Bihar Election- इस सीट को लेकर भी फंस सकता है पेंच, JDU के साथ BJP में भी है प्रत्याशी की मजबूत दावेदारी
विधान सभा चुनाव को लेकर गहमागहमी के बीच प्रत्याशियों को बदलने और गठबंधनों के बीच सीटों के ताल-मेल को लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है. कई सीटों पर प्रत्याशी बदलने की बात हो रही है तो कई गठबंधन के खाते में जाने का डर.
आज हम चर्चा करेंगे बिहार के रोहतास जिले के काराकाट विधान सभा क्षेत्र की. यहाँ वर्तमान विधायक हैं संजय यादव, संजय यादव पिछले चुनाव में आरजेडी की टिकट पर चुनाव जीते थें.
काराकाट विधान सभा क्षेत्र का मुख्य बाजार बिक्रमगंज का अनुमंडल मुख्यालय है और बिक्रमगंज के ही रहने वाले संजय यादव ने सन 2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के राजेश्वर राज को हराकर इस सीट पर कब्जा जमा लिया.
काराकाट का इलाका कम्युनिस्ट आंदोलन के लिए भी चर्चित रहा है. 90 के दशक में यहां वामपंथ ने खूब पांव पसारा. राजनीतिक परिदृश्य की बात करें तो कभी इस इलाके पर समाजवादी नेता तुलसी सिंह का कब्जा था. सन 1990 तथा 1995 में तुलसी सिंह जनता दल से विधायक चुने गए थे लेकिन सन 2000 तथा 2005 के फरवरी के चुनाव में उन्हें सीपीआई के अरुण सिंह से पराजय का मुंह देखना पड़ा. माले के अरुण सिंह तीन बार काराकाट के विधायक रहे.
राजेश्वर राज पहले भी रह चुके हैं उम्मीदवार
इस बार स्थितियां बहुत बदली नजर आ रही हैं. पिछली बार के पराजित उम्मीदवार राजेश्वर राज 2010 का चुनाव जीते थें पर जेडीयू और बीजेपी में मतभेद और राजद-जेडीयू गठबंधन के बाद यह सीट राजद को चली गयी थी. 2015 का चुनाव राजेश्वर राज बीजेपी की टिकट पर लडे पर हार गए. इस बार देखना यह है कि बीजेपी और जेडीयू गठबंधन में यह सीट किसके खाते में जाता है.
काराकाट के स्थानीय सूत्रों की मानें तो इस क्षेत्र का सामाजिक समीकरण थोड़ा भिन्न है. सूत्रों के मुताबिक यदि यह सीट बीजेपी को मिलती है तो इस बार प्रत्याशी भी बदले जा सकते हैं.
स्थानीय सूत्रों के अनुसार हालांकि इस क्षेत्र से कई दावेदार बीजेपी से हैं पर उनमे सबसे मजबूत और पुराने भाजपाई बलराम मिश्रा हैं. बलराम मिश्रा के बारे में लोग बताते हैं कि इन्होने कक्षा 9 की उम्र से जेपी की अगुवाई में जेपी के लाडले रहे हैं. बलराम मिश्रा अपने राजनीतिक सफर में कई दफा इमरजेंसी के दौरान कई महीनों तक जेल में रहे।
बलराम मिश्रा हैं इस क्षेत्र से मजबूत दावेदार
श्री मिश्रा स्वभाव से सरल सहज हैं. अपने क्षेत्र की एक-एक जनता से इनका लगाव इनकी पहचान और प्रसिद्धी बढाती है. काराकाट क्षेत्र की जनता इन्हें बिहार का मालवीय बुलाती है. आपको बताते चलें कि छात्र जीवन में इन्होंने बिक्रमगंज क्षेत्र में महिला महाविद्यालय ना होने के कारण लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा में परेशानी आ रही थी. तब इन्होने ने तत्कालीन मुख्यमंत्री से बात करके महिलाओं की शिक्षा अपने क्षेत्र में चालू कराई. तत्पश्चात महिलाओं के लिए इंटर तथा डिग्री कॉलेज खोला इन्होंने जो प्रतिवर्ष लगभग 5000 छात्राओं को शिक्षित करता है।
श्री मिश्रा स्वभाव से सरल सहज हैं. अपने क्षेत्र की एक-एक जनता से इनका लगाव इनकी पहचान और प्रसिद्धी बढाती है. काराकाट क्षेत्र की जनता इन्हें बिहार का मालवीय बुलाती है. आपको बताते चलें कि छात्र जीवन में इन्होंने बिक्रमगंज क्षेत्र में महिला महाविद्यालय ना होने के कारण लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा में परेशानी आ रही थी. तब इन्होने ने तत्कालीन मुख्यमंत्री से बात करके महिलाओं की शिक्षा अपने क्षेत्र में चालू कराई. तत्पश्चात महिलाओं के लिए इंटर तथा डिग्री कॉलेज खोला इन्होंने जो प्रतिवर्ष लगभग 5000 छात्राओं को शिक्षित करता है।
श्री मिश्रा बताते हैं कि इन्होंने सड़क बनाने हेतु दीवाल पर लिख लिख कर आंदोलन किया है और आज तक जीवन में जितने आंदोलन किए हैं, सब में सफल हुए. रेलवे की छोटी लाइन को बड़ी लाइन करवाया विद्युतीकरण करवाया अपने क्षेत्र में पानी टंकी की व्यवस्था कराई.
ये सभी कार्य बलराम मिश्रा को अपने क्षेत्र में अलग पहचान देती है.
आंकड़ों की बात करें तो काराकाट विधानसभा क्षेत्र की कुल आबादी 587522 है. जिसमें पुरुषों की संख्या 296483 तथा महिलाओं की संख्या 291040 है. अब बात मतदाताओं की करते हैं. काराकाट विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 322737 है. जबकि पुरुष मतदाताओं की संख्या 168519 तथा महिलाओं मतदाता की संख्या 154200 है. पिछले विधानसभा में मतदान का प्रतिशत- 48.80 रहा था.
पिछले पांच विधानसभा में कौन-कौन रहे विधायक
2015 संजय यादव राजद
2010 राजेश्वर राज जदयू
2005 (अक्टूबर) अरुण सिंह सीपीआई(एमएल) एल
2005 (फरवरी) अरुण सिंह सीपीआई(एमएल) एल
2000 अरुण सिंह सीपीआई(एमएल) एल
1995 तुलसी सिंह जनता दल
1990 तुलसी सिंह जनता दल