कायर, धोखेबाज जने, जने नहीं क्यों बोस !!
कैसे भूले बोस को, सौरभ हिन्दुस्तान !
कतरा-कतरा खून का, उनका यहाँ कुर्बान !!
बच्चा-बच्चा बोस का, ऐसा हुआ मुरीद !
शामिल होकर फ़ौज में, होने चला शहीद !!
भारत के उस बोस की, गाथा बड़ी महान !
अपनी मिट्टी के लिए, छोड़ा सकल जहान !!
कब दुश्मन से थे झुके, जीए बोस प्रचंड !
नहीं गुलामी को सहा, सहा न कोई दंड !!
भारत उनकी आन था, भारत पहला धर्म !
भारत ही था बोस का, सबसे पहला कर्म !!
एक सभी से बात ये, पूछे आज सुभाष !
सौरभ क्यों है दिख रही, भारत माँ उदास !!
भारत माँ की कोख पर, होता अब अफ़सोस !
कायर, धोखेबाज जने, नहीं जने क्यों बोस !!
डॉo सत्यवान सौरभ,
रिसर्च स्कॉलर,कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार