बिहार के सभी प्रखंडों तक कोरोना टेस्टिंग की सुविधा हुई उपलब्ध, सुचना सचिव अनुपम कुमार ने दी जानकारी
पटना, 29 जुलाई 2020 :- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मीडिया के साथ संवाद। सचिव सूचना एवं जन सम्पर्क अनुपम कुमार, सचिव स्वास्थ्य लोकेश कुमार सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार, अपर मुख्य सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार
विवेक कुमार सिंह, सचिव जल संसाधन संजीव हंस एवं अपर सचिव आपदा प्रबंधन रामचंद्र डू ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं विभिन्न नदियों के जलस्तर को लेकर सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों के संबंध में अद्यतन जानकारी दी।
सचिव, सूचना एवं जन-सम्पर्क अनुपम कुमार ने बताया कि कोविड-19 एवं बाढ़ की वर्तमान स्थिति से निपटने को लेकर सरकार द्वारा लगातार पूरी तत्परता के साथ सभी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। टेस्ट की संख्या काफी बढ़ा दी गयी है और अब सभी प्रखंडों तक टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध है। कोविड केयर सेंटर्स, कोविड हेल्थ सेंटर्स और डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल्स में लगातार बेड्स की संख्या बढ़ायी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग का यह प्रयास है कि अब जो भी नयी बेड कैपिसिटी ऐड हो रही है वह ऑक्सीजन के साथ हो। 10 डेडिकेटेड कोविड
हॉस्पिटल्स का प्रबंधन देखने के लिए डेडीकेटेड टीमें लगायी गयी है। इससे स्थिति में काफी सुधार हुआ है। यह भी निर्णय लिया गया है कि हॉस्पिटल्स में इलाजरत कोविड-19 के सभी मरीजों एवं होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों से प्रतिदिन कंट्रोल रूम से बात कर उनकी समस्या का त्वरित निराकरण किया जाएगा। इसे लेकर कार्रवाई की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग अब ऑनलाइन बेड मैनेजमेंट की व्यवस्था पर काम कर रहा है और उम्मीद है कि यह शीघ्र ही लागू हो जाएगी। आर0टी0पी0सी0आर0 टेस्ट की क्षमता भी बढ़ायी जा रही है। सरकार का यह
प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा टेस्ट हो एवं क्वालिटी ऑफ ट्रीटमेंट में सुधार हो ताकि अधिक से अधिक लोग स्वस्थ हों और मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो।
सचिव स्वास्थ्य लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना से पिछले 24 घंटे में 1,284 लोग स्वस्थ हुए हैं और अब तक 30,504 लोग कोविड-19 संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं। इस प्रकार बिहार का रिकवरी रेट 66.43 प्रतिशत है। 28 जुलाई अब तक कोविड-19 के 1,528
मामले प्रतिवेदित हुए हैं, जबकि 27 जुलाई एवं पूर्व 800 कोरोना संक्रमण के नये मामले भी सामने आये हैं। वर्तमान में बिहार में कोविङ-19 के 15,141 एक्टिव मरीज हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में 17,794 सँपल्स की जांच की गई है और अब तक की गयी कुल जांच की
संख्या 5,04,629 है।
लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि प्रतिदिन 20,000 जांच का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और उम्मीद है कि स्वास्थ्य विभाग अगले दो दिनों में यह लक्ष्य प्राप्त कर लेगा। जिला स्तर पर ट्रीटमेंट की अच्छी व्यवस्था हो, इस दिशा में विभाग प्रयत्नशील है। जिला स्तर पर मरीजों का
