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इनोवेटिव यूथ का कमाल, स्टार्टअप्स वर्ल्ड में भारत तीसरे स्थान पर

एक समय था जब स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में हमारी गिनती कहीं नहीं होती थी लेकिन आज हम यूनिकॉर्न के मामले में दुनिया में नंबर-3 पर पहुंच चुके हैं। आखिरकार 75 महीनों की यह मेहनत रंग लाई। भारत ने इसके लिए क्या कुछ नहीं किया।

75 महीने पहले शुरू किया था ”स्टार्टअप इंडिया” कार्यक्रम 

हाल ही में पीएम मोदी इस उपलब्धि को लेकर पूरी दुनिया को यह संदेश भी दे चुके हैं कि ”देश का मिजाज कैसे बदलता है इसका एक उदाहरण बताना चाहूंगा। यह हमारी आजादी का 75वां साल है। लगभग 75 महीने पहले हमने ”स्टार्टअप इंडिया” कार्यक्रम शुरू किया था। तब स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में दुनिया में भारत की कोई गिनती ही नहीं थी। आज हम यूनिकॉर्न्स के मामले में दुनिया में नंबर-3 पर खड़े हैं। आज स्टार्टअप के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम हिंदुस्तान है। दो साल पहले जब दुनिया कोविड से जूझ रही थी, मौत कब आ धमकेगी, परिवार में कब कौन मुसीबत में फंस जाएगा, बाहर निकल पाएंगे कि नहीं निकल पाएंगे, उस समय संकट के बादल घिरे हुए थे, चिंताएं चारों तरफ फैली हुई थी, उस समय भारत का नौजवान करीब-करीब हर महीने एक यूनिकॉर्न बना रहा था।”

ऐसे में जरा कल्पना कीजिए कि किस प्रकार भारत आज इस मुकाम पर पहुंचा है। ऐसे में यह जानना आज हर भारतीय के लिए महत्वपूर्ण है। तो चलिए विस्तार से जानते हैं भारत की इस यात्रा के बारे में…

भारत एक वैश्विक इनोवेशन हब बन कर उभरा

आज भारत एक वैश्विक इनोवेशन हब के रूप में उभर रहा है और इसे विश्व की एक तिहाई स्टार्टअप परितंत्र का देश होने का गौरव हासिल है। वर्ष 2013-14 में 4 हजार पेटेंट स्वीकृत किए गए थे। पिछले वर्ष 28 हजार से अधिक पेटेंट प्रदान किए गए थे। वर्ष 2013-14 में जहां लगभग 70 हजार ट्रेडमार्क पंजीकृत थे, वहीं 2020-21 में 2.5 लाख से अधिक ट्रेडमार्क पंजीकृत किए गए हैं। वर्ष 2013-14 में, जहां केवल 4 हजार कॉपीराइट दिए गए थे, वहीं पिछले वर्ष उनकी संख्या 16 हजार को पार कर गई है। नवाचार के लिए भारत के अभियान के परिणामस्वरूप वैश्विक नवाचार सूचकांक में भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है। भारत नवाचार सूचकांक में 81वें स्थान पर था लेकिन अब भारत इस सूचकांक में 46वें स्थान पर आ गया है।

61,000 से अधिक स्टार्टअप्स को मान्यता

डीपीआईआईटी ने अभी तक 61,000 से अधिक स्टार्टअप्स को मान्यता दी है। हमारे स्टार्टअप्स 55 उद्योगों का प्रतिनिधित्व करते हैं, देश के प्रत्येक राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेश में कम से कम एक स्टार्टअप के साथ ये 633 जिलों में फैले हुए हैं और इन्होंने वर्ष 2016 से लेकर अब तक 6 लाख से अधिक रोजगारों का सृजन किया है। 45 प्रतिशत से अधिक स्टार्टअप्स श्रेणी-2 तथा श्रेणी -3 शहरों से हैं और उनमें से 45 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व महिला उद्यमियों द्वारा किया जाता है। भारत सरकार का विश्वास है कि स्टार्टअप्स में वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत के समेकन की गति में तेजी लाने तथा वैश्विक प्रभाव सृजित करने की क्षमता है।

केंद्र सरकार ने किए पुरजोर प्रयास

केंद्र सरकार ने नवोन्मेषण को बढ़ावा देने के लिए देश के प्रमुख स्टार्टअप्स, उद्यमियों, निवेशकों, इनक्यूबेटरों, वित्त पोषण करने वाले निकायों, बैंकों, नीति निर्माताओं आदि को एक मंच पर लाने के प्रयास किए, जिसका सकारात्मक परिणाम आज हम सबके सामने है। इसके अतिरिक्त, स्टार्टअप परितंत्रों के पोषण पर ज्ञान का आदान-प्रदान करना, उद्यमशील परितंत्र क्षमताओं का विकास करना, स्टार्टअप निवेशों के लिए वैश्विक और घरेलू पूंजी जुटाना, नवोन्मेषण तथा उद्यमशीलता के लिए युवाओं को प्रोत्साहित तथा प्रेरित करना, स्टार्टअप्स को बाजार पहुंच का अवसर उपलब्ध कराना तथा भारत के उच्च गुणवत्तापूर्ण, उच्च प्रौद्योगिकी वाली एवं मितव्ययी नवोन्मेषणों को प्रदर्शित करना भी केंद्र सरकार के मुख्य फोकस में रहा।

राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों तथा भारत सरकार के विभिन्न विभागों की भागीदारी के साथ, अंतः पारस्परिक सत्रों, कार्यशालाओं तथा स्टार्टअप्स को अकादमिक एवं संरक्षण सहायता, स्टार्टअप्स को इनक्यूबेशन तथा तेजीकरण के लिए सहायता, स्टार्टअप्स को कंपनियों व सरकार के माध्यम से बाजार पहुंच की सहायता और वैश्विक स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने के लिए वित्त पोषण तथा अंतरराष्ट्रीय अवसरों के रूप में सहायता जैसी थीमों पर प्रस्तुतियों के जरिए स्टार्टअप परितंत्र के प्रमुख पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया दिया गया। इसके अतिरिक्त, पहचानी गई विषय वस्तुओं के आधार पर एक्सपीरियंस बूथ, पिचिंग और रिवर्स पिचिंग सत्रों तथा नवोन्मेषण प्रदर्शनियों जैसे समानांतर कार्यकलापों के आयोजन किए गए जिससे भारत में स्टार्टअप को फलने-फूलने का बेहतरीन माहौल मिला। इसके अलावा कुछ अन्य पहलुओं ने भी भारत में स्टार्टअप को उभरने में काफी मदद की। जैसे:-

· स्टार्टअप्स के साथ प्रधानमंत्री मोदी की परस्पर बातचीत

· विभिन्न सत्रों में, अन्य विभागों के साथ साथ, शिक्षा मंत्रालय, नीति आयोग, पीएसए, डीबीटी, डीएसटी का कार्यालय, एमईआईटीवाई, रक्षा मंत्रालय तथा सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालयों की भागीदारी

· वैश्विक निवेशकों के साथ गोलमेज बैठक तथा घरेलू फंड

· राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार, 2021 के परिणाम की घोषणा

· दूरदर्शन स्टार्टअप चैम्पियंस 2.0 शो का लॉन्च

· डिजिटल कॉमर्स डिजिटल स्ट्रेटजी के लिए ओपेन नेटवर्क का लॉन्च

· पिचिंग सत्र तथा देश भर के स्टार्टअप्स के लिए कॉरपोरेट कनेक्ट प्रोग्राम

”स्टार्टअप इंडिया” प्रोग्राम ने बदली तस्वीर

स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य देश में नवाचार और स्टार्टअप के पोषण के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है जो देश में सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसरों का सृजन करेगा। इस पहल का उद्देश्य नवाचार और डिजाइन के माध्यम से स्टार्टअप्स को आगे बढ़ने के लिए सशक्त बनाना है। इस पहल ने न केवल स्टार्टअप पर ध्यान केंद्रित किया बल्कि भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को उत्प्रेरित किया और भारतीय और वैश्विक जरूरतों के लिए अभिनव समाधान बनाने वाले भारतीय उद्यमियों को गति दी। पहल के शुभारंभ के बाद से, भारत को नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी देने वाले देश में बदलने के लिए पीएम मोदी के दृष्टिकोण में योगदान देने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए गए हैं।

