14 महीनों तक नजरबंदी में रहने वालीं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आग उगलनी आरंभ कर दी है। उन्होंने कहा है कि जब तक जम्मू कश्मीर में उसका संविधान और झंडा लागू नहीं किया जाता, वे किसी भी दूसरे झंडे को न ही हाथ लगाएंगी और न ही सलाम करेंगी। उनका इशारा भारतीय तिरंगे की ओर था।
महबूबा मुफ्ती ने 14 महीनों तक नजरबंद रहने के बाद शुक्रवार को एक विवादित टिप्पणी की। यही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि हजारों युवाओं ने कश्मीर के लिए अपनी जान कुर्बान की है। अब वक्त है अपना खून बहाने का है। यह सच है कि महबूबा मुफ्ती की रिहाई के साथ ही घाटी में ठंडी पड़ी सियासी गतिविधियां तेज होने लगी हैं। अपनी 14 महीने की हिरासत के बाद आज पहली बार पत्रकारों के समक्ष रूबरू हुईं महबूबा मुफ्ती के बयानों ने यह स्पष्ट कर दिया कि उनकी पार्टी जम्मू कश्मीर को वहीं दर्जा वापस दिलाने में जमीन-आसमान एक कर देंगी। उन्होंने आते ही आग उगलकर कश्मीर की राजनीति को ही नहीं बल्कि माहौल को भी गरमा दिया है।
महबूबा मुफ्ती ने इस दौरान बिहार चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अनुच्छेद 370 का मुद्दा उछाले जाने पर कहा कि बिहार में वोट हासिल करने के लिए उनके पास दिखाने को कुछ नहीं है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हम आर्थिक तौर पर बांग्लादेश से भी पिछड़ चुके हैं।चाहे वह रोजगार का मुद्दा हो या कुछ और, हर फ्रंट पर यह सरकार नाकामयाब है। उन्होंने कहा- ‘इस सरकार के पास कोई ऐसा काम नहीं है जिसे दिखाकर वो वोट मांग सके। ये लोग कहते हैं कि अब जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदी जा सकेगी। फिर कहते हैं कि फ्री वैक्सीन बांटेंगे। आज पीएम मोदी को वोट के लिए आर्टिकल 370 पर बात करने की जरूरत पड़ती है।
चीन को लेकर महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि यह सच है कि चीन ने हमारी 1000 स्क्वायर किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया। मुझे लगता है कि हम किसी तरह 40 किमी जमीन वापस पाने में कामयाब रहे। चीन आर्टिकल 370 और जम्मू-कश्मीर के बारे में भी बात करता है। वो पूछता है कि आखिर कश्मीर को संघशासित प्रदेश क्यों बनाया गया। आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर पर अंतरराष्ट्रीय तौर पर जितनी चर्चा हुई उतनी कभी नहीं हुई।
महबूबा ने अपने गठबंधन का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा से हाथ मिलाना उनकी सबसे बड़ी गलती थी। भाजपा के साथ अपने गठबंधन के फैसले पर महबूबा ने कहा कि उन्होंने ‘जिन्नी’ को एक बोतल में डालने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुए। स्वर्गीय मुफ्ती मुहम्मद सईद को पता था कि दक्षिणपंथियों का तूफान आ रहा है, उन्होंने उनसे हाथ मिलाने की कोशिश की और जम्मू-कश्मीर को चलाने के बारे में कहा था।
महबूबा ने अनुच्छेद 370 की पुनः बहाली का यकीन दिलाते हुए कहा कि जिन्होंने हमसे हमारा हक छीना है, उन्हें हमारा हक लौटाना है। मैं अपने लोगों को, जम्मू कश्मीर की अवाम को इसका यकीन दिलाती हूं। महबूबा मुफ्ती ने इस दौरान चुनावी सियासत से दूर रहने का एलान करते हुए कहा कि जब तक हमें हमारा संविधान और झंडा नहीं लौटाया जाएगा, हम किसी भी चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे।
उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए हजारों लोगों ने अपनी जान दे दी है, अब राजनेताओं के लिए भी समय है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 35ए और 370 की बहाली की लड़ाई किसी पार्टी की लड़ाई नहीं है, बल्कि जम्मू कश्मीर के लोगों की लड़ाई है। लोगों को भी हमारा समर्थन करना चाहिए।