इलाज, ऑक्सीजन की उपलब्धता, आई0सी0यू0 और वेंटिलेटर की व्यवस्था की जा रही है ताकि कम से कम मरीजों को उच्चतर मेडिकल संस्थानों में इलाज के लिए आना पड़े। आज की तिथि में पटना एम्स को मिलाकर 10 डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल्स हैं, जहाँ सीवियर केटेगरी के मरीजों का इलाज हो रहा है। अस्पतालों की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सभी मेडिकल कॉलेजों में लोगों की प्रतिनियक्ति की गयी है। जिला स्तर परकण्ट्रोल रूम बनाये गये हैं, जहाँ तीन पाली में लोगों की प्रतिनियुक्ति की गयी है। जिला स्तर पर भी नियंत्रण कक्ष बनाये गये हैं ताकि लोगों को किसी प्रकार की समस्या न हो। अभी 33,000 बेड्स कैपिसिटी वाले 200 कोविड केयर सेंटर्स फंक्शनल है, जिनमें करीब 19,000 बेड्स लगाये जा चुके हैं। इनमें 4,202 ऑक्सीजन सिलिंडर हैं और 43 जगहों पर ऑक्सीजन पाइपलाइन की भी व्यवस्था है। इसके अलावा 6,342 बेड्स की क्षमता वाले 94 डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर्स फंक्शनल हैं, जिनमें 5,000 बेड्स लगाये जा चुके हैं। इनमें 2,925 ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध है और 500 से अधिक जगहों पर ऑक्सीजन पाइपलाइन की सुविधा है। सभी 10 डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल्स में 3,000 डेडीकेटेड बेड्स लगे हुए हैं जबकि इनकी क्षमता 3,860 की है। इनमें 4,542 ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध हैं और 1,856 ऑक्सीजन पाइपलाइन से सम्बद्ध बेड्स हैं। उन्होंने बताया कि आज की तिथि में 394 केन्द्रों में कोविड-19 मरीजों का इलाज किया जा रहा है, जहाँ करीब 44,000 बेड्स कैपिसिटी है। इनमें 26,000 बेड्स लग चुके हैं और 12,000 ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध हैं, जबकि 2,500 बेड्स पर ऑक्सीजन पाइपलाइन की सुविधा है। 270 आई0सी0यू0 बेड्स और 383 वेंटिलेटर क्रियाशील हैं। हर जिले में 4 वेंटिलेटर के साथ एक डेडीकेटेड आई0सी0यू0 की स्थापना की जा रही है जिसमें कोविड के सीवियर केसेज का इलाज होगा।
अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा 1 जुलाई से लागू अनलॉक-2 के तहत जारी गाइडलाइन्स का अनुपालन कराया जा रहा है। पिछले 24 घंटे में 02 कांड दर्ज किये गये हैं और 07 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है। इस दौरान
692 वाहन जब्त किये गये हैं और 17 लाख 75 हजार 900 रूपये की राशि जुर्माने के रुप में वसूल की गई है। इस प्रकार 1 जुलाई से अब तक 43 कांड दर्ज किये गये हैं और 65 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है। कुल 23,854 वाहन जब्त किए गए हैं और करीब 05 करोड़ 62 लाख 92
हजार 15 रुपए की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गयी है। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं पहनने वाले लोगों पर भी लगातार कार्रवाई की जा रही है। पिछले 24 घंटे में मास्क नहीं पहनने वाले 5,630 व्यक्तियों से 02 लाख 81 हजार 500 रूपये की राशि
जुर्माने के रूप में वसूल की गयी है। इस प्रकार 05 जुलाई से अब तक मास्क नहीं पहनने वाले 1,31,745 व्यक्तियों से 65 लाख 87 हजार 250 रूपये की जुर्माना राशि वसूल की गयी है। कोविड-19 से निपटने के लिये उठाये जा रहे कदमों और नये दिशा-निर्देशों का पालन करने में
अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाये जा रहे हैं।
अपर मुख्य सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार विवेक कुमार सिंह ने बताया कि राज्य के सभी 534 अंचलों में ऑनलाइन दाखिल खारिज की कार्रवाई चल रही है और लगभग 3.67 करोड़ जमाबंदियों में दर्ज विवरणी को डिजीटाइज्ड किया गया है ताकि रैयतों द्वारा ऑनलाइन माध्यम
से लगान भुगतान सुविधा का अधिक से अधिक उपयोग किया जा सके। अब तक ऑनलाइन माध्यम से दाखिल खारिज हेतु 32,92,945 याचिकाएं दायर की गयीं जिनमें से 25,38,978 मामलों का निष्पादन कर दिया गया है, जो कुल निष्पादन का 77.10 प्रतिशत है। शेष याचिकाओं के निष्पादन की कार्रवाई की जा रही है। राज्य के सभी अंचलों में ऑनलाइन माध्यम से लगान भुगतान सुविधा प्रारंभ कर दी गयी है और 1 अप्रैल 2020 से 27 जुलाई 2020 तक 6,92,914 रैयतों को लगान रसीद निर्गत किया गया है जिससे 12,05,16,820 रूपये के राजस्व की वसूली की गयी है। ऑनलाइन प्रकाशित डिजिटाइज्ड जमाबंदी पंजियों में त्रुटियों के सुधार के लिए परिमार्जन पोर्टल विकसित किया गया है और अब तक 51,304 शिकायतें प्राप्त हुई हैं जिनमें से 16,461 शिकायतों का निपटारा किया जा चूका है और शेष प्रक्रियाधीन हैं। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा ऑनलाइन एल0पी0सी0 प्राप्त करने की सुविधा भी शुरू की गयी है और इसके लिए अब तक 70,020 आवेदन प्राप्त हुए है जिनमें से 60,560 आवेदनों का निष्पादन किया जा चुकाहै। अभियान बसेरा के अंतर्गत सर्वेक्षण के क्रम में 1,29,880 परिवारों को वासभूमि रहित पाया गया और अब तक वासभूमि रहित 92,498 परिवारों को वासभूमि उपलब्ध करायी गयी है। शेष 37,391 परिवारों को चालू वित्तीय वर्ष में वासभूमि उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ऑपरेशन भूमि दखल देहानी के अंतर्गत बंदोबस्त की गयी भूमि से बेदखली के कुल 1,29,118 मामलों को चिन्हित करते हुए कुल 96,780 परिवारों को आवंटित जमीन पर दखल-कब्जा दिलाया गया है और शेष परिवारों को दखल दिलाने के संबंध में कार्रवाई की जा रही है।
सचिव जल संसाधन संजीव हंस ने राज्य की विभिन्न नदियों के जलस्तर एवं बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंधों की स्थिति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अभी कोसी नदी का जलश्राव 2,00,300 क्यूसेक है। गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्र में निरंतर बरसात हो रही है और कुछ जगहों पर भारी बारिश की संभावना है। इन दोनों नदियों के क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में है। बागमती खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बेनीबाद से हायाघाट तक स्टैटिक या बहुत मामूली वृद्धि होने की सम्भावन है। कमला बलान नदी के जलग्रहण क्षेत्र में बरसात होने से झंझारपुर रेल पुल के पास स्थिति फॉलिंग ट्रेंड में है। अधवारा समूह की नदियों के जलस्तर में कोई वृद्धि नहीं देखी जा रही है और कुछ जगहों पर जलस्तर में कमी आ रही है। महानंदा नदी के जलस्तर में कुछ जगहों पर फॉलिंग ट्रेंड है तो कुछ जगहों पर राइजिंग ट्रेंड है। गंगा नदी में समी जगहों पर स्थिति स्टैटिक या फॉलिंग है। फरक्का बराज के सभी गेट खोल दिए गये हैं। अगले तीन दिनों का जो पूर्वानुमान है उसके अनुसार महानंदा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश होने की संभावना है। कोशी, गंडक, कमला बलान और बूढी गंडक के जलग्रहण क्षेत्र में भी बारिश की संभावना व्यक्त की गयी है। तटबंध के टूटान स्थल पर कट एंड प्रोटेक्शन का काम चल रहा है। मोतिहारी वाले टूटान स्थल पर कट एंड प्रोटेक्शन का कार्य पूर्ण हो चुका है। गोपालगंज के देवापुर में एक टूटान स्थल का कट एंड प्रोटेक्शन का कार्य पूरा हो गया है और दूसरे स्थल पर कट एंड प्रोटेक्शन का कार्य जारी है। बगहा जिला के बैकुंठपुर प्रखंड में टूटान स्थल पर भी कट एंड प्रोटेक्शन का कार्य प्रारंभ हो चुका है।
आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है। नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 12 जिलों के कुल 102 प्रखंडों की 901 पंचायतें प्रभावित हुयी हैं, जहाँ
आवश्यकतानुसार राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। पूर्वी चम्पारण में 02, गोपालगंज में 11, खगड़िया में 01 और समस्तीपुर में 05 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। इन सभी 19 राहत शिविरों में कुल 25,116 लोग आवासित हैं। उन्होंने बताया कि 989 कम्यूनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं,
जिनमें प्रतिदिन 5,71,122 लोग भोजन कर रहे हैं। सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एन0डी0आर0एफ0 और एस0डी0आर0एफ0 की टीमें राहतएवं बचाव का कार्य कर रही हैं और अब तक प्रभावित इलाकों से एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 और बोट्स के माध्यम से 2,88,283 लोगों को निष्क्रमित किया गया है। बाढ़ प्रभावित जरूरतमंद लोगों को पॉलिथिन सीट्स भी उपलब्ध करायी गयी है। मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान को देखते हुए सभी जिलों को अलर्ट करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग सम्पूर्ण स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा है।