‘द ग्रेवयार्ड’: भव्यता के तहों से झांकती खौफ की कहानी, कहानीकार सुधांशु राय की ज़ुबानी
मौजूदा दौर में कोरोनावायरस महामारी ने लोगों को अपने-अपने घरों तक सीमित कर दिया है। हम में से कइयों के लिए यह राहत का विषय है कि घर से दफ्तर की दौड़ फिलहाल रुक गई है, लेकिन साथ ही हम मायूस भी हैं कि यह वक़्रत मस्तीर भरी छुटि्टयों का नहीं है और हम बैग बांधकर पहाड़ों या समुद्रतटों तक नहीं जा सकते। जो लोग वीकेंड या छुट्टियों में पहाड़ों पर वक़्त बिताना पसंद करते हैं, जिन्हे एकांत की चाहत होती है, वे किसी आलीशान रेसोर्ट में हरियाली से घिरे लॉन में आरामकुर्सी पर बैठकर सुस्ता ना और अपने आप से मिल आना पसंद करते हैं।
ऐसा ही कुछ ख्याेल था पुनीत ओबेरॉय का, एक कामयाब होटेलियर जो की कहानीकार सुधांशु राय की नवीनतम हॉरर स्टो,री – ‘द ग्रेवयार्ड’ के प्रमुख किरदार हैं। अपनी होटल चेन को फैलाने के इरादे से वे भारत के दक्षिणी भाग में खूबसूरत थालिम गांव पहुंचे। पुनीत ने यहां अंग्रेज़ों के ज़माने का एक पुराना बंगला खरीदा। बंगले के आसपास खूब हरियाली थी और इसी कैम्पजस में एक मानव-निर्मित तालाब तथा अस्त बल भी था। पुनीत ने इस जगह पर आसपास के सुंदर लैंडस्केिप को देखते हुए यहां एक भव्यी महलनुमा होटल बनाने की योजना बनायी थी। पुनीत अपने फायदे गिनने में ही इतना मगन रहा कि उसने इस कैम्पास के दूसरे सिरे पर खड़े कब्रिस्तानन और उससे जुड़ी भयावह घटनाओं को पूरी तरह नज़रंदाज़ कर दिया।
लेकिन इस पुराने बंगले में बितायी पहली ही रात पुनीत के लिए भयानक साबित हुई। वह यहां अपने सहायक सुधीर सक्से ना और दो दोस्तोंी सागर तथा किरण के साथ आया था। देर शाम को ये चारों बंगले के लॉन में बैठे गपशप कर रहे थे जब किरण को सबसे पहले कब्रिस्ताेन के उस भयावह सन्नाहटे का अहसास हुआ| लेकिन तभी उस सन्नाटे के बीच उन चारो को किसी के तालाब में डुबकी लगाने की आवाज़ आयी। सुधीर जब उस तरफ दौड़ा ताकि पता लगाया जा सके कि ऐसा करने वाला कौन है, तो उसका सामना अपनी जिंदगी में अब तक के सबसे खौफनाक मंज़र से हुआ।
इसके बाद परिस्थितिया कुछ इस तरह बदलती हैं कि पुनीत और उसके दोस्ति कब्रिस्तावन की तरफ चल देते है, और वहां उन्हेंअ जो दिखता है उसके बाद तो उनके पैरों तले ज़मीन खिसक जाती है। आखिर उस रात के अंधेरे में कब्रिस्ताान में उन्हें क्यात दिखायी दिया? और ऐसा क्यास हुआ कि खून में सना सुधीर पागलों की तरह चार कब्रों को खोदने लगा? उस अंग्रेज़ आदमी का क्यास राज़ था जिसका जिक्र उस वृद्ध महिला ने किया था जो पुनीत से मिलने आयी थी? ‘द ग्रेवयार्ड’ में छिपे ऐेसे ही और कई राज़ जानने और इस कहानी में सिमटे भयभीत कर देने वाले अनुभवों से गुजरने के लिए सुनिए यह पूरी कहानी:
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