यूनिकॉर्न्स के मामले में भारत आज तीसरे नंबर पर

दिलचस्प बात यह है कि स्टार्टअप की दुनिया में वर्ष 2021 को ‘यूनिकॉर्न के वर्ष’ के रूप में मान्यता दी गई और इस वर्ष के दौरान 40 से अधिक यूनिकॉर्न जोड़े गए। कुछ इस कदर भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के अंदर भारत को दुनिया का इनोवेशन और आविष्कार का केंद्र बनाने की क्षमता है। वहीं टियर-2 और टियर-3 शहर स्टार्ट अप क्रांति की रीढ़ बन चुके हैं जो अगड़ों और पिछड़ों को जोड़ने के लिंक को मजबूत करके रोजगार सृजन को बढ़ावा दे रहे हैं।

याद हो, कोविड-19 दौर में, जब हर कोई गंभीर तनाव से उबर रहा था, तब हमारे देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम तेजी से उभर रहा था। इस इकोसिस्टम का लचीलापन और ‘कभी नहीं मरो’ की भावना को देखकर सरकार के हौसले भी बुलंद रहे। भारत सरकार ने इन उभरते स्टार्टअप को पूरा सपोर्ट किया। दरअसल, केंद्र सरकार भी इस बात को समझ चुकी थी कि 21वीं सदी ‘स्टार्टअप की सदी’ है और हमारे स्टार्टअप्स के साथ यह ‘भारत की सदी’ बन सकती है। इसलिए केंद्र सरकार ने तभी से इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाना शुरू कर दिए थे। आज लगभग 100 यूनिकॉर्न के साथ, भारत के पास पूरी दुनिया में सबसे बड़ा स्टार्टअप सिस्टम है।

नौजवानों के सामर्थ्य पर किया भरोसा

नौजवानों के सामर्थ्य पर भरोसा, उनकी क्रिएटिविटी पर भरोसा किसी भी देश की प्रगति का अहम आधार होता है। भारत सरकार ने अपने युवाओं के इस सामर्थ्य को पहचानते हुए नीतियां बनाई और निर्णय लागू किए। भारत में आज एक हजार से ज्यादा यूनिवर्सिटीज हैं, 11 हजार से ज्यादा स्टैंड अलोन इंस्टीट्यूशंस हैं, 42 हजार से ज्यादा कॉलेज हैं और लाखों की संख्या में स्कूल हैं। ये भारत की बहुत बड़ी ताकत बन चुके हैं। आज देश में बचपन से ही स्टूडेंट में इनोवेशन के प्रति आकर्षण पैदा करने और इनोवेशन को इंस्टिट्युशनलाइज करने पर फोकस किया जा रहा  है। इसके लिए देश में 9 हजार से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब्स, आज बच्चों को स्कूलों में इनोवेट करने, नए आइडियाज पर काम करने का मौका दे रही हैं। अटल इनोवेशन मिशन से हमारे नौजवानों को अपने इनोवेटिव आइडियाज पर काम करने के नए-नए प्लेटफॉर्म मिल रहे हैं। इसके अलावा, देशभर के स्कूलों और कॉलेजों में हजारों लैब्स का नेटवर्क, हर क्षेत्र में इनोवेशन को बढ़ावा दे रहा है।

इससे स्पष्ट होता है कि बीते कुछ साल में देश के सामने मौजूद चुनौतियों से निपटने के लिए इनोवेशन और टेक्नोलॉजी आधारित सॉल्यूशन पर अधिक बल दिया गया। अनेकों हैकथॉन्स का आयोजन करके, नौजवानों को अपने साथ जोड़ा गया, उन्होंने रिकॉर्ड समय में बहुत सारे इनोवेटिव सॉल्यूशंस हमें दिए, जिसके बलबूते आज देश मजबूत स्थिति में पहुंच चुका है और अपने स्टार्टअप सिस्टम से दुनिया की नजर में अपनी नई पहचान बना चुका है। इनोवेशन को लेकर भारत में जो अभियान चल रहा है, उसी का प्रभाव है कि ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भी भारत की रैंकिंग में बहुत सुधार आया है। वर्ष 2015 में इस रैंकिंग में भारत 81 नंबर पर रुका पड़ा था। अब इनोवेशन इंडेक्स में भारत 46 नंबर पर है, 50 से नीचे आया है। भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम, आज दुनिया में अपना परचम लहरा रहा है। आज किसे ये देखकर गौरव नहीं होगा कि भारत के स्टार्ट अप्स, 55 अलग-अलग इंडस्ट्रीज में काम कर रहे हैं, हर किसी को गर्व होगा। 5 साल पहले देश में जहां 500 startups भी नहीं थे, आज उनकी संख्या बढ़कर 60 हजार से अधिक हो चुकी हैं।