अपराध नियंत्रण में कोताही बर्दाश्त नहीं : मुख्यमंत्री
• मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिये कड़े निर्देश
• पेशेवर अपराधियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कठोर कदम उठायें
• जिन थाना क्षेत्रों में क्राइम बढ़े हैं, उनकी समीक्षा कर संबद्ध अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करें।
• जियो फेंसिंग तकनीक के माध्यम से गश्ती की निगरानी सुनिश्चित करें।
• ट्रैफिक जाम की समस्या के समाधान के लिए आवश्यक कार्रवाई करें ताकि आम आवागमन में किसी प्रकार की कोई समस्या न हो।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में 5 घंटे तक विधि व्यवस्था से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक हुई। बैठक के दौरान अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने पिछली बैठकों में दिये गये निर्देशों के अनुपालन से संबंधित एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। प्रस्तुतीकरण के दौरान उन्होंने बताया कि अपराध नियंत्रण को लेकर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को दंडित करने, दोषी लोगों की गिरफ्तारियां तथा सख्त निगरानी सुनिश्चित किया जा रहा है। अपर पुलिस महानिदेशक विशेष शाखा जे.एस. गंगवार ने साइबर अपराध की रोकथाम को लेकर की किये जा रहे कार्यों के संबंध में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि हाल के कुछ दिनों में ये देखा गया है कि नये उम्र के लड़कों में अपराध करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। अपराध नियंत्रण के लिए पुलिस को संवेदनशीलता और सख्ती के साथ इस दिशा में काम करना होगा। उन्होंने कहा कि पेशेवर अपराधियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कठोर कदम उठायें। जिस थाना क्षेत्र में क्राइम बढ़ा है, उनकी समीक्षा कर संबद्ध अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करें। किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। कोताही बरतने वाले अधिकारियों को चिन्हित कर सख्त कार्रवाई करें।
उन्होंने कहा कि सभी थाना क्षेत्रों में रात्रि गश्ती को और सुदृद्ध करने की जरुरत है। सभी थानों में नियमित रूप से रात्रि गश्ती को सुनिश्चित करें। पैदल गश्ती दल में भी पर्याप्त पुलिस बल रखें। जियो फेंसिंग तकनीक के माध्यम से गश्ती दल की निगरानी सुनिश्चित करें। वरीय पदाधिकारी भी किये जा रहे गश्ती की निगरानी करें। राज्य के सभी थानों में जीपीएस युक्त दो-दो वाहन गश्ती के लिए उपलब्ध रखें। थाने के पुलिस वाहन के लिए पुलिस बल से ही स्थायी ड्राइवर की व्यवस्था रखें। पुलिस व्यवस्था में संवेदनशीलता और गोपनीयता आवश्यक है। सभी थानों में स्टेशन डायरी अपडेट रखा जाये। प्रत्येक थाने में स्टेशनरी एवं अन्य सामग्री के लिए रिवाल्विंग फंड की व्यवस्था सुनिश्चित रखें। ऐसा सिस्टम बनाएं कि थाने के अकाउंट में हमेशा राशि उपलब्ध रहे। प्रत्येक थाने में महिलाओं के लिए महिला शौचालय एवं स्नानागार की समुचित व्यवस्था फरवरी तक सुनिश्चित करें। बचे हुए भूमिहीन थानों के भवन निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध कराकर थाने का अपना भवन बनवायें। मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि सभी थानों में लैंडलाइन फोन फंक्शनल रहे। मुख्यालय के स्तर से भी लैंडलाइन फोन पर बात करके थाने की गतिविधियों की जानकारी लेते रहें। सभी जोन में क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला का क्रियान्वयन सुचारू रूप से हो। बिहार पुलिस अकादमी राजगीर में पुलिस बल की भी ट्रेनिंग की व्यवस्था करायी जाये। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिये सभी जरूरी कदम उठायें। इसे लेकर भविष्य के परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना बनाकर कार्य करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्व त्योहारों के दौरान जिन-जिन क्षेत्रों में असामाजिक तत्वों के द्वारा घटनाओं को अंजाम दिया जाता है, उन क्षेत्रों को चिन्हित कर उन तत्वों की पहचान पहले ही गिरफ्तारी करें ताकि समाज में शांति व्यवस्था बनी रहे। उन्होंने कहा कि स्पीडी ट्रायल में तेजी लाकर सजा की दर को और बढ़ाई जाये। प्रोजिक्यूशन और इंवेस्टीगेशन के कार्य को बेहतर तरीके से अंजाम दें ताकि अपराधियों को सख्त सजा दिलायी जा सके। उन्होंने ट्रैफिक जाम की समस्या के समाधान के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिये ताकि आम लोगों को आवागमन में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं हो। ओवरलोडिंग पर भी सख्ती से कार्रवाई करें। जमीन से संबंधित आपसी विवाद को खत्म करने के लिए महीने में एक बार जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक, 15 दिनों में एक बार एसडीओ और एसडीपीओ तथा सप्ताह में एक दिन अंचल अधिकारी एवं थानाध्यक्ष निश्चित रुप से बैठक करें। शनिवार के दिन चौकीदार परेड हो, जिसमें चौकीदार गांव से जुड़ी समस्याओं की जानकारी थाने में दे सकें।
मुख्यमंत्री ने कड़ा निर्देश देते हुये कहा कि अपराध नियंत्रण को लेकर किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। गड़बड़ी करने वाले लोगों को चिन्हित कर उन पर कड़ी कार्रवाई करें। हर हाल में अपराध पर नियंत्रण रखें। कानून का सख्ती से पालन हो और अपराधियों में कानून का भय हो यह सुनिश्चित करें।
बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक एस.के.सिंघल, अपर मुख्य सचिव गृह आमिर सुबहानी, प्रधान सचिव वित्त एस सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आलोक राज, अपर पुलिस महानिदेशक सीआईडी विनय कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक विशेष शाखा जे.एस. गंगवार, अपर पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक लॉ एंड ऑर्डर अमित कुमार, पुलिस महानिरीक्षक मद्य निषेध अमृत राज, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह एवं अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।