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शुरू होने वाला है एक और क्लीनिकल ट्रायल

हैदराबाद की बायोलॉजिकल ई लिमिटेड अमेरिकी की एमआईटी की बनाई प्रोटीन एंटीजेन बेस्ड वैक्सीन का उत्पादन कर रही है। इसके पहले और दूसरे चरण के ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो चुके हैं। पुणे की जिनोवा कंपनी अमेरिका की एचडीटी की एमआरएनए आधारित वैक्सीन का उत्पादन कर रही है। इस वैक्सीन को लेकर जानवरों पर होने वाले प्रयोग खत्म हो चुके हैं और जल्द ही इसके पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल शुरू होने वाले हैं।

हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक अमेरिका की थॉमस जेफरसन यूनिवर्सिटी के सहयोग से मृत रेबीज वेक्टर प्लेटफॉर्म आधारित कोरोना वैक्सीन का उत्पादन कर रही है। ये वैक्सीन एडवांस्ड प्री-क्लीनिकल स्तर तक पहुंच चुकी है। भारत की अरबिन्दो फार्मा अमेरिकी के ऑरोवैक्सीन के साथ मिल कर एक वैक्सीन बनी रही है जो फिलहाल प्री-डेवेलपमेन्ट स्टेज पर है।

दुनिया भर में सराहना-

कोरोना वैक्सीन को लेकर भारत की ओर से किए जा रहे प्रयासों को दुनियाभर में काफी सराहना हो रही है। अब भारत सरकार दिल्ली में तैनात सभी देशों के विदेशी राजनयिकों का फ्री में कोरोना वैक्सीनेशन करने जा रही है। इससे पहले भी सरकार ने पिछले दिसंबर में 50 से ज्यादा देशों के राजनयिकों को हैदराबाद में कोरोना वैक्सीन तैयार करने वाली कंपनियों का दौरा करवा कर कोरोना वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल के बारे में जानकारी दी थी। मिस्र, अल्जीरिया, यूएई, कुवैत, ब्राजील ने भारत से कोरोना वैक्सीन खरीदी हैं। इसके अलावा अन्य कई देशों ने वैक्सीन खरीदने के लिए सरकार से संपर्क किया है।

क्या कहते हैं मुख्‍य वैज्ञानिक सलाहकार-

छोटे-छोटे द्वीपीय देशों तक पहुंच रही वैक्‍सीन पर देश के मुख्‍य वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. के विजयराघवन का कहना है कि हमारा यही मानना है कि जब तक सारी दुनिया सुरक्षित नहीं है, तब तक हम भी सुरक्षित नहीं हैं। भारत ने हमेशा वैक्सीन और जैनेरिक ड्रग्‍स के डिस्‍ट्रीब्‍यूशन में बहुत बड़ी भूमिका अदा की है। हम वैक्‍सीन के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक हैं। हम जैनेरिक दवाएं भी एक्‍सपोर्ट करते हैं। दुनिया भर में पैदा होने वाले बच्‍चों में तीन में से दो को जो वैक्सीन मिलती है वो भारत से आती है। यह हम कई वर्षों से करते आ रहे हैं। अब कोरोनाकाल में भारत की बहुत बड़ी जिम्‍मेदारी है कि वो कोविड वैक्सीन भी दुनिया को मुहैया कराये।

डॉ. विजयराघवन ने कहा कि हमने वैक्सीन के एक्‍सपोर्ट का दायरा बढ़ाया और यह सब हमने मानवता के लिए किया है और आगे करते आयेंगे। उन्‍होंने कहा कि अब तक करीब 24 देशों को वैक्सीन जा चुकी है और आगे और भी देशों में जाएगी। मार्च और अप्रैल में हमारी क्षमता और बढ़ेगी तो हम और भी ज्‍यादा एक्‍सपोर्ट कर पायेंगे। कुछ ही महीनों में हमारी वैक्सीन दुनिया के 50 से 60 देशों तक पहुंच जाएगी। वो भी बिना हमारे टीकाकरण अभियान को प्रभावित किए।