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आयुष्मान भारत: अब 28,000 से अधिक अस्पतालों में करा सकेंगे मुफ्त इलाज

देश में निचले पायदान पर खड़े व्यक्ति को भी इलाज के अभाव में अब नहीं रहना पड़ेगा। केंद्र सरकार स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं को लगातार विस्तार देने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए सरकार स्वास्थ्य ढांचे का निर्माण कर विभिन्न योजनाओं के माध्यम से इलाज को सरल बना रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA ) द्वारा प्रकाशित वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले चार वर्षों में सरकार की आयुष्मान भारत-प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत 28,000 से अधिक अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है। दरअसल ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां सरकार गरीब लोग तक तकनीक के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को आसानी से पहुंचाने के साथ-साथ अफोर्डेबल भी बना रही है।

निजी अस्पतालों में भी हो रहा इलाज

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA ) द्वारा प्रकाशित वार्षिक रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पैनल में शामिल 45% चिकित्सा सुविधाएं निजी अस्पतालों द्वारा प्रदान की गई थीं। NHA 2018 में केंद्र द्वारा शुरू की गई एक सार्वजनिक स्वास्थ्य बीमा / आश्वासन योजना ABPMJAY को लागू करने के लिए जिम्मेदार है। NHA रिपोर्ट में सरकार ने कहा कि आयुष्मान कार्ड प्राप्त करने वाले 19 करोड़ लोगों में से 3.95 करोड़ ने योजना के तहत इलाज किया था। रिपोर्ट के अनुसार आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत देश के हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने हेतु हर जिले में लगभग ₹100 करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा। केंद्र सरकार स्वास्थ्य संबंधी सुधार करने के साथ-साथ कई कार्यक्रमों के माध्यम से आगे की कार्य-योजनाओं के बारे में चर्चा कर उनका जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन सुनिश्चित कर रही है।

आरोग्य मंथन-2022 कार्यक्रम का हो रहा आयोजन

स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं पर चर्चा और उसके विस्तार के लिए केन्‍द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया की उपस्थिति में दो दिवसीय ‘आरोग्य मंथन-2022’ कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। दरअसल, आरोग्य मंथन का आयोजन ‘आयुष्मान भारत’ प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) के 4 साल और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के 1 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में किया गया है। आयोजन में बोलते हुए केन्‍द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार का ध्यान स्वास्थ्य सेवाओं को प्रौद्योगिकी द्वारा सक्षम डिलीवरी शृंखला से अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने पर केन्द्रित है। पीएम-जेएवाई देश में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच के मामले में समृद्ध और वंचित वर्गों के बीच की खाई को पाटने में सफल रहा है।

PM-JAY सबसे बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य बीमा योजना

आयुष्मान भारत PM-JAY दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है जिसका उद्देश्य पांच लाख रुपए का स्वास्थ्य कवर प्रदान करना है। 10.74 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवारों (लगभग 50 करोड़ लाभार्थी) को अस्पताल में भर्ती और देखभाल के लिए प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपए का कवर दिया जा रहा है, जो कि भारतीय आबादी का 40% है। योजना में शामिल परिवार क्रमशः ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना 2011 के मानदंडों पर आधारित हैं। PM-JAY पूरी तरह से सरकार द्वारा वित्त पोषित है और कार्यान्वयन की लागत केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझा की जाती है।

बनाए गए 19 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने रविवार को कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत देश में 33 राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों में 19 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं और 24 करोड़ से अधिक आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट यानि ABHA नंबरों का सृजन किया गया है। यह देश में स्वास्थ्य रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 4.5 लाख कार्ड बनाने की वर्तमान दर को बढ़ाकर 10 लाख आयुष्मान कार्ड प्रतिदिन किया जाएगा।

सरकार स्वास्थ्य और कल्याण दोनों को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध

देश में स्वास्थ्य सेवा को सुलभ बनाने और पीएम मोदी के विजन को साकार करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। देश आज न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में प्रौद्योगिकी को अपनाने में अग्रणी है बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि इसे जमीनी स्तर पर लागू किया जाए। सरकार नागरिकों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए समग्र रूप से काम कर रही है। अगले कुछ वर्षों में देश के प्रत्‍येक गांव को हाई स्पीड ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ दिया जाएगा, जिससे सभी तक कनेक्टिविटी और निरंतर स्वास्थ्य पहुंच सुनिश्चित होगी। देश में स्वास्थ्य ढांचे के डिजिटलीकरण में कई गुना प्रभाव पड़ेगा। सरकार स्वास्थ्य लाभार्थियों के डेटा की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कानूनी ढांचा बना रही है, यह स्‍वास्‍थ्‍य कवरेज की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।