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अलग-अलग राज्यों में अड़तालीस हजार हेलमेट बांट चुके हैं हेलमेट मैन

हेलमेट मैन ने कहा किसी महिला को दुर्घटना में मरने नहीं दूंगा सड़कों पर बिना हेलमेट चलने नहीं दूंगा. इस अभियान की शुरुआत पुलिस अधीक्षक ग्रामीण एसपी अनिल कुमार झा ने हेलमेट मैन राघवेंद्र कुमार के साथ मिलकर हरी झंडी दी.

सेवा भाव मन में रखने वाले दुनिया में कई लोग हैं जो बगैर किसी स्वार्थ के लोगों की सेवा करते हैं. इन्हीं में एक हैं जमनिया गाजीपुर के राघवेन्द्र कुमार. वर्ष 2014 में उनके एक करीबी मित्र ने अपने एकलौते पुत्र को सिर्फ हेलमेट नहीं होने की वजह से हमेशा के लिए खो दिया. उस हादसे को वो आज भी भूले हैं. तब से वे दूसरे घरों के चिराग को बचाने के लिए पिछले 7 साल में भारत के अलग-अलग राज्यों में 48 हजार हेलमेट बांट चुके हैं. जिन्हें हेलमेट देते हैं उनसे बदले में पुरानी पुस्तक मांगते हैं और अब तक छह लाख गरीब बच्चों को निशुल्क पुस्तक भी दे चुके हैं. इसी वजह से इन्हें लोग हेलमेट मैन के नाम से भी जानते हैं.

जमानिया गाजीपुर उत्तर प्रदेश हिंदू महिला पीजी कॉलेज में बिना हेलमेट के प्रतिदिन कॉलेज आने वाली छात्राओं को हेलमेट मैन राघवेंद्र कुमार ने सुरक्षा के लिए हेलमेट दिया. और यह भी कहा अगर भविष्य में किसी महिला छात्रा के साथ सड़क हादसा होती है तो उन्हें पांच लाख की आर्थिक सहायता दूंगा. सभी महिला छात्राओं को पांच लाख की दुर्घटना बीमा किया. हेलमेट मैन ने कहा सरकार को भी ध्यान देना चाहिए नारी शक्ति की सुरक्षा के लिए कॉलेज में दाखिला लेते वक्त कॉलेज प्रबंधक की तरफ से सभी छात्राओं को हेलमेट देने का नियम लागू कर देना चाहिए. ताकि कोई छात्र बिना हेलमेट विद्यालय में प्रवेश ना करें.

वही महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ शरद कुमार डॉ अखिलेश शर्मा से कहा अपने विद्यालय में सभी छात्र छात्राओं को एडमिशन के समय फीस के अलावा जो अतिरिक्त रजिस्ट्रेशंस के नाम पर शुल्क ली जाती है उस राशि से सभी छात्र छात्राओं को हेलमेट देंगे तो भविष्य में सभी बच्चे सुरक्षित भी रहेंगे और अभिभावकों के साथ सड़कों पर दूसरे लोग भी जागरूक होंगे. क्योंकि आज बहुत अभिभावक ऐसे भी हैं जो अपने बच्चे के लिए लाखों रुपए खर्च कर देते हैं महंगी गाड़ी भी दे देते हैं लेकिन सुरक्षा के लिए हेलमेट नहीं दे पाते. और इसका नतीजा यह हो रहा है भारत में प्रतिवर्ष डेढ़ लाख लोगों की मौत हो रही है और उसमें 50 हज़ार ऐसे लोग होते हैं जो अपने घर के सिंगल चिराग होते हैं. जिसमें हमारा एक मित्र भी था उसके माता-पिता ने सब कुछ दिया मगर एक हेलमेट की कमी की वजह से अपने इकलौते पुत्र को हमेशा के लिए खो दिया.

2014 में वह हादसा आज भी नहीं भूला हूं तब से हेलमेट मैन दूसरे घरों का चिराग बचाने के लिए पिछले 7 साल में भारत के अलग-अलग राज्यों में 48000 हेलमेट बांट चुके हैं. जिन्हें हेलमेट देते हैं उनसे बदले में पुरानी पुस्तक मांगते हैं और अब तक 6 लाख गरीब बच्चों को निशुल्क पुस्तक भी दे चुके हैं. हेलमेट मैन ने कहा सरकार प्रशासन द्वारा जागरूकता के लिए यातायात मंथ चलाया जाता है जो पहले दिन सड़कों पर जनता को गुलाब का फूल देते हैं और अगले दिन चालान वसूल करते हैं. इसका मतलब यह हुआ आप ऐसे ही जनता को फूल बनाते रहिए और राजस्व को भरने के लिए लगान वसूलते रहिए. इस नियम में बदलाव करना चाहिए अगर सरकार सही मायने में दुर्घटना को रोकना चाहती है जो भारत में सबसे ज्यादा बिना हेलमेट चलने वालों की मौत होती है. उन्हें रोकने के लिए चालान के बदले हेलमेट देना चाहिए. सरकार तक संदेश पहुंचाने के लिए हेलमेट मैन सड़कों पर लगातार उन्हें हेलमेट निशुल्क देते हैं जो चालान की रसीद दिखाता है.

अपने खर्च से पूरे उत्तर प्रदेश में महिला का चालान होता है अगर वह चालान की रसीद मुझे दिखाती है तो मैं उन्हें एक हेलमेट के साथ 5 लाख की दुर्घटना बीमा देने का संकल्प लिया है. बिना हेलमेट चलने वाले छात्र छात्राओं को उन्हें विद्यालय में हेलमेट देकर जागरूक करता रहूंगा. कार्यक्रम में उपस्थित ग्रामीण एसपी अनिल कुमार झा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा महिला अपना चुप्पी तोड़े और निडर होकर अपनी बात कहें तभी नारी शक्ति की मजबूती बढ़ेगी एक महिला का हौसला आज समाज के हजारों महिला को आगे बढ़ाता है.अनिल कुमार झा इससे पहले नोएडा में ट्रैफिक एसपी थे.

आयोजन में थानाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह, महिला थाना की श्रीमती ममता, चौकी इंचार्ज अनिल पांडे, डॉक्टर अखिलेश शर्मा, अमित सिंह, राणा हिंदू महाविद्यालय के सभी शिक्षक गण और छात्र छात्राएं उपस्थित थीं.