विविधसम्पादकीय

डिजिटल क्रांति का गवाह बनेगा “घर तक फाइबर” योजना, सभी गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से इंटरनेट देने वाला पहला राज्य बनेगा बिहार

कई योजनायें लागु करने का आश्वासन सरकारें देती हैं जिसमे कई लागू होते हैं तो कई ठन्डे बसते में पड़ जाते हैं। कई योजनाओं का बहुत अधिक और सफल क्रियान्वयन भी होता है। इन्ही के बीच सैकड़ो में से कुछ योजनायें क्रांति का रूप ले लेती हैं। ऐसी हीं एक योजना है “घर तक फाइबर”।

“घर तक फाइबर” अब पंचायतों से घर तक

हालाँकि चुनावी माहौल में सत्ता के द्वारा किये गए सभी कार्य को चुनाव से जोड़ कर देखा जाता है। उसी प्रकार चिर प्रतीक्षित योजना “ई ग्राम स्वराज” हालांकि चुनावी माहौल में शुरू हुआ, परन्तु इसकी नींव पीएम मोदी ने बहुत पहले हीं रख दी थी। “ई ग्राम स्वराज” योजना के अंतर्गत सभी पंचायतों को इन्टरनेट से जोड़ने की बात थी। पीएम मोदी ने इस योजना को “घर तक फाइबर” कर इसे पंचायतों से घर तक पहुंचा दिया।

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के सभी 45,945 गांवों को ऑप्टिकल फाइबर इंटरनेट से जोड़ने वाली परियोजना का शुभारंभ किया। भारत सरकार के दूरसंचार विभाग की इस परियोजना के तहत 1,000 करोड़ रुपयों की लागत से बिहार के सभी गांवों में मार्च 2021 तक ऑप्टिकल फाइबर बिछा कर तेज़ गति इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। इस कार्य का क्रियान्वयन भारत की संस्था कॉमन सर्विस सेण्टर (सीएससी) के द्वारा किया जायेगा।

इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे

पीएम मोदी और उनके सहयोगी केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस योजना को इस प्रकार ढाला कि गांवों में इन्टरनेट तो उपलब्ध होंगे हीं साथ हीं इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इस योजना से कॉमन सर्विस सेंटर के संचालकों और ग्रामीण क्षेत्रों में ऑप्टिकल फाइबर के कार्य में लगे युवाओं को रोज़गार भी मिलेंगे। अब तक बिहार के सभी 8,339 ग्राम पंचायतों तक भारत नेट परियोजना के द्वारा ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जा चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से दिए अपने सम्बोधन में कहा था की अगले एक हज़ार दिनों में देश के सभी छः लाख गांवों को ऑप्टिकल फाइबर इंटरनेट से जोड़ा जायेगा।  इसी की शुरुआत आज उन्होंने बिहार से की है और राज्य में इस कार्य को पूरा करने के लिए मार्च 2021 तक लक्ष्य भी रखा है।

गांवों में इंटरनेट पहुँचने से सरकारी खर्च पर पांच चिन्हित सरकारी संस्थाओं जैसे की विद्यालय, आंगनवाड़ी केंद्र, जीविका दीदी आदि को एक वर्ष तक मुफ्त इंटरनेट भी उपलब्ध करवाया जायेगा। जो घर अपने यहाँ निजी इंटरनेट की लाइन लेना चाहेंगे वो भी कम मासिक शुल्क पर इंटरनेट की सुविधा अपने घरों में लगवा सकेंगे।  कॉमन सर्विस सेण्टर के द्वारा गांवों में टेली-मेडिसिन के द्वारा जनता को बड़े अस्पतालों के अच्छे डॉक्टरों की सलाह भी मिल सकेगी।  छात्र तेज़ गति इंटरनेट उपलब्ध होने से डिजिटल शिक्षा की सुविधा प्राप्त कर सकेंगे।  किसानों को देश के किसी भी भाग में अपनी उपज बेचने और इंटरनेट के द्वारा अपनी फसल के बारे में विशेषज्ञों की राय भी मिल पाएगी।

बिहार के डिजिटल भविष्य का शुभारंभ

प्रधानमंत्री ने आज इस परियोजना को बिहार के डिजिटल भविष्य का शुभारंभ बताया। उन्होंने कहा की इंटरनेट की अच्छी उपलब्धता से गांव और शहर की दूरियां मिटेंगी और लोगों को कई सुविधाओं के लिए शहर नहीं आना पड़ेगा। उन्होंने बिहार के लोगों को इस बात की भी बधाई दी कि इस परियोजना के पूरा होने पर सभी गांवों को ऑप्टिकल फाइबर इंटरनेट से जोड़ने वाला बिहार देश का पहला राज्य बन जायगा।

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया धन्यवाद

इस कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में बिहार का विकास तेज़ हुआ है। हर क्षेत्र में जितने विकास की परियोजनाएं बिहार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में मिली हैं उतनी पहले कभी नहीं मिली है। लगभग 1000  करोड़ की लागत वाली ऑप्टिक्ल फाइबर की इस परियोजना को बहुत की कम समय में अपनी मंजूरी देने के लिए उन्होंने प्रधानमन्त्री को सभी बिहार वासियों की तरफ से धन्यवाद दिया। इस परियोजना के द्वारा ग्रामीण स्‍तर पर भी इंटरनेट और संचार तकनीक का काम करने वाले प्रशिक्षित युवा डिजिटल सिपाही के रूप में तैयार होंगे।

योजना का पचास प्रतिशत भी सफल क्रियान्वयन हुआ तो भी गांवों की दशा और दिशा बदल जायेगी

इसमें दो राय नहीं कि यह योजना डिजिटल क्रांति का एक हिस्सा बनेगी। पीएम मोदी की सोच और रविशंकर प्रसाद की योजना ने गांवों में क्रांति की शुरुआत कर दी है। अब देखना यह है कि इतने कम समय में चुनौती भरी ये योजना कितना सफल होती है। हाँ एक बात जरुर है कि ठन्डे बसते में चली जाने वाली सैकड़ों आश्वासनों के बीच ये चुनौती भरी योजना का पचास प्रतिशत भी सफल क्रियान्वयन को जाता है तो भी गांवों की दशा और दिशा बदल जायेगी।

मधुप मणि “पिक्कू”
(लेखक इस मीडिया ग्रुप के मुख्य संपादक हैं और एक निजी चैनल के समाचार संपादक रह चुके हैं)
(आलेख में व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं)