयू के प्रदेश राजनीतिक सलाहकार हैं।
अपनी पुस्तक बिहार के राजा राम नीतीश कुमार को लेकर आचार्य डॉ राहुल परमार कहते हैं कि बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार कोई दूसरा नहीं हो सकता आप नीतीश कुमार के समर्थक हो या विरोधी पर आप इस बात को भली-भांति समझते हैं कि अगर आज बिहार विकास की गति को पकड़ चुका है ।
बिहार में सड़क बिजली पानी की समुचित व्यवस्था है बिहार में शिक्षा का स्तर सुधरा है बिहार में सरकारी नौकरियां मिल रही है आप बिहार के किसी भी इलाके से तीन से चार घंटे में पटना पहुंच जाते हैं तो यह नीतीश कुमार की ही देन है। बिहार में जातीय जनगणना कराकर आरक्षण के दायरे को 75 फ़ीसदी तक बढ़ाने का भी साहसिक कदम नीतीश कुमार ने ही उठाया है। उन्होंने कहा की पुस्तक के नायक नीतीश कुमार है पुस्तक में साक्ष के आधार पर उनके जीवन चरित्र पर प्रकाश डालने का एक छोटा सा प्रयास किया गया